Meaning of Prejudice in Hindi: – अक्सर लोग अपने दिमाग में एक दुसरे के बारे में बिना कुछ सोचें विचार बना लेते है ऐसी स्थिति में यह कहा जा सकता है कि हम सभी मनुष्य रोजाना जीवन में पूर्वाग्रह को महसूस करते है
क्योकि लाइफ में जब किसी विशेष धर्म, जाति, समुदाय या अन्य विशेषताओं वाले लोग एक समूह बनाते है तब वह लोग किसी अन्य धर्म, जाति, समुदाय के लोगो के प्रति बिना कुछ जाँच पड़ताल किये एक विचार अपने दिमाग में बनाते है वह पूर्वाग्रह है
हमारी रिसर्च के अनुसार स्टूडेंट्स गूगल में यह सर्च करते हैं कि पूर्वाग्रह किसे कहते हैं? ( Purvagrah Kise Kahate Kain )
ग्रेजुएशन के दौरान मनोविज्ञान पढने वाले स्टूडेंट्स के लिए एग्जाम में कई बार पूर्वाग्रह को लेकर यह प्रश्न पूछा जाता है कि पूर्वाग्रह से आप क्या समझते हैं?
परन्तु जब भारतीय स्टूडेंट्स को पूर्वाग्रह मीनिंग इन हिंदी के विषय पर अच्छी जानकारी नहीं होती है तब वह परेशान हो जाते है इसीलिए अपनी समस्या के समाधान के लिए हमे सर्वप्रथम यह पढ़ना चाहिए कि अंतर समूह संबंध क्या होता है?
अंतर समूह संबंध क्या होता है? ( Inter Group Relations in Hindi )
यह लोगो का एक ऐसा समूह होता है जिसके अंतर्गत विभिन्न समूहों के बीच धारणा, बातचीत एंव दृष्टीकोण का अध्ययन किया जाता है जब एक जातीयता, एक राष्ट्रीयता, एक लिंग, एक नस्ल, एक धर्म,
एक सामाजिक वर्ग या अन्य विशिष्ट विशेषता के लोगो का एक साथ होना, एक समूह का निर्माण करता है यहाँ समूह में एक विचारधारा एंव एक दृष्टीकोण के लोग होने के कारण इस समूह में अंतर समूह संबंध बढ़ने लग जाता है या गहरा होने लगता है
किसी समूह में अंतर समूह संबंधों की गतिशीलता कठिन ( जटिल ) हो सकती है यह कई सारी चीजों ( कारकों ) पर निर्भर करती है उदहारण के लिए, सहयोग की भावना, संघर्ष का होना, भेदभाव का होना, प्रतिस्पर्धा का होना, पूर्वाग्रह का होना इत्यादि
जब यह समस्त चीजें किसी समूह में नकारात्मक दिशा में अत्यधिक होती है तब उस समय का अंतर समूह संबंध कमजोर हो जाता है लेकिन सकारात्मक दिशा में अत्यधिक होने पर, अंतर समूह संबंध मजबूत बन जाता है
उदहारण के लिए, जब कोई बच्चा किसी स्कूल में जाता है तब वह उन बच्चों के साथ अधिक घुलना मिलना ( दोस्ती करना ) पसंद करता है जिनकी विचारधाराएं लगभग उसके समान होती है
नोट – यह समूह उन लोगो के बीच निर्मित होता है जिनका व्यवहार, विचारधारा एंव मनोवृति ( दृष्टीकोण ) लगभग एक सामान होता है
पूर्वाग्रह किसे कहते हैं ( Purvagrah Kya Hai ) Meaning of Prejudice in Hindi – Hindi Meaning of Prejudice.
