Rajnitik Siddhant Kya Hai: – राजनीतिक सिद्धांत क्या है? जब हम केवल सिद्धांत के बारे में बात करतें हैं तो हम यह कह सकतें हैं कि सोसाइटी में उठने वाले किसी मुद्दे पर अलग अलग लोगो के अलग अलग विचार होतें है
जिनको मिलाकर एक थ्योरी ( सिद्धांत ) बनता हैं परन्तु जब राजनीतिक सिद्धांत पर चर्चा होती हैं तब राजनीति सिद्धांत क्या है? ( राजनीतिक सिद्धांत की परिभाषा क्या हैं?
राजनीति सिद्धांत का महत्व ( इम्पोर्टेंस ) राजनीतिक विज्ञान में प्राचीन काल से हैं मतलब प्राचीन समय से लेकर वर्तमान ( आधुनिक ) समय तक राजनीतिक सिद्धांत का महत्त्व राजनीतिक विज्ञान में बहुत अधिक हैं क्योकि राजनीतिक सिद्धांत का क्षेत्र असीमित हैं
हाँ राजनीतिक सिद्धांत में सामाज की उन सभी घटनाओ के बारे में हमें समझने में मदद करती हैं जो हमारे आस पास घट रही हैं जिससे हम उसको समझें और उसका समाधान निकाल सकें यही कारण हैं कि वर्तमान में इस विषय का बहुत अधिक महत्त्व हैं
राजनीतिक सिद्धांत का अध्ययन करने के लिए दौरान हमारी रिसर्च के अनुसार हर वर्ष एग्जाम पेपर में राजनीतिक सिद्धांत से सम्बंधित प्रशन होता हैं इसीलिए, ग्रेजुएशन या अन्य राजनितिक विज्ञान को पढने वाले स्टूडेंट्स के लिए,
राजनीतिक सिद्धांत पर यह बेसिक लेख लिखा गया हैं इसीलिए राजनीतिक सिद्धांत का अर्थ और महत्व हो या राजनीतिक सिद्धांत की विशेषताएं इस पोलिटिकल थ्योरी नोट्स इन हिंदी में आपको सब कुछ पढने के लिए साधारण भाषा में मिल जाएगा
कुछ पोपुलर प्रशन जो एग्जाम में देखने को मिलते हैं?
- राजनीति सिद्धांत क्या हैं? इसके महत्त्व का औचित्य बताते हुए राजनीति सिद्धांत के पुनरुत्थान की विवेचना कीजिये?
- राजनीतिक सिद्धांत की क्या विशेषता हैं आज के समय में इसकी प्रासंगिकता की चर्चा कीजिए?
- राजनीतिक सिद्धांत क्या हैं? इसकी प्रासंगिकता की विवेचना करें?
- राजनीति सिद्धांत क्या हैं? इसके प्रकर्ति और महत्त्व की विवेचना करें?
- राजनीतिक सिद्धांत के महत्व पर प्रकाश डालिए? राजनीतिक सिद्धांत के महत्व पर लेख लिखिए?
- राजनीतिक सिद्धांत क्या है व्याख्या कीजिए?
- राजनीतिक सिद्धांत का अर्थ क्या है?
- राजनीतिक सिद्धांत किसे कहते हैं?
- राजनीतिक सिद्धांत की दो प्रमुख विशेषताएं?
- राजनीतिक सिद्धांत का उद्देश्य क्या है?
राजनीतिक सिद्धांत क्या है? ( राजनीति सिद्धांत क्या है? ) – राजनीतिक सिद्धांत का अर्थ और महत्व?
