Industrial Management in Hindi: – औद्योगिक प्रबंधन को समझने से पहले हम प्रबंधन क्या होता है? यह समझ लेते है जब हम किसी प्रोडक्ट का उत्पादन करते हैं तब उसमे हमे बहुत सारे रिसोर्सेज ( संसाधन ) की जरुरत पड़ती है
मतलब प्रबंधन एक ऐसी क्रिया है जिसमे काम को कुशल एंव प्रभावी ढंग से करने के लिए कार्यों के एक समूह ( नियोजन, संगठन, नियुक्तिकरण, निर्देशन और नियंत्रण ) को संपन्न किया जाता हैं
साधारण भाषा में प्रबंधन एक संगठन में उल्लिखित उद्देश्यों को प्राप्त करने के लिए मानव प्रयासों की योजना, आयोजन, स्टाफ, निर्देशन और नियंत्रण से जुडी प्रक्रिया हैं
प्रबंधन संगठन में काम करने वाले लोगो के एक समूह के लिए एक मार्गदर्शन के रूप में कार्य करता हैं और उनके प्रयासों का समन्वय, सामान्य उद्देश्य की प्राप्ति के लिए करता हैं
एफ डब्ल्यू टेलर – के अनुसार प्रबंधन यह जानने की कला है कि आप क्या करना चाहते हैं और फिर यह देखते हुए कि वे इसे सबसे अच्छे और सबसे सस्ते तरीके से कर सकते है
हेरोल्ड कोंट्ज – के अनुसार प्रबंधन दूसरों के माध्यम से और औपचारिक रूप से संगठित समूहों के साथ चीजों को प्राप्त करने की कला हैं
औद्योगिक प्रबंधन परिभाषा ( Industrial Management in Hindi )
औद्योगिक प्रबंधन एक ऐसी प्रक्रिया है जिसमे किसी उद्योगों के संसाधनों, कार्यों, और सम्