पूर्वाग्रह ( Prejudice ) शब्द लैटिन भाषा के Prejudicium से उत्पन्न हुआ है दो शब्दों ( Pre व judicium ) से मिलकर Prejudicium बनता है जहाँ Pre का मतलब पूर्व या पहले तथा judicium का मतलब निर्णय से होता है
इसीलिए पूर्वाग्रह का अर्थ पूर्व ( पहले ) निर्णय ले लेना होता है जाँच पड़ताल करने से पूर्व ( पहले ) किसी तथ्य के विषय पर कोई निर्णय कर लेना पूर्वाग्रह होता है यह निर्णय सकारात्मक एंव नकारात्मक दोनों हो सकतें है
पूर्वाग्रह में बिना सोचे-समझे मनुष्य, किसी घटना, व्यक्ति, विचार एंव वस्तु के लिए एक विचार ( निर्णय ) अपने मस्तिष्क ( दिमाग ) में बना लेता है विशेषकर लोगो के मस्तिष्क में किसी जाति, आयु, धर्म, लिंग, भाषा इत्यादि से सम्बंधित पूर्वाग्रह उत्पन्न होता है
मतलब किसी धर्म के लिए कोई मनुष्य यह सोच सकता है कि अगर यह व्यक्ति उस धर्म का हैं तब यह जरुर गलत या बुरा होगा
पहला पूर्वाग्रह के उदाहरण, मान लिया जाए कि एक खुबसूरत बच्चा ( लड़का/लड़की ), किड होम पब्लिक स्कूल के अंतर्गत किसी कक्षा में एडमिशन लेता है
उस स्थिति में बच्चे की खूबसूरती को देखकर कक्षा में उपस्थित अन्य बच्चो के मन में एक विचार ( पूर्वाग्रह ) उत्पन्न होता है कि यह बच्चा बुद्धिमान होगा यहाँ खुबसूरत बच्चे की बुद्धि के विषय पर कोई जाँच-पड़ताल नहीं की गई है
दूसरा उदहारण – कोई लड़की एक बड़ी कंपनी के अंतर्गत सीईओ ( CEO ) बनकर कार्य करने के लिए आती है उस दौरान कंपनी में कार्य करने वाले अधिकतर कर्मचारियों के अंदर एक विचार ( पूर्वाग्रह ) उत्पन्न होता है कि
यह एक लड़की है इसीलिए यह इस सीईओ ( CEO ) के पद को अच्छे से संभाल नहीं पायेगी, यहाँ इस लड़की के कार्य के लिए कोई जाँच पड़ताल नहीं किया गया है
जेम्स ड्रेवर – निश्चित ( ख़ास ) वस्तुओं, सिद्धांतों तथा व्यक्तियों के विषय पर अनुकूल या प्रतिकूल अभिवृत्ति ( दृष्टीकोण ) को पूर्वाग्रह कहा जाता है इस दृष्टीकोण में संवेग भी सम्मिलित रहते है
सेकॉर्ड और बेकमैन – पूर्वाग्रह एक दृष्टिकोण है जो किसी व्यक्ति को किसी समूह या उसके व्यक्तिगत सदस्यों के प्रति अनुकूल और प्रतिकूल तरीके से सोचने, समझने, महसूस करने और कार्य करने के लिए प्रेरित करता है
क्रेंच तथा क्रचफील्ड – पूर्वाग्रह उन अभिवृत्तियों तथा विश्वासों को कहते है जो व्यक्तियों को अनुकूल/प्रतिकूल स्थिति में रखते है जातीय पूर्वाग्रह किसी अल्पसंख्यक, जातीय, नैतिक राष्ट्रीय समूह के प्रति उन मनोवृत्तियों तथा विश्वासो को कहा जाता है जो समूह के सदस्यों के लिए प्रतिकूल होते है
बैरन एवं बर्न – पूर्वाग्रह सामान्यतः किसी सामाजिक, जातीय या धार्मिक समूह के सदस्यों के प्रति नकारात्मक रवैया है
फेल्डमैन ( 1985 ) – ऐसा स्वीकारात्मक निर्णय या मूल्यांकन किसी समूह के सदस्यों के प्रति पूर्वाग्रह होता है जो सदस्यों के विशेष गुणों पर आधारित न होकर, उस समूह की सदस्यता पर आधारित होता है
पूर्वाग्रह की विशेषताएं लिखिए? ( Characteristics of Prejudice in Hindi ) Prejudice Hindi Meaning.