समाज की राजनीति प्रक्रियाओ ( घटनाओ ) का वर्णन या घटनाओ के घटित होने को समझना और उसकी कमी को दूर करने के उपाय बताना राजनीतिक सिद्धांत कहलाता हैं सत्ता के लिए संघर्ष से सम्बंधित गतिविधियां राजनीतिक सिद्धांत के अंदर आती है
राजनीतिक सिद्धांत में राजनीति का अर्थ किसी स्टेट और उन सभी लोगो से होता हैं जो स्टेट के द्वारा किसी फैसले से प्रभावित होते हैं परन्तु, सोसाइटी में चल रही घटनाओ के ऊपर,
विचारक ( राजनितिक लेखक ) के उन विचार को सिद्धांत कहलातें हैं जो स्टेट ( दुनिया ) में सभी लोगो के द्वारा माने जातें हैं क्योकि राजनितिक लेखक अपने विचारों को अपने अनुभव के आधार पर देतें हैं
थ्योरी एक ऐसी प्रकिया हैं जो कभी ख़तम नहीं होती हैं मतलब किसी विषय पर यह प्रक्रिया तब तक चलती रहती हैं जब तक उस विषय के ऊपर एक पारदर्शित थ्योरी ना आ जाए
नोट – राजनितिक सिद्धांत में पूछे गए प्रशन केवल स्टेट और समाज ( सोसाइटी ) से सम्बंधित होतें हैं
सिद्धांत शब्द को अंग्रेजी भाषा में Theory कहा जाता हैं जो दो ग्रीक शब्द से मिलकर बना हैं Theoria और Theorema.
Theoria + Theorema = Theory
Theoria का अर्थ “घटना के समझने की क्रिया” से होता हैं और Theorema का अर्थ “निष्कर्ष” होता है इसीलिए Theory का अर्थ होता हैं कि घटना को समझने के बाद निष्कर्ष निकालने से होता हैं
राजनीतिक लेखकों ने राजनीतिक सिद्धांतों को परिभाषित करने के लिए अपने विचारो के अनुसार कुछ तर्क दिए हैं
डेविड हेल्ड – राजनीतिक सिद्धांत राजनीतिक जीवन से सम्बंधित धारणाओ तथा सामान्य नियमो का वह समूह है, जिसमे सरकार राज्य और समाज की प्रक्रति एंव व्यक्ति की विचार परिकल्पनाओ के बीच सहयोग स्थापित किया जाता हैं
एनडू हेकर – राजनीतिक सिद्धांत जहाँ एक तरह अच्छे समाज और अच्छे राज्य से सम्बंधित नियमों की निष्पक्ष खोज हैं वहां दुसरी तरफ राजनीतिक और सामाजिक वास्तविकता का निष्पक्ष ज्ञान है
जार्ज कैटलीन – राजनीतिक सिद्धांत राजनीतिक विज्ञान और राजनीतिक दर्शनशास्त्र दोनों का मिश्रण हैं
आनोल्ड बेच्ट – जब कोई विदवान विचारक किसी विशिष्ट विषय पर विचार सम्पूर्ण द्रष्टिकोण प्रस्तुत करता है, तो हम उस सम्पूर्ण विचार को उस विदवान का सिद्धांत कहते हैं इस सिद्धांत की रचना में तथ्यों का वर्णंन, विश्लेषण व व्याख्या सहित उसका इतिहास के प्रति द्रष्टिकोण सम्मिलित होता है
राजनीतिक सिद्धांतों के कार्य समझें?
राजनीतिक सिद्धांतों का मुख्य काम तीन स्टेप्स में समझा जा सकता हैं क्योकि राजनीतिक लेखक के द्वारा राजनीतिक तथ्यों का वर्णन करके उसको अच्छे से समझने के बाद उसकी कमियों को दूर करके,
अपने अनुभव के आधार पर उसका पुर्ननिर्माण करना होता हैं
वर्णन – इसमें चीजों के डिस्क्रिप्शन का अच्छे से अध्ययन करना होता हैं
आलोचना – इसमें हम वर्णन किये डिस्क्रिप्शन में कमीयों की आलोचना करतें हैं
पुनानिर्माण – इसमें आलोचना की गई लाइन को हटाकर उसका पुनानिर्माण करतें हैं
राजनीतिक सिद्धांत में हम राजनीतिक लेखक के विचारों को दो तरह से देखते हैं
- दार्शनिक – जो विचार करना चाहिए? टाइप के होतें हैं उनको हम दार्शनिक में रखतें है वर्ष 1945 से पहले के सभी विचार दार्शनिक में शामिल होते हैं यह प्लेटो – अरस्तु का समय था
