व्यक्तित्व के आवश्यक घटक? व्यक्तित्व के गुण? Personality in Hindi 2025 ( Best Guide )

Personality in Hindi: – व्यक्तित्व के आवश्यक घटक मनुष्य के व्यक्तित्व के वह महत्वपूर्ण गुण होते है जो मनुष्य के व्यक्तित्व को प्रभावित करते है यह हर मनुष्यों के व्यक्तित्वों के बारे में जानने के लिए महत्वपूर्ण लेख हो जाता हैं

क्योकि यहाँ मनुष्य के साथ जीवन में विभिन्न पहलुओं पर चर्चा की गई हैं व्यक्तित्व के गुण या आवश्यक घटक एग्जाम के उद्देश्य से भी ग्रेजुएशन वाले स्टूडेंट के लिए समझना महत्वपूर्ण हैं

व्यक्तित्व के आवश्यक घटक? व्यक्तित्व के गुण? ( Personality in Hindi ) 2024

व्यक्तित्व के आवश्यक घटक या तत्व ( Personality in Hindi )

  1. शारीरिक गुण ( Physical Traits )
  2. मानसिक गुण ( Mental Traits )
  3. निष्ठा ( Sincerety )
  4. सामाजिक गुण ( Social Traits )
  5. दृष्टिकोण ( Attitude )
  6. अभिक्षमता ( Aptitude )
  7. कौशल ( Skills )
  8. वंशानुगत गुण ( Heredity Trits )
  9. पर्यावरणीय गुण ( Environmental Traits )
  10. भावनात्मक गुण ( Emotional Traits )

शारीरिक गुण ( Physical Traits )

मनुष्य बाहरी रूप से कैसा दिखाई देता हैं? उसकी लम्बाई, भार, रंग आदि बातें मिलकर मनुष्य बाहरी रूप से कैसा दिखेगा? इसको बताती हैं इसीलिए यह हमारी पर्सनालिटी ( व्यक्तित्व ) का एक भाग होता हैं

मानसिक गुण ( Mental Traits )

इस प्रमुख घटक के अंदर मनुष्य की सभी मानसिक क्रियाएं शामिल होती हैं उदहारण के लिए, स्मरण ( स्मृति ) क्षमता, तर्क क्षमता, गणितीय क्षमता, निर्णय क्षमता, क्रिएटिविटी, विचार ( आइडियाज ), समस्या का समाधान करना आदि

निष्ठा ( Sincerety )

जब मनुष्य जीवन में अपने कर्तव्यों का निष्ठा ( Sincerety ) से निभाना व्यक्तित्व का गुण हैं उदहारण के लिए, अगर आप एक स्टूडेंट हैं तब आपके कुछ कर्तव्य हैं, या आप एक टीचर हैं तब आपके कुछ कर्तव्य है

सामाजिक गुण ( Social Traits )

सामाजिक रूप से मनुष्य का आसानी से समायोजित ( Adjustment ) हो जाना मतलब हर परिस्थिति के अनुसार मनुष्य उसमे एडजस्ट हो पाता हैं या नहीं, सरल शब्दों में कहा जा सकता हैं समाज में विभिन्न लोगो के साथ मनुष्य का व्यवहार, सहयोग करना आदि यह सामाजिक गुण हैं

दृष्टिकोण ( Attitude )

किसी भी समस्या या घटना को मनुष्य किस दृष्टिकोण ( नजरिये ) से देखता हैं यह पॉजिटिव या नेगेटिव हो सकता हैं क्या मनुष्य को हर परिस्थिति में अपने सामने समस्या नजर आती है? या वह मनुष्य सोचता है कि वह कोई न कोई समाधान निकाल लेगा

इसके विपरीत मनुष्य हर स्थिति में अपना बेस्ट ( सर्वोत्तम ) देने का प्रयास करते है यह इस मनुष्य का दृष्टिकोण ( Attitude ) होता है

अभिक्षमता ( Aptitude )

वह क्षमताएं जिनके आधार पर अगर कोई मनुष्य कार्य करे तब उसके आधार पर वह मनुष्य भविष्य में उस क्षेत्र में बेहतर कार्य कर सकता हैं उदहारण के लिए, टीचिंग अभिक्षमता, यदि किसी व्यक्ति में टीचिंग अभिक्षमता हैं

तब वह व्यक्ति भविष्य में एक अच्छा टीचर बन सकता है यदि कोई व्यक्ति अगर अच्छा गाना गाता है तब वह भविष्य में एक अच्छा सिंगर ( गायक ) बन सकता हैं

कौशल ( Skills )

कौशल व्यक्तित्व का एक प्रमुख घटक है कौशल से तात्पर्य ज्ञान से सम्बंधित कौशल ( ज्ञानात्मक कौशल ), भाव से सम्बंधित कौशल ( भावनात्मक कौशल ), क्रिया से सम्बंधित कौशल ( क्रियात्मक कौशल ) से है