पूर्वाग्रह को निमंलिखित विशेषताओं के माध्यम से बेहतर समझा जा सकता है –
- जब कोई व्यक्ति किसी पूर्वाग्रह को मानता है तब यह पूर्वाग्रह सिर्फ विचार के रूप में नहीं बल्कि कार्यात्मक रूप में भी परिवर्तित होता है क्योकि हमारे दिमाग में जिस धर्म के प्रति पूर्वाग्रह होता है हम उस धर्म के लिए कुछ कार्य भी करते है
उदहारण के लिए, किसी मनुष्य के लिए नकारात्मक पूर्वाग्रह होने पर, उसके साथ बुरा बोलना, अपशब्द बोलना, ताने मारना इत्यादि कार्य करते है
- पूर्वाग्रह जन्म से हमारे अंदर नहीं होता है बल्कि मनुष्य समाज में रहते हुए धीरे-धीरे पूर्वाग्रह को अर्जित ( सीखता ) करता है तथा मनुष्य अपने समूह से विभिन्न पूर्वाग्रहों को प्राप्त करता है
- पूर्वाग्रह मनुष्य के दिमाग में चेतन एंव अचेतन दोनों स्तरों पर सक्रिय हैं
- पूर्वाग्रह का कभी कोई परिमाण नहीं होता है क्योकि यह अप्रमाणिक हैं इसीलिए इनको सिद्ध नहीं किया जा सकता है तथा पूर्वाग्रह के पीछे कोई तर्क या कारण न होने के कारण यह अतार्किक हैं
- जब किसी समूह के द्वारा पूर्वाग्रह का उपयोग किया जाता है तब यह पूर्वाग्रह, उस समूह को मानसिक रूप से संतोष प्रदान करता है
- पूर्वाग्रह के दौरान मनुष्य को सही-गलत नहीं दिखता है इसीलिए यह विवेकहीन हैं क्योकि मनुष्य अपने विवेक का उपयोग न करके उनको मानने लग जाता है
- किसी एक समूह में शामिल समस्त मनुष्यों के अंतर्गत एक तरह के पूर्वाग्रह पाए जाते है
- जब कोई मनुष्य किसी पूर्वाग्रह को मानने लग जाता है उस स्थिति में, मनुष्य के अंदर वह पूर्वाग्रह दृढ ( मजबूत ) होकर स्थायी बन जाता है तथा हम उस मनुष्य को कितना भी समझाए, उस पूर्वाग्रह को वह व्यक्ति परिवर्तित नहीं कर पाता है इसीलिए यह अपरिवर्तनीय है
- जब हम किसी समूह के लिए पूर्वाग्रह को मानते हैं तब हम उस समूह के सम्पूर्ण सदस्यों पर उस पूर्वाग्रह को लागू करते है मतलब अगर किसी धर्म के लिए हम पूर्वाग्रह मानते हैं तब हम उस धर्म से सम्बंधित सभी मनुष्यों के ऊपर उस पूर्वाग्रह को मानते है
- पूर्वाग्रह पीढी-दर-पीढी चलता हैं क्योकि एक पीढी का मनुष्य, दूसरी पीढी के मनुष्य को उस पूर्वाग्रह से अवगत कराता है इसीलिए पूर्वाग्रह रूढ़िबद्ध होता है
- पूर्वाग्रह को मानते समय व्यक्ति कोई जाँच-पड़ताल नहीं करता है इसीलिए वास्तविकता से पूर्वाग्रह का अधिकतर कोई सम्बन्ध नहीं होता है
- किसी व्यक्ति, वस्तु, धर्म, जाति इत्यादि के लिए पूर्वाग्रह नकारात्मक एंव सकारात्मक दोनों हो सकता है
- पूर्वाग्रह में संवेग शामिल रहता है मतलब मनुष्य में सकारात्मक पूर्वाग्रह होने पर संवेग सकारात्मक तथा नकारात्मक पूर्वाग्रह होने पर संवेग नकारात्मक ( घृणा, क्रोध, ईष्या ) होता है
पूर्वाग्रह का निर्माण किन कारकों से होता है? पूर्वाग्रह के कारण क्या है? पूर्वाग्रह के स्रोत ( Purvagrah Meaning in Hindi ).
पूर्वाग्रह के विकास एंव निर्माण के लिए कई महतवपूर्ण कारक जिम्मेदार होतें हैं जिनके बारे में हमने नीचे बताया हैं –
आर्थिक कारण – समाज के अंतर्गत उच्च एंव निमं वर्ग का निर्माण आर्थिक स्थितियों के आधार पर किया जाता है उच्च वर्ग में धनी वर्ग के लोग तथा निमं वर्ग में गरीब वर्ग के लोग हैं उच्च वर्ग के लोग हमेशा अपने बच्चों को गरीब वर्ग के बच्चों के साथ दोस्ती करने,
खेलने से मना करते है क्योकि उनका मानना यह होता है कि गरीब वर्ग के बच्चे हमारे बच्चों के साथ खेलने या दोस्ती करने के योग्य नहीं होते है ऐसा करके उच्च वर्ग के मनुष्य अपने बच्चो को यह दिखाने का प्रयास करते है कि उनके बच्चे अच्छे हैं
