First Color Film in India: – भारत की पहली रंगीन फिल्म की शुरुआत से अबतक भारतीय फिल्म इंडस्ट्री में केवल रंग से भरी फिल्मो का निर्माण किया जाता हैं हाँ, भाई अब ब्लैक एंड वाइट फिल्मों को कोई नहीं देखता हैं सबको फिल्मों में रंग चाहिए
पहले के जमाने में ब्लैक एंड वाइट टीवी पर केवल ब्लैक एंड वाइट मूवी को देखा जाता था लेकिन अब भारत के हर घर में अच्छी क्वालिटी वाला कलरफुल टीवी मिलता हैं जिसमे वह सभी कलर मूवी को देखकर उनका लुप्त उठा सकता हैं
भारतीय सिनेमा और बॉलीवुड का नाम वर्तमान समय में हर कोई मनुष्य अच्छे से जानता हैं हाँ, भारत में सभी तरह की मूवी देखने वाली ऑडियंस हैं जिसमे कुछ लोग साउथ की फिल्मों को अधिक पसंद करते है और कुछ लोग बॉलीवुड में रणबीर सिंह,
अलिया भट्ट, शाहरुख खान, अक्षय कुमार, रणवीर सिंह, सुनाक्षी सिन्हा जैसी एक्टर की फिल्मों को देखना पसंद करते हैं फिल्म इंडस्ट्री का इतिहास बहुत अच्छा रहा है भारत में किस तरह से फिल्मों का निर्माण होना शुरू हुआ और फिर कैसे बोलने वाली फिल्मों से लेकर,
रंगीन फिल्मों का निर्माण तेजी से होने लगा शामिल हैं आपको पता होना चाहिए कि भारत में बोलने वाली पहली फिल्म आलम आरा रही हैं
क्या भारत की पहली रंगीन फिल्म होती सैरंधी?
इतिहास में देखकर यह पता चलता है कि वर्ष 1933 में भारत के अंदर प्रथम रंगीन फिल्म के निर्माण की बात शुरू हुई इस फिल्म का नाम सैरंधी था और यह फिल्म सैरंधी भारत की पहली रंगीन मूवी बन जाती लेकिन उस समय भारत में फिल्म की प्रोसेसिंग नहीं हो सकती थी
इसीलिए भारत के पुणे के प्रभात फिल्म कंपनी में बनी इस सैरंधी फिल्म को प्रभात स्टूडियो में शूट करके वी शांताराम ( फिल्म निर्देशक ) ने प्रिंट के लिए जर्मनी भेजा गया परन्तु जब यह फिल्म भारत में आई तो इसके रंग धुधले हो गए
- दुनिया की सबसे डरावनी मूवी?
- भारत की सबसे डरावनी कहानी और जगह
- भारत की सबसे डरावनी मूवी?
- सबसे पुरानी फिल्म का नाम?
जिसके कारण यह फिल्म भारत की प्रथम रंगीन फिल्म बनाने से रह गई परन्तु उसके बाद वर्ष 1937 में 8 जनवरी के दिन रिलीज हुई किसान कन्या को यह दर्जा दिया गया
इसीलिए यह कहा जा सकता है कि भारत के सिनेमा में रंग भरने का कार्य फिल्म किसान कन्या ने किया उस दौरान इस फिल्म को लेकर भारत के लोगो में बहुत अधिक उत्साह था क्योकि यह पहली ऐसी फिल्म थी जो रंगीन थी
भारत में इस फिल्म की शूटिंग बलैक एंड वाइट में ही हुई लेकिन इसमें रंग भरने का कार्य एक अमेरिकी कंपनी ने किया था यह सआदत हसन मंटो ( भारतीय फिल्म लेखक ) के द्वारा लिखी गई
पहली फिल्म थी इस फिल्म में कुल दस गानों को रखा गया और इस फिल्म के संगीतकार हमारे रामगोपाल पांडे थे
भारत की पहली रंगीन फिल्म ( प्रथम रंगीन फिल्म कौन सी थी )
भारत की पहली रंगीन फिल्म किसान कन्या नाम के साथ वर्ष 1937 में रिलीज हुई भारत की इस फिल्म का निर्माण अर्देशिर ईरानी ( इंपीरियल पिक्चर्स ) के द्वारा किया गया लेकिन इसको मोती गिडवानी ने निर्देशन किया यही पहली वह फिल्म हैं
जिसके निर्माण के बाद भारत जैसे सबसे बड़े लोकतान्त्रिक देश में रंगीन फिल्मों का निर्माण होना शुरू हो गया ख़ास बात यह होती थी कि उस दौरान भारत में बनी फिल्मों के एक एक सीन में अपने हाथ से रंगों को भरा जाता था
क्योकि उस समय में हमारे पास कलर रील और लैब नहीं होती थी इसीलिए इस दौरान बहुत अधिक मेहनत एक रंगीन फिल्म के लिए करनी पड़ती थी परन्तु 24 साल बाद मतलब वर्ष 1961 के बाद भारत में लगातार रंगील फिल्मो के निर्माण में तेजी देखनी को मिल गई
- कल कौन सी मूवी लगेगी?