उदहारण के लिए, कूड़े का निस्तारण यहाँ ज्ञानात्मक कौशल में हमे यह पता होना चाहिए कि कूड़े का निस्तारण उचित प्रकार से होना चाहिए, भावनात्मक कौशल में हमे उसके प्रति इस प्रकार के भाव रखने चाहिए कि

हमारे द्वारा कूड़े का निस्तारण सही तरह से किया जाना चाहिए, उसके बाद क्रियात्मक कौशल में हमे कूड़े का निस्तारण में क्रिया करनी हैं 

वंशानुगत गुण ( Heredity Trits )

हर मनुष्य में जन्म से वंशानुगत गुण होते हैं मतलब मनुष्य वंशानुगत गुण में सामान्य दृष्टिकोण, मौलिक योग्यताएं, भावनाएं, बुद्धि, कार्य क्षमता, तंत्रिका तंत्र, छवि और आंतरिक प्रवृत्ति प्राप्त करता है

पर्यावरणीय गुण ( Environmental Traits )

पर्यावरण मानव व्यक्तित्व पर अधिक प्रभावी प्रभाव डालता है। इस संबंध में ओगबर्न और निमकॉफ लिखते हैं कि भौतिक (प्राकृतिक) पर्यावरण को मानव व्यक्तित्व पर प्रभाव स्थापित करने की उपेक्षा नहीं की जा सकती है।

पर्यावरण के कुछ विशेष प्रकारों को नीचे बताया गया है जो मनुष्य के व्यक्तित्व को प्रभावित करते हैं

  • परिवार पर्यावरण ( Family Environment )
  • पड़ोसी पर्यावरण ( Neighbouring Environment )
  • दोस्ताना पर्यावरण ( Friendly Environment )
  • स्कूल पर्यावरण ( School Environment )

भावनात्मक गुण ( Emotional Traits )

हम मानव व्यक्तित्व पर भावनात्मक लक्षणों का बहुत प्रभाव महसूस करते हैं इसके अलावा, मानव बाह्य व्यवहार और अंतर्संबंध ग्रंथियां भावनात्मक लक्षणों पर बहुत प्रभाव डालती हैं।

यह एक वास्तविक तथ्य है कि एक मधुर, हंसमुख और साहसी व्यक्ति दूसरों पर बहुत जल्द अपना प्रभाव डालता है, लेकिन घबराए हुए भावनाओं वाला व्यक्ति दूसरों पर सामान्य प्रभाव नहीं डाल सकता है।

सांस्कृतिक गुण ( Cultural Traits )

सांस्कृतिक मानव जीवन की शुद्धियों का समूह है। ये शुद्धियां पूर्वजों से प्राप्त होती हैं तथा पीढ़ी दर पीढ़ी चलती रहती हैं। सभी जातियां अपनी शुद्धियों को एक पीढ़ी से दूसरी पीढ़ी में पहुंचाती हैं।

शुद्धियां मानव व्यक्तित्व को समग्र रूप से निर्मित करने में अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभाती हैं। मनोवैज्ञानिक युंग ने रेडियल गुणों अथवा सामूहिक अज्ञात हृदय में पूर्वजों से प्राप्त गुणों को अधिक महत्वपूर्ण माना है।

फ्रायड के अनुसार पर्सनालिटी के घटक

यह Sigmund Freud ( सिगमंड फ्रायड ) के द्वारा दिया गया था Sigmund Freud ( सिगमंड फ्रायड ) ने हमारे Psyche ( मन ) के तीन स्तर बताये हैं यह चेतन, अवचेतन और अचेतन हैं हाँ फ्रायड ने पर्सनालिटी के तीन घटक बताये है

जिसको फ्रायड ने मानसिक जीवन का संरचनात्मक मॉडल भी कहा हैं जब कोई बच्चा लगभग 5 वर्ष की उम्र तक पहुँच जाता है तब उसके अंदर पर्सनालिटी के यह तीन घटक डेवलप हो चुके होते हैं

  1. ID
  2. EGO
  3. Superego

ID

ID व्यक्तित्व का एकमात्र घटक है जो जन्म से ही मौजूद होता है। ID आनंद सिद्धांत ( Pleasure Principal ) द्वारा संचालित होती है जो वास्तविकता या नैतिक विचारों के संदर्भ के बिना सभी जरूरतों,

इच्छाओं और चाहतों की तत्काल संतुष्टि के लिए प्रयास करती है। क्योकि जब उस व्यक्ति की जरुरत तुरंत पुरी होती है तब वह ख़ुशी महसूस करता हैं अपनी जरुरत को पूरा करने के लिए वह मनुष्य वास्तविकता या नैतिक विचारों को नजरअंदाज कर देता हैं

उदाहरण के लिए, स्कूल में सभी स्टूडेंट केवल लंच के समय पर खाना खाते हैं लेकिन अगर किसी मनुष्य ( स्टूडेंट ) के अंदर ID हैं तब वह भूख या प्यास लगने पर खाने या पीने का तुरंत प्रयास करेगा यहाँ स्टूडेंट ने केवल अपनी जरुरत पर ध्यान दिया

फ्रायड का कहना हैं कि बालक में जन्म के समय Id का होना बहुत महत्वपूर्ण है क्योंकि यह सुनिश्चित करता है कि किसी बालक की ज़रूरतें पूरी हों सरल शब्दों में कहा जाए, जन्म के तुरंत बाद एक छोटा बच्चा अपनी जरुर को बोलकर नहीं बता सकता है

इसीलिए उस समय के दौरान उसमे ID का होना बहुत जरुरी है लेकिन एडल्ट आयु में आने के बाद अगर एक मनुष्य में सिर्फ और सिर्फ ID का घटक मौजूद हैं तब यह स्थिति मनुष्य में विघटनकारी और सामाजिक रूप से अस्वीकार्य व्यवहार उत्पन्न करती है

क्योकि ऐसी स्थिति में मनुष्य बड़ा होने के बाद केवल अपनी जरूरतों को पूरा करने के लिए अपराध भी कर सकता हैं

EGO

फ्रायड ने EGO को पर्सनालिटी का दूसरा महत्वपूर्ण घटक बताया है यह मनुष्य में Id के द्वारा संचालित होता हैं मतलब जैसे जैसे बालक की उम्र बढ़ती जाती हैं वैसे वैसे बालक में Id से Ego डेवलप हो जाता हैं

Id और Superego को Ego कण्ट्रोल में करके रखता हैं Ego पुरी तरह से वास्तविकता सिद्धांत ( Reality Principal ) पर कार्य करता हैं Ego में वास्तविकता ( रियल्टी ) का ध्यान रखकर जरुरत को पूरा किया जाता हैं

मतलब कहा जा सकता है कि अगर रियल्टी में मनुष्य की जरुरत का तुरंत पूर्ति होना संभव हैं तब उसकी जरुरत तुरंत पूरी हो जायेगी लेकिन अगर रियल्टी के मुताबिक़, जरुरत का तुरंत पूरा होना संभव नहीं हैं

तब Ego, उस जरुरत की पूर्ति कुछ समय के लिए देरी ( Delay ) कर देता हैं

उदहारण के लिए, अगर कोई बच्चा एग्जाम के दौरान टीवी पर कार्टून मूवी देख रहा हैं इतने में उसकी मम्मी आकर, उसका टीवी ऑफ़ करके कहती हैं कि अभी आप अपने एग्जाम की तैयारी करों फिर कार्टून मूवी देखना

परन्तु उस दौरान बच्चे की पर्सनालिटी में ID और Ego दोनों मौजूद हैं यहाँ बच्चे का id चाहता है कि वह कार्टून देखे परन्तु उसका Ego उसको समझाता है कि देखों इस समय रियलिटी यह है कि तुम्हारे एग्जाम हैं

इसीलिए तुम्हे पढ़ना चाहिए उसके बाद तुम जितनी चाहों कार्टन मूवीज देखना

कई बार ऐसा होता है कि मनुष्य की जरुरत केवल Delay होती रहती है उसकी पूर्ति नहीं हो पाती है इसके कारण मनुष्य में तनाव या चिंता उत्पन्न होती हैं यहाँ फ्रायड ने बताया है कि मनुष्य Secondary Process Of Thiking का उपयोग करके,

अपने आप को सन्तुष्ट कर सकता हैं मतलब मनुष्य अपनी जरुरत का कोई Alternate तरीका तालश करके अपनी जरुरत की इच्छा को पूरा करता हैं

Superego

Superego मनुष्य में Id के द्वारा संचालित होता हैं यह पर्सनालिटी का वह घटक हैं जो मनुष्य ( व्यक्ति ) को सही और गलत की पहचान करवाता हैं यह मनुष्य को उत्तम और सभ्य बनाने की ख्वाइश रखता हैं जिसके कारण Superego यह चाहता है कि

मनुष्य की जितनी भी सामाजिक रूप से अस्वीकार्य इच्छाएँ हैं वह ख़तम हो जाएँ या वह उस मनुष्य के अचेतन मन में दब जाए अब यहाँ अगर मनुष्य के अंदर कोई भी Id की जरुरत पैदा होती हैं तब Superego उसको शांत कर देता हैं कि

यह ख्वाइश पुरी नहीं हो सकती है क्योकि यह सामाजिक रूप से अस्वीकार्य इच्छा हैं इसीलिए इसको अपने अंदर दबाकर रखों

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निष्कर्ष

यह लेख मुख्य रूप से व्यक्तित्व के गुण को समझाने के लिए शेयर किया गया हैं अगर आप एग्जाम के उद्देश्य से समझ रहे हैं तो यह लेख आपके लिए पूर्ण रूप से उपयोगी साबित होगा

मैं यह उम्मीद करता हूँ कि कंटेंट में दी गई इनफार्मेशन आपको पसंद आई होगी अपनी प्रतिक्रिया को कमेंट का उपयोग करके शेयर करने में संकोच ना करें अपने फ्रिड्स को यह लेख अधिक से अधिक शेयर करें

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