तथा गरीब वर्ग के बच्चे असभ्य, गंदें एंव हीन हैं उस दौरान उच्च वर्ग के बच्चे, निमं वर्ग के बच्चों के लिए विभिन्न प्रकार के पूर्वाग्रहों का शिकार हो जाते है
अनुकरण एंव अधिगम – अनुकरण एंव अधिगम के द्वारा पूर्वाग्रहों का निर्माण होता है मतलब समाजीकरण की प्रक्रिया के दौरान बच्चा छोटी उम्र में जन संचार, परिवार, समाज एंव विद्यालय में अनुकरण के माध्यम से पूर्वाग्रह को सीखता है
रूढियुक्तियाँ – यह विभिन्न जाति, धर्म या संप्रदायों के बीच गलत वर्गीकरण करने वाली धारणा है यह किसी मनुष्य के तर्क पर आधारित न होकर मनुष्य के नापसंद/पसंद के ऊपर आधारित होती है
यह कहा जा सकता है कि मनुष्य जिन धर्म के व्यक्तियों को पसंद करता है उनके लिए उसके मन में सकारात्मकता रूढियुक्तियाँ होती है तथा जिनको वह पसंद नहीं करता है उन मनुष्यों के प्रति उसके मन में नकारात्मक रूढियुक्तियाँ होती है
यह रूढियुक्तियाँ पूर्वाग्रहों के विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हुए पीढी-दर-पीढी चलती रहती है
अभ्यनुकूलन – पूर्वाग्रहों के निर्माण में अभ्यनुकूलन एक महत्वपूर्ण भूमिका होती है जब एक ही प्रकार के अनुभव किसी मनुष्य को किसी जाति, समूह, लिंग या धर्म के सम्बन्ध में बार-बार होता है
उस स्थिति में उससे सम्बंधित व्यक्ति के मन में एक अभ्यनुकूलन हो जाता है जिसके बाद पूर्वाग्रह का निर्माण होता है
उदहारण के लिए, भारत में जब कोई व्यक्ति विदेश से घुमने-फिरने के लिए आता है उसका यहाँ पर्स या सामान चोरी हो जाता है तब उसके मन में यह विचार या अभ्यनुकूलन आयेगा कि इस देश में चोरी अधिक होती हैं यह पूर्वाग्रह उत्पन्न करेगा
प्रचार साधन – टीवी, फिल्म, सीरियल, समाचार पत्र, विभिन्न प्रकार के लेख एंव पत्रिकाएँ इत्यादि जन प्रचार के समस्त साधन पूर्वाग्रहों का विकास या निर्माण करते है
अंत: एंव बाह्य समूह – मनुष्य शुरू में सिर्फ उस समूह के संपर्क में रहता है जिसका वह सदस्य होता है ऐसे समूहों को अंत: समूह कहा जाता है उसके बाद मनुष्य धीरे-धीरे अन्य विभिन्न समूहों ( उदहारण के लिए, धर्मस्थल, सामुदायिक क्लब,
स्कूल, क्रीडा स्थल इत्यादि ) के संपर्क आने लग जाता है जिनको बाह्य समूह कहते है विभिन्न समूहों के संपर्क में रहने से वह मनुष्य बहुत सारे अनुभव प्राप्त करता है इन अनुभवों के द्वारा मनुष्य के मन के अंतर्गत विभिन्न वर्गों, संप्रदायों, धर्मों, जातियों,
भाषाओं एंव क्षेत्रों के बारे में एक विचारधारा या दृष्टीकोण का निर्माण होता है समूहों के संपर्क में रहने के दौरान मनुष्य अंत: एंव बाह्य समूहों में अंतर करने लग जाता है तथा बाह्य समूहों के बारे में मनुष्य के अंदर पूर्वाग्रह का निर्माण होता है
मिथ्या दोषारोपण – यह पूर्वाग्रहों के विकसित होने का एक विशेष कारण होता है क्योकि एक समूह अपने विरोधी समूहों के विषय में मिथ्या दोषारोपण के माध्यम से भ्रामक एंव झूठी बातों का विरोधी प्रचार करता है क्योकि यह बारें झूठ है
इसीलिए उनका वैज्ञानिक आधार नहीं होता है कई बार समूह का यह विरोधी प्रचार अत्यधिक उत्तेजनापूर्ण होता है जिसके परिणामस्वरूप समूह एंव विरोधी समूह दोनों समूहों में हिंसात्मक संघर्ष होने लग जाता है
व्यक्तिगत एंव सामाजिक संपर्क – बच्चा अपने परिवारजनों एंव माता-पिता के साथ सबसे पहले संपर्क में आता है जिसके कारण उसको समस्त प्राथमिक अनुभव अपने परिवारजनों एंव माता-पिता के द्वारा प्राप्त होते है