- व्यवहारिक – इसमें हम क्या हो रहा हैं? पर बात करतें हैं क्योकि इसमें फैक्ट्स, रियलिटी और लॉजिक पर विचार आधारित होतें हैं वर्ष 1945 के बाद के विचारों को व्यवहारिक में रखा गया हैं
राजनीतिक सिद्धांतों के विषयक्षेत्र क्या होता हैं
राजनीतिक सिध्दांत में अध्ययन करने के लिए मुख्य फोकस “राजनीतिक संकल्पनाएँ और विचार” एंड “राजनीतिक संस्थाएं और व्यवहार” पर किया जाता हैं परन्तु, इन्हें पढने ( अध्ययन ) करने के लिए दो पद्धति का उपयोग किया जाता हैं
जिसमें “वर्णात्मक वैज्ञानिक” और “मानकीय दार्शनिक” शामिल हैं
राजनीतिक सिद्धांत की विशेषताएं क्या हैं? ( आधुनिक राजनीतिक सिद्धांत की विशेषताएं? )
राजनीतिक विज्ञान में राजनीतिक सिद्धांत की कुछ विशेषताएं होती हैं जिनके बारे में हमने नीचे बताया हैं –
- व्यक्ति की बौद्धिक एंव राजनीतिक कृति होती हैं
- व्यक्ति, समाज तथा इतिहास की व्याख्या होती हैं
- राजनीतिक सिद्धांत किसी विषय-विशेष आधारित होता हैं
- समाजिक परिवर्तन के लिए साधन भी जुटाना
- विचारधारा का समावेश होता है
लास्की ( राजनीतिक लेखक ) – राजनितिक विज्ञान का अर्थ केवल तथ्यों की व्याख्या करना नहीं हैं “समाज को समझाना और उसकी गलतियों में सुधार करने के तरीके जुटाना”
राजनीतिक सिद्धांत का अध्ययन क्यों करना चाहिए? – Important Question
- राज्यों और समाज का क्रमबद्ध अध्ययन कर ज्ञान उपलब्ध करवाता हैं
- ये व्यक्ति के सामाजिक, राजनीतिक अधिकारों एंव कर्तव्य समानता, न्याय के बारे में भी वर्णन करता हैं
- ये सामाजिक और आर्थिक व्याख्या को समझाने तथा उनसे सम्बंधित समस्याओ जैसे – गरीबी, बेरोजगारी, हिंसा, भ्रष्टाचार आदि का भी वर्णन करता हैं
- भविष्य के लिए एक नवीन विचार प्रदान करता हैं
- यह उच्च कोटि का बौद्धिक प्रयास प्रस्तुत करता हैं
- निर्धारित और संकल्पनाओ का स्पष्टीकरण करता हैं
- राजनीतिक तर्क का निर्माण और परिक्षण करता हैं
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निष्कर्ष
राजनीतिक सिद्धांत का निष्कर्ष समझने में आपको यह समझ लेना चाहिए कि राजनीतिक विज्ञान लगभग 2800 वर्षों से अधिक पुराना विषय हैं जिसके ऊपर सभी राजनीतिक लेखक अपने विचार देते हैं
एग्जाम में इससे रिलेटेड क्वेश्चन जरुर आता हैं इसीलिए, हमारे सभी स्टूडेंट्स इसे अच्छे से तैयार करें
राजनीतिक सिद्धांत में सामाज की उन सभी घटनाओ के बारे में हमें समझने में मदद करती हैं जो हमारे आस पास घट रही हैं जिससे हम उसको समझें और उसका समाधान निकाल सकें यही कारण हैं कि वर्तमान में इस विषय का बहुत अधिक महत्त्व हैं
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लेखक – नितिन सोनी
नमस्ते! मैं एनएस न्यूज़ ब्लॉग पर एक राइटर के रूप में शुरू से काम कर रहा हूँ वर्तमान समय में मुझे पॉलिटिक्स, मनोविज्ञान, न्यूज़ आर्टिकल, एजुकेशन, रिलेशनशिप, एंटरटेनमेंट जैसे अनेक विषयों की अच्छी जानकारी हैं जिसको मैं यहाँ स्वतंत्र रूप से शेयर करता रहता हूं मेरा लेख पढने के लिए धन्यवाद! प्रिय दुबारा जरुर आयें
भाई मैं उत्तराखंड से हूँ मुझे आपके लेख बहुत पसंद हैं मैं राजनीतिक विज्ञान से पढाई कर रहा हूँ मुझे इस वेबसाइट से पढने में बहुत मदद मिलती हैं आज मैंने राजनीतिक सिद्धांत को इस लेख के माध्यम से अच्छे से समझा हैं
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