- पारिवारिक फिल्मों के नाम ( 100+ मूवी )
- सारी फिल्मों के नाम 300+ फिल्मों की सूची
- सुनील शेट्टी की फिल्में 100 से अधिक फ़िल्में
सैरंधी ( वर्ष 1933 ) फिल्म में कुछ रंगीन द्रश्य रहे लेकिन वी, शांताराम की इस फिल्म किसी कारण से पहली रंगीन फिल्म नहीं माना गया जिसके कुछ वर्षों बाद किसान कन्या हमारे भारत देश में बनाने वाली पहली रंगीन फिल्म बन गई
किसान कन्या फिल्म के विषय पर ( भारत की पहली रंगीन फिल्म कौन सी थी ) – Bharat Ki Pahli Rangeen Film.
इस किसान कन्या फिल्म को सबसे अधिक याद लोगो के द्वारा इसीलिए किया जाता है क्योकि यह भारत में बनी पहली रंगीन फिल्म रही हैं इस फिल्म में गरीब किसानों की दशा को दिखाया गया
इस फिल्म के अर्देशिर ईरानी जी ने ही पहली रंगीन फिल्म बनाने को लेकर अपना विचार रखा जिसके बाद वर्ष 1937 में किसान कन्या को अर्देशिर ईरानी के द्वारा बनाकर भारत की पहली फिल्म ( रंगीन फिल्म ) बनाया गया
हाँ, बॉक्स ऑफिस पर इस फिल्म का प्रदर्शन सामान्य रहा था लेकिन वर्ष 1918 में ही दुनिया में सबसे पहले कैलिफोर्निया हॉलीवुड ने रंगीन साइलेंट फिल्म Cupid Angling को बनाया
जिसके लगभग 19 साल के बाद भारत में लगभग 1937 में 8 जनवरी के दिन प्रथम रंगीन फिल्म का निर्माण देखने को मिला किसान कन्या फिल्म की कहानी भारत की आजादी के बाद भारत में मजदूरों – किसानों की दूर दशा के ऊपर आधारित रही
कहानी में एक गाँव के अंदर किसानों पर जुल्म करने वाले एक जमीदार को दिखाया गया जो उस गाँव के किसान और मजदुर को परेशान करता रहता था
Read Also: –
- शाहरुख खान की फिल्म पहली वाली
- अक्षय कुमार की कुल संपत्ति?
- शाहरुख खान की कुल संपत्ति
- फिल्मों में जाने का तरीका?
- फ्री मूवी डाउनलोड वेबसाइट
- फ्री में मूवी देखने वाला ऐप?
FAQ
भारत की पहली रंगीन फिल्म कौन सी है? ( प्रथम रंगीन फिल्म कौन सी थी )
भारत में बनी पहली रंगीन फिल्म किसान कन्या है जिसको 8 जनवरी साल 1937 में भारत के अंदर रिलीज किया गया उससे पहले भी साल 1933 में सैरंघी फिल्म को भारत की पहली रंगीन फिल्म माना जाता
लेकिन इस फिल्म में रंग भरने के लिए इसको जर्मनी में भेजा गया जिसके बाद जब यह फिल्म वापस आई तब इसके रंग धुधले रहे जिसके कारण यह ब्लैक एंड वाइट फिल्म भारत की पहली रंगीन फिल्म नहीं बन पाई
भारत की पहली फिल्म कौन थी?