परन्तु धीरे-धीरे जब वह बच्चा बड़ा होने लग जाता है तब वह महोल्ले, आस-पड़ोस एंव बाहरी समाज के लोगो के संपर्क में आता है जिस दौरान उसको बहुत सारे सकारात्मक एंव नकारात्मक अनुभव प्राप्त होते है
तथा विभिन्न प्रकार के पूर्वाग्रह इन सकारात्मक एंव नकारात्मक अनुभवों के कारण मनुष्य के मन में विकसित होने लगते है खासकर कटु ( कडवे ) अनुभव के कारण व्यक्ति में जल्दी पूर्वाग्रह का विकास होता है
व्यक्तित्व विशेषता – अन्य व्यक्तियों की तुलना में समाज के अंतर्गत संकीर्ण विचारधाराओं एंव असंतुलित व्यक्तित्व वाले व्यक्ति जल्द पूर्वाग्रहों को विकसित करते है क्योकि उनका व्यक्तित्व कुछ ऐसा होता है
यह मनुष्य पूर्वाग्रहों के माध्यम से भय एंव असुरक्षा की भावना, मनोविकारों, मानसिक कुंठाओं इत्यादि भावनाओं को प्रकट करते है
सामाजिक दूरी – सामाजिक दूरी का मतलब यहाँ एक समूह का किसी दूसरे समूह से अलावा होता है समाज के अंतर्गत विभिन्न समूह की प्रथाएं, आस्थाएं, रीति-रिवाज, परम्पराएं एंव सामाजिक व्यवहार अलग-अलग होते हैं
इस अलगाव के फलस्वरूप समूह एक दुसरे के विरोधी बन जाते है तथा परस्पर विरोधी समूह संदेह एंव घृणा की दृष्टि से एक-दूसरे को देखते है प्रत्येक समूह खुद को अच्छा एंव अन्य समूहों को हीन समझते हुए,
एक-दूसरे के बारे में गलत प्रचार ( अफवाहें फैलाना ) करते हैं जिसके कारण उन समूहों के बीच सिर्फ तनाव नहीं बल्कि पूर्वाग्रह का विकास भी होता है
हताशा – जब व्यक्ति विभिन्न परिस्थितियों में हताशा का शिकार होता है उस स्थिति में मनुष्य अपने मन में उन सभी समूहों, व्यक्तियों या वर्गों के बारे में पूर्वाग्रह का विकास करता है जो उस मनुष्य के मार्ग में बांधा उत्पन्न करते है
पूर्वाग्रह को कम करने के उपाय?
पूर्वाग्रह को कम करने या खत्म करने के लिए विभिन्न उपायों को अपनाया जा सकता है जिनमे से कुछ विशेष उपायों के बारे में हमने नीचे विस्तार में बताया है –
जागरूकता को बढ़ाना – पूर्वाग्रहके को खत्म करने के लिए जागरूकता आवश्यक होती है क्योकि जब विभिन्न समूह या व्यक्ति जागरूक होते है तब वह पूर्वाग्रह को नहीं बल्कि एकता की भावना, सामूहिक शक्ति एंव सामूहिक प्रतिरक्षा की भावना को विकसित करते हैं
पारस्परिक संपर्क समूहों के बीच स्थापित – जब हम किसी मनुष्य के बारे में बिना कोई जाँच-पड़ताल किये विचार बना लेते है तब पूर्वाग्रह का निर्माण होता है इसीलिए हमारे लिए विभिन्न समूहों के बीच पारस्परिक संपर्क स्थापित करना बहुत आवश्यक होता है
क्योकि ऐसा करके हम उन समूहों के विषय पर सही जानकारी ( बात ) प्राप्त कर सकते है जिनके बारे में हमारे मस्तिष्क ने पूर्वाग्रह का निर्माण किया है इस स्थिति में जब मनुष्य सच्चाई को देख लेता है तब उसके मस्तिष्क में उपस्थित पूर्वाग्रह समाप्त हो जाते है
व्यक्तित्व संतुलन – जिन मनुष्यों का व्यक्तित्व संतुलित व्यक्तित्व होता है उनमे पूर्वाग्रह का विकास कम होता है लेकिन असामान्य व्यक्तित्व वाला मनुष्य पूर्वाग्रह का जल्द विकास करता है इसीलिए व्यक्ति के लिए यह जरुरी होता है कि वह विभिन्न उपायों को उपयोग करके व्यक्तित्व संतुलित करें जिससे पूर्वाग्रह को कम कर दिया जाए
शिक्षित होना – शिक्षा हर मनुष्य के लिए ज्ञान का द्वार खोलने का कार्य करती है इसीलिए शिक्षा के द्वारा पूर्वाग्रह को समाप्त किया जा सकता है क्योकि एक शिक्षित व्यक्ति किसी समूह, व्यक्ति, घटना, जाति, धर्म,
नस्ल इत्यादि के बारे में कोई निर्णय लेने से पहले अच्छी तरह से जाँच-पड़ताल करता है तथा तर्क के आधार पर उसकी जाँच करके निर्णय लेता है जिसके कारण पूर्वाग्रह दूर हो जाता है
भावनात्मक एकता – पूर्वाग्रह को खत्म करने के लिए विभिन्न प्रकार के समूहों के बीच में भावनात्मक एकता को बढाने का प्रयास किया जाना चाहिए जिसके लिए यह अत्यंत महत्वपूर्ण होता है कि सांस्कृतिक कार्यक्रमों एंव राष्ट्रीय उत्सवों का आयोजन,
अधिक किया जाना चाहिए जिसमे विभिन्न प्रकार के समूहों का अधिक से अधिक भाग लेना जरुरी हो जाए इसीतरह जब समूहों के बीच भावनात्मक एकता बढ़ने लग जायेगी तब पूर्वाग्रह समाप्त होने लग जायेंगे
सामाजिक-आर्थिक समानता के प्रयास – पूर्वाग्रह के विकास में सामाजिक-आर्थिक असमानता एक अहम् कारक होता है लेकिन जब विभिन्न समूहों के अंतर्गत सामाजिक-आर्थिक समानता को लाने का प्रयास किया जाता है मतलब यह प्रयास किया जाता है कि कोई समूह या व्यक्ति आर्थिक एंव सामाजिक दृष्टीकोण से समान होता है तब पूर्वाग्रह ख़त्म होने लगता है
पूर्वाग्रह के प्रकार ( Types of Prejudice in Hindi )
समाज मनोवैज्ञानिको के द्वारा कुछ पूर्वाग्रहों को बताया गया है जिनके बारे में हमने स्टूडेंट्स को नीचे अच्छे से बताया गया है –
- राजनीति पूर्वाग्रह ( Politics Prejudice )
- प्रजातीय पूर्वाग्रह ( Racial Prejudice )
- क्षेत्रीय पूर्वाग्रह ( Regional Prejudice )
- यौन पूर्वाग्रह ( Sex Prejudice )
- धर्म पूर्वाग्रह ( Religion Prejudice )
- उम्र पूर्वाग्रह ( Age Prejudice )
- साम्प्रदायिक पूर्वाग्रह ( Communal Prejudice )
- जाति पूर्वाग्रह ( Caste Prejudice )
- भाषा पूर्वाग्रह ( Language Prejudice )
राजनीति पूर्वाग्रह ( Politics Prejudice ) – मनुष्य जिस राजनीतिक दल से जुड़ा होता है हमें उस पार्टी की सिर्फ अच्छाई दिखाई देती हैं उसकी बुराइयाँ हमें नहीं दिखाई देती है ऐसी स्थिति में हम उस विशेष राजनीतिक दल के नियमों,
आदर्शों एंव सिद्धांतों को सर्वश्रेष्ठ समझते हुए एकजुट रहते है उस दौरान उस राजनीतिक दल के समस्त सदस्य एक दुसरे के प्रति साकारात्मक मनोवृति रखते हैं लेकिन अन्य राजनीतिक दलों को ख़राब, भ्रष्टाचारी, सिर्फ बोलने वाला समझा जाता है
प्रजातीय पूर्वाग्रह ( Racial Prejudice ) – इसमें मनुष्य दूसरी प्रजाति के व्यक्तियों के बारे में पूर्वाग्रहों को उत्पन्न करता है इनका मुख्य आधार प्रजाति हैं परन्तु ऐसे पूर्वाग्रहों में बहुत कम सच्चाई होती है उदहारण के लिए,
भारत में कुछ लोगो का यह मानना होता है कि बंगाली लोग कमजोर एंव डरपोक हैं या बिहारी लोग मुर्ख एंव झगड़ालू होते है
क्षेत्रीय पूर्वाग्रह ( Regional Prejudice ) – भारत एक ऐसा देश है जहाँ हमें क्षेत्रीय पूर्वाग्रह देखने के लिए मिल जाता है क्योकि जब किसी एक क्षेत्र में रहने वाले मनुष्य, किसी दुसरे क्षेत्र में रहने वाले मनुष्यों से खुद को अधिक सर्वश्रेष्ठ मानते है
उदहारण के लिए, शहर में रहने वाले मनुष्य खुद को अधिक चतुर, बुद्धिमान एंव आधुनिक समझते है और गाँव में रहने वाले मनुष्यों को कम बुद्धि वाला, बेवकूफ समझते है
यौन पूर्वाग्रह ( Sex Prejudice ) – इसका सर्वाधिक अध्ययन अमेरिकन मनोवैज्ञानिक के द्वारा किया गया है लगभग 30 वर्ष पहले यौन पूर्वाग्रह, अमेरिका में अत्यधिक प्रचलित रहा उस दौरान महिलाओं को कमजोर, मुलायम दिलवाली, सहानुभूति दिखाने वाली,
नेतृत्व का गुण न होने वाली, भद्र इत्यादि समझा जाता था जबकि उस दौरान पुरुषों को लेकर यह पूर्वाग्रह था कि पुरुष बहुत अधिक मेहनती, नेतृत्व क्षमता वाले, मजबूत, बुद्धिमान, प्रभावशाली, आत्मनिर्भर हैं यह एक ऐसा समय था
जब खुद महिलायें खुद के लिए ऐसी विचारधारा रखती थी परन्तु आजकल के डिजिटल युग में अधिकतर मनुष्यों ( पुरुष एंव स्त्री ) की सोच बदल रही है भारत, अमेरिका जैसे अनेक देशो में यह पूर्वाग्रह बहुत कम देखने को मिलता है लेकिन कुछ देशों में यह पूर्वाग्रह आज भी अधिक मात्रा में पाया जाता है
धर्म पूर्वाग्रह ( Religion Prejudice ) – जब कोई व्यक्ति अपने धर्म को सर्वश्रेष्ठ समझते हुए अन्य धर्मों के प्रति नकारात्मक मनोवृति रखता है तब उसके मस्तिष्क में धर्म पूर्वाग्रह का विकास होता है
उसके बाद व्यक्ति के मन में दुसरे धर्म के व्यक्तियों के लिए शत्रुता वाली भावना पैदा होने लग जाती है तथा इसीलिए लोगो के बीच मतभेद, दंगें एंव लड़ाई-झगड़ें वाली स्थिति पैदा होती है कई बार यह लड़ाई-झगड़ें अत्यधिक हिंसात्मक रूप लेते है
उम्र पूर्वाग्रह ( Age Prejudice ) – लैंगर एंव रोडिन के अध्ययन में यह देखा गया है कि अत्यधिक बूढ़े लोगो को असामाजिक, निष्क्रिय एंव जराजीर्ण समझा जाता है उसके अनुसार उनके प्रति व्यवहार किया जाता है कुछ हद तक,
भारत में उम पूर्वाग्रह को देखा जाता है लेकिन भारतीय संस्कृति, अधिक परिवार महत्त्व एंव स्नेह, बेहतर स्वास्थ्य तथा बूढ़े व्यक्ति के द्वारा कार्य करने को लेकर जागरूकता के कारण भारत में अधिकतर बूढ़े व्यक्तियों को उम पूर्वाग्रह से नहीं देखा जाता है
साम्प्रदायिक पूर्वाग्रह ( Communal Prejudice ) – किसी एक समुदाय के मनुष्यों का किसी दूसरे समुदाय के मनुष्यों के प्रति एक अलग दृष्टीकोण ( मनोवृति ) का होना साम्प्रदायिक पूर्वाग्रह को पैदा करता है जिस तरह भारत में मुस्लिम,
हिन्दू एंव सिख समुदाय के लोगो के बीच में एक-दुसरे के प्रति तीक्ष्ण मनोवृति होती है जिसके कारण एक समुदाय के लोगो के मस्तिष्क में दुसरे समुदाय के लोगो के प्रति पूर्वाग्रह उत्पन्न होता है उदहारण के लिए, भारत में हिन्दू-मुस्लिम दंगें होना
जाति पूर्वाग्रह ( Caste Prejudice ) – भारत खुद एक ऐसा देश है जहाँ अत्यधिक जाति के लोग एक साथ मिलकर रहते है कई बार जाति पूर्वाग्रह के कारण यह देखा जाता है कि एक जाति के लोग, दूसरे जाति के मनुष्यों को गिरा हुआ समझने लगते है
उस स्थिति में यह लोग सिर्फ अपनी जाति के मनुष्यों को सर्वश्रेष्ठ समझते है परन्तु इस स्थिति के अंतर्गत एक जाति के समस्त लोग एक-दुसरे के साथ मिलकर रहते है जिसके कारण उनमे एकता का गुण पाया जाता है
परिणामस्वरूप, अपनी जाति के लोगो के प्रति उनके मस्तिष्क में एक सकारात्मक पूर्वाग्रह होता है
भाषा पूर्वाग्रह ( Language Prejudice ) – जिस तरह भारत में अनेक जातियाँ हैं उसीतरह भारत में कई सारी अलग अलग भाषाएँ बोली जाती है परन्तु कई बार ऐसा देखा जाता है कि व्यक्ति जिस समाज या क्षेत्र में पैदा होता है
उस क्षेत्र की भाषा को वह सर्वश्रेष्ठ मानता है तथा अन्य भाषाओं को वह सही नहीं समझा जाता है हालांकि भारत में यह स्थिति बहुत कम देखने को मिलती है क्योकि भारतीय को एक-साथ मिलकर रहना अधिक पसंद होता है
इसके लिए भारत पूरी दुनिया में तारीफ प्राप्त करता है लेकिन भाषा पूर्वाग्रह के अंतर्गत एक भाषा को बोलने वाले समस्त मनुष्य अपना एक समूह बनाकर, एक दुसरे के प्रति एकता को देखाने का प्रयास करते है
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FAQ
प्रेज्यूडिस का हिंदी में क्या अर्थ है?
पूर्वाग्रह ( Prejudice ) शब्द लैटिन भाषा के Prejudicium से उत्पन्न हुआ है दो शब्दों ( Pre व judicium ) से मिलकर Prejudicium बनता है जहाँ Pre का मतलब पूर्व या पहले तथा judicium का मतलब निर्णय से होता है इसीलिए पूर्वाग्रह का अर्थ पूर्व ( पहले ) निर्णय ले लेना होता है
लोगों के दिमाग में पूर्वाग्रह क्यों होते हैं?
सर्वप्रथम जब मनुष्य अपने परिजनों, माता-पिता एंव सामाजिक रूप से आस-पास रहने वाले लोगो, स्कूल में दोस्तों एंव शिक्षकों इत्यादि के संपर्क में आता हैं तब उसके दिमाग में अलग-अलग धर्मों, जातियों, समुदायों, समूहों इत्यादि के प्रति बिना कोई जाँच किये अपने दिमाग में एक विचार बना लेता है जिसको पूर्वाग्रह कहा जाता है
पूर्वाग्रह के 3 प्रकार क्या हैं?
पूर्वाग्रह में कई प्रकार हैं जिनमे राजनीति पूर्वाग्रह, प्रजातीय पूर्वाग्रह, क्षेत्रीय पूर्वाग्रह, यौन पूर्वाग्रह, धर्म पूर्वाग्रह, उम्र पूर्वाग्रह, साम्प्रदायिक पूर्वाग्रह, जाति पूर्वाग्रह, भाषा पूर्वाग्रह इत्यादि शामिल है
जाति पूर्वाग्रह किसे कहते हैं?
भारत खुद एक ऐसा देश है जहाँ अत्यधिक जाति के लोग एक साथ मिलकर रहते है कई बार जाति पूर्वाग्रह के कारण यह देखा जाता है कि एक जाति के लोग, दूसरे जाति के मनुष्यों को गिरा हुआ समझने लगते है
उस स्थिति में यह लोग सिर्फ अपनी जाति के मनुष्यों को सर्वश्रेष्ठ समझते है परन्तु इस स्थिति के अंतर्गत एक जाति के समस्त लोग एक-दुसरे के साथ मिलकर रहते है जिसके कारण उनमे एकता का गुण पाया जाता है
परिणामस्वरूप, अपनी जाति के लोगो के प्रति उनके मस्तिष्क में एक सकारात्मक पूर्वाग्रह होता है
पूर्वाग्रह क्या है उदाहरण दो?
पूर्वाग्रह में बिना सोचे-समझे मनुष्य, किसी घटना, व्यक्ति, विचार एंव वस्तु के लिए एक विचार ( निर्णय ) अपने मस्तिष्क ( दिमाग ) में बना लेता है विशेषकर लोगो के मस्तिष्क में किसी जाति, आयु, धर्म, लिंग, भाषा इत्यादि से सम्बंधित पूर्वाग्रह उत्पन्न होता है
पूर्वाग्रह को कम करने के उपाय क्या है?
शिक्षा के द्वारा पूर्वाग्रह को समाप्त किया जा सकता है क्योकि एक शिक्षित व्यक्ति किसी समूह, व्यक्ति, घटना, जाति, धर्म, नस्ल इत्यादि के बारे में कोई निर्णय लेने से पहले अच्छी तरह से जाँच-पड़ताल करता है वह तर्क के आधार पर उसकी जाँच करके निर्णय लेता है जिसके कारण पूर्वाग्रह दूर हो जाता है
निष्कर्ष
यह लेख विशेषकर मनोविज्ञान पढने वाले स्टूडेंट्स के लिए पूर्वाग्रह को समझाने के लिए शेयर किया गया है हमारे दिमाग में पूर्वाग्रह का निर्माण किन कारकों के कारण होता है उनके बारे में बताया गया है
मैं यह उम्मीद करता हूँ कि कंटेंट में दी गई इनफार्मेशन आपको पसंद आई होगी अपनी प्रतिक्रिया को कमेंट का उपयोग करके शेयर करने में संकोच ना करें अपने फ्रिड्स को यह लेख अधिक से अधिक शेयर करें
लेखक – नितिन सोनी
नमस्ते! मैं एनएस न्यूज़ ब्लॉग पर एक राइटर के रूप में शुरू से काम कर रहा हूँ वर्तमान समय में मुझे पॉलिटिक्स, मनोविज्ञान, न्यूज़ आर्टिकल, एजुकेशन, रिलेशनशिप, एंटरटेनमेंट जैसे अनेक विषयों की अच्छी जानकारी हैं जिसको मैं यहाँ स्वतंत्र रूप से शेयर करता रहता हूं मेरा लेख पढने के लिए धन्यवाद! प्रिय दुबारा जरुर आयें