प्रश्न कौशल क्या है? महत्वपूर्ण घटक सहित सम्पूर्ण ज्ञान ( 2025 ) Skill Of Questioning

प्रश्न कौशल क्या है? महत्वपूर्ण घटक सहित सम्पूर्ण ज्ञान ( Skill Of Questioning ) 2024

Skill Of Questioning: – प्रश्न कौशल का महत्व हर किसी मनुष्य के जीवन में अधिक हैं क्योकि प्रश्न पूछना या प्रश्न पूछने की कला को बेहतर बनाना प्रश्न कौशल होता हैं प्रश्न कौशल इतिहास बहुत पुराना है

क्योकि बहुत पुराने समय से प्रश्न कौशल का उपयोग शिक्षा के क्षेत्र में किया जा रहा है अक्सर कुछ स्टूडेंट ( विद्यार्थी ) और अन्य मनुष्य इन्टरनेट पर गूगल में यह लिखकर सर्च करते हैं कि गूगल मुझसे कोई सवाल पूछो? 

परन्तु कुछ मनुष्यों को यह नहीं पता होता है कि गूगल से सवाल कैसे पूछे?

परन्तु यह हमारा विषय नहीं हैं अक्सर कक्षा में छात्रों को प्रश्न पूछने के लिए शिक्षक कभी भी कक्षा में उपस्थिति किसी भी छात्र को उठा लेते हैं जिसके बाद उससे उस कक्षा में पढाये जाने वाले विषय से सम्बंधित प्रश्नों को पूछ लिया जाता हैं

प्रश्न कौशल क्या है? महत्वपूर्ण घटक सहित सम्पूर्ण ज्ञान ( Skill Of Questioning ) 2024

सवालों का जवाब सही और अच्छे तरह से केवल वह छात्र देता है जो उस कक्षा में शिक्षक के द्वारा पढ़ायें जाने वाले विषय को ध्यान से सुनता और समझता हैं हाँ ऐसा बहुत कम होता है कि कोई छात्र अपने टीचर से यह कहता है कि टीचर आप मुझसे एक प्रश्न पूछें?

प्रश्न कौशल के घटक को समझना भी हमारे लिए जरुरी हो जाता है क्योकि यहाँ हम प्रश्न कौशल से सम्बंधित कुछ उन बातों पर चर्चा करते है जो मनुष्य के प्रश्न कौशल को बेहतर बनाने में मदद करती है

चलिए हम यह समझने का प्रयास करते है कि प्रश्न कौशल किसे कहते हैं?

प्रश्न कौशल क्या हैं? ( Skill Of Questioning ) – Definition Of Questioning Skill

प्रश्न पूछना एक ऐसी कला है जो प्राचीन काल से ही शिक्षा देने के लिए प्रयोग में लाई जा रही हैं मतलब पुराने समय से प्रश्न कौशल की कला का प्रयोग शिक्षा के क्षेत्र में बहुत अधिक होता रहा हैं प्रश्न पूछने से कक्षा में विद्यार्थियों के पूर्व ज्ञान की जानकारी मिलती है

विद्यार्थियों के ज्ञान व अवबोध ( समझ ) का स्तर, उनकी विषय के प्रति रूचि ( इंटरेस्ट ), शिक्षण विधि की सफलता तथा अध्यापन की प्रभावशीलता आदि की जानकारी कक्षा में प्रश्नों के द्वारा ही प्राप्त की जा सकती है

विद्यार्थियों की सोचने की क्षमता को बढाने के लिए शिक्षक के लिए शिक्षण ( पढाई ) के दौरान प्रश्न पूछना बहुत महत्वपूर्ण हैं शिक्षक अक्सर प्रश्नों का उपयोग विद्यार्थियों की समझ का आकलन करने के लिए करते हैं और,

यह सुनिश्चित करने के लिए करते हैं कि विद्यार्थी कक्षा में चौकस और व्यस्त है कि नहीं |

प्रश्न कौशल अध्यापक के लिए एक ऐसा उत्तम साधन हैं जिसके द्वारा अध्यापक तथा विद्यार्थियों में उचित अंत:क्रिया होती हैं जिससे विद्यार्थियों को कक्षा में अध्ययन एंव ध्यान केन्द्रित करने के लिए प्रेरित किया जा सकता हैं

एक शिक्षक को प्रश्न पूछने के कौशल में पारंगत होना आवश्यक हैं

प्रश्न कौशल की आवश्यकता क्यों हैं?