भारत में साल 1913 के अंदर बनी फिल्म राजा हरिश्चन्द्र को 3 मई के दिन रिलीज किया था परन्तु इस फिल्म में आवाज नहीं थी मतलब यह एक साइलेंट फिल्म रही राजा हरिश्चन्द्र फिल्म का निर्माण हमारे दादा साहेब फाल्के के द्वारा किया गया था
पहली कलर फिल्म कौन सी है?
दुनिया में पहली कलर फिल्म वर्ष 1908 के अंदर बनी द विजित टू द सीसाइड थी जिसको ब्रिटिश लधु फिल्म कहा गया
पहली बार पुरे देश में कौन सी फिल्म सुपरहिट हुई थी?
पहली बार वर्ष ( साल ) 1931 में रिलीज हुई फिल्म आलमआरा पहली बार भारत देश में हिट होने वाली फिल्म रही हैं जिसमे मुख्य रूप से मास्टर विट्ठल, जुबैदा, पृथ्वीराज कपूर ने अभिनय किया
इस शानदार फिल्म के लेखक जोसेफ डेविड और मुंशी जहीर रहे हैं मार्च 14, 1931 वह दिन था जब इस सुपरहिट मूवी को भारत में रिलीज किया गया ख़ास बात यह है कि इस मूवी के निर्देशन अर्देशिर ईरानी हैं
भारत की पहली बोलती फिल्म कौन सी थी?
भारत में बोलने वाली सबसे पहली फिल्म का नाम आलम आरा था जिसको 14 मार्च के दिन बर्ष 1931 में रिलीज करके भारतीय लोगो के बीच दिखाया गया फिल्म में जुबैदा, मास्टर विट्ठल, पृथ्वीराज कपूर के द्वारा एक्टिंग किया गया
सच्चाई यही है कि इस फिल्म ने भारतीय सिनेमा में पहली बोलने वाली फिल्म के रूप में अपनी नीव को रखा जिसके बाद बोलने वाली फिल्मों का निर्माण भारत में तेजी से होने लगा
भारत की पहली 3D फिल्म कौन सी थी
माई डियर कुट्टीचथन वर्ष 1984 के अंदर 24 अगस्त के दिन रिलीज होने वाली भारत की पहली 3D फिल्म हैं फिल्म के रिलीज होने के बाद इसका बेहतर प्रदर्शन बॉक्स ऑफिस में देखने को मिला इसमें कोट्टाराक्करा श्रीधरन नायर, दलीप ताहिल, सोनिया, मास्टर अरविंद,
मास्टर मुकेश, सूर्य किरण, राजन पी. देव, जगती श्रीकुमार, जगदीश, नेदुमुदी वेणु ने मुख्य रूप से अभिनय ( एक्टिंग ) किया रिपोर्ट के अनुसार उस समय इस फिल्म का बॉक्स ऑफिस कलेक्शन लगभग 10.5 करोड़ रहा और इस हिट फिल्म का निर्देशन जीजो पुन्नूसे ने किया
निष्कर्ष
दुनिया भर में रंगीन फिल्मों का बोलबाला हैं हर देश में केवल रंग से भरी फिल्मों का निर्माण तेजी से किया जा रहा है क्योकि हर कोई व्यक्ति इस स्मार्ट युग में रंगीन मूवी को देखता हैं अब बलैक एंड वाइट फिल्म का जमाना गया हैं
इसीलिए एक भारतीय होने के नाते हमारे लिए यह जानना बहुत जरुरी हैं कि भारत की पहली रंगीन फिल्म कौन सी थी?
मैं यह उम्मीद करता हूँ कि कंटेंट में दी गई इनफार्मेशन आपको पसंद आई होगी अपनी प्रतिक्रिया को कमेंट का उपयोग करके शेयर करने में संकोच ना करें अपने फ्रिड्स को यह लेख अधिक से अधिक शेयर करें
लेखक – नितिन सोनी
नमस्ते! मैं एनएस न्यूज़ ब्लॉग पर एक राइटर के रूप में शुरू से काम कर रहा हूँ वर्तमान समय में मुझे पॉलिटिक्स, मनोविज्ञान, न्यूज़ आर्टिकल, एजुकेशन, रिलेशनशिप, एंटरटेनमेंट जैसे अनेक विषयों की अच्छी जानकारी हैं जिसको मैं यहाँ स्वतंत्र रूप से शेयर करता रहता हूं मेरा लेख पढने के लिए धन्यवाद! प्रिय दुबारा जरुर आयें