  • कक्षा में विद्यार्थियों का ध्यान शिक्षण बिंदुओं पर केंद्रित रखने के लिए, अध्यापक के द्वारा प्रश्न पूछना जरुरी होता हैं
  • कक्षा में विद्यार्थियों को सक्रिय ( एक्टिव ) बनाए रखने के लिए प्रश्न पूछना महत्वपूर्ण है क्योकि ऐसा करने से सभी बच्चे कक्षा में ध्यान से पढेंगे
  • विद्यार्थियों के ज्ञान तथा अभिरुचि का परीक्षण करने के लिए, शिक्षकों के द्वारा उनसे पढाई के दौरान प्रश्न पूछे जाते है क्योकि ऐसा करके यह देखा जाता हैं कि बच्चे की पढाई में कितना इंटरेस्ट हैं
  • विद्यार्थियों की विचार अभिव्यक्ति, स्मृति एंव कल्पनाशीलता को प्रेरित करने के लिए उनसे कक्षा में प्रश्न पूछ लिए जाते हैं
  • शिक्षण के दौरान विद्यार्थियों को सिखाई गई पाठ्यवस्तु का मूल्यांकन करने के लिए शिक्षक प्रश्न पूछते हैं मतलब अगर आप कोई पाठ बच्चो को पढ़ा रहे हैं तब ऐसी स्थिति में आप बच्चो से उस पाठ से सम्बंधित प्रश्न पूछकर यह मूल्यांकन करते है कि बच्चा कितना सीखा हैं?

प्रश्न पूछते समय किन प्रश्नों को नहीं पूछना चाहिए?

जिन प्रश्नों का उत्तर हाँ या ना में होता हैं उनको हमे नहीं पूछना चाहिए क्योकि इस तरह के प्रश्नों में हम इनफार्मेशन बच्चो से नहीं निकाल पाते है ऐसे में जिन बच्चो को कक्षा में प्रश्नों का उत्तर भी नहीं पता होता है वह भी अंदाजा लगाकर हाँ या ना बोल देते है

उदहारण के लिए, क्या आप सभी मार्किट जाते है? इसका उत्तर कक्षा में बच्चे केवल हाँ या ना में देंगे ऐसी स्थिति में जो बच्चे मार्किट नहीं भी जाते है वह भी हाँ बोल देंगे आप यह पूछ सकते है कि मार्किट क्या हैं?

प्रश्न कौशल के घटक

प्रश्नों की संरचना ( Structure Of Questions )

शिक्षक के द्वारा बच्चे से पूछे गए प्रश्न की संरचना के ऊपर यह निर्भर करता हैं कि वह बच्चा उस प्रश्न को समझेगा या नहीं? 

इसीलिए इस बात का विशेष रूप से ध्यान रखना चाहिए कि जब आप बच्चों से प्रश्न पूछते हैं या जब आप अपने पाठ्यक्रम को समझाने का प्लान बनाते हैं तब ऐसी स्थिति प्रश्न किस तरह के होने चाहिए? यह ध्यान में रखना क्योकि प्रश्न अच्छे होने चाहिए

प्रासंगिकता ( Relevancy ) – जब टॉपिक आप पढ़ा या बता रहे हैं आपका प्रश्न भी उस विषय से सम्बंधित होना चाहिए मतलब ऐसा नहीं होना चाहिए कि आप जो टॉपिक पढ़ा रहे हैं, बच्चों से पूछा गया प्रश्न उस टॉपिक से सम्बंधित नहीं है

स्पष्टता ( Clarity ) – आप बच्चों से जो भी प्रश्न पूछ रहे है उसमे स्पष्टता होनी चाहिए क्योकि जब आप प्रश्न बोल रहे हैं तब बच्चा उस प्रश्न को समझ सकें |

संक्षिप्तता ( Conciseness ) – आपके द्वारा पूछा गया प्रश्न अधिक बड़ा नहीं होना चाहिए मतलब छोटे प्रश्न होने चाहिए क्योकि छोटे प्रश्न बच्चों को जल्द समझ में आ जाते हैं और उसको समझकर बच्चे उसका उत्तर देने का भी प्रयास करते है

विशिष्टता ( Specificatio ) – आपके द्वारा पूछे गए प्रश्न में केवल एक बात पूछनी जानी चाहिए ऐसा नहीं होना चाहिए कि एक प्रश्न में आपने बच्चे से अधिक चीजों को पूछ लिया है क्योकि ऐसा करने से बच्चा कंफ्यूज हो जाता है

व्याकरणिक शुद्धता ( Grammatical Correctness ) – आपका प्रश्न जो बच्चे से पूछा गया है उसमे कोई व्याकरण में गलती नहीं होनी चाहिए उसमे एकदम व्याकरणिक शुद्धता होनी चाहिए

प्रश्नों का प्रस्तुतीकरण ( Presentation Of The Questions )

कक्षा में बच्चो के सामने अपने प्रश्नों का प्रस्तुतीकरण अच्छे से करना बहुत जरुरी हैं यह आपके प्रश्न पूछने के कौशल ( कला ) को बेहतर बनाने का प्रयास करता हैं

अध्यापक का स्वर ( Voice Of The Teacher ) – जब आप प्रश्न पूछ रहे है तब आपकी आवाज ऐसी होनी चाहिए कि आपका प्रश्न कक्षा में उपस्थित सभी बच्चों को अच्छे से सुनाई दें मतलब ऊँची आवाज होनी चाहिए जिससे सभी बच्चो को सुनाई दें

प्रश्न पूछने में गति और विराम ( Speed & Pause in Asking Questions ) – जब आप कोई प्रश्न बच्चो से पूछते हैं तब आपको बच्चो को सोचने और समझने के लिए थोड़ा सा टाइम देना चाहिए क्योकि आपकी समझ और बच्चो की समझ में बहुत फर्क हैं

इसीलिए अगर आप चाहते है कि बच्चा आपके द्वारा पूछे गए प्रश्न को सुनकर समझे तो आपको कक्षा में प्रश्न बोलते समय अपनी बोलने की गति को नार्मल रखना चाहिए और प्रश्न पूछने के बीच बीच में 5 सेकंड का विराम ( Pause ) लेना चाहिए

प्रश्नों का वितरण ( Distribbution Of Questions ) – जब आप किसी कक्षा में बच्चो से प्रश्न पूछ रहे हैं तब सभी बच्चो को यह लगना चाहिए कि आप कक्षा में सभी बच्चो से बात कर रहे हैं या आप प्रश्न सभी से पूछ रहे है

इसीलिए आप जब भी प्रश्न पूछते हैं तब आपका पूरा ध्यान पूरी कक्षा पर होना चाहिए मतलब सिर्फ कुछ बच्चो से प्रश्न न पूछे सभी से पूछें जिससे सपूर्ण कक्षा में उपस्थित बच्चो को यह लगे कि किसी से भी प्रश्न पूछा जा सकता है इससे कक्षा में सभी बच्चे एक्टिव रहते है

अध्यापक का व्यवहार ( Teacher’s Behaviour ) – जब आप कक्षा में बच्चो से पूछ रहे हैं तब ऐसी स्थिति में आपका व्यवहार बिल्कुल नार्मल होना चाहिए ऐसा नहीं होना चाहिए कि आप बहुत अधिक गुस्से में हो या आप बहुत अधिक लो फील कर रहे हैं

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निष्कर्ष

यह लेख विशेष रूप से प्रश्न कौशल के महत्त्व को समझाने और बेहतर बनाने के लिए शेयर किया गया है जिसका उपयोग करके कम्युनिकेशन स्किल में छात्र अपने पाठ्क्रम में प्रश्न कौशल को अच्छे से समझ सकते हैं

मैं यह उम्मीद करता हूँ कि कंटेंट में दी गई इनफार्मेशन आपको पसंद आई होगी अपनी प्रतिक्रिया को कमेंट का उपयोग करके शेयर करने में संकोच ना करें अपने फ्रिड्स को यह लेख अधिक से अधिक शेयर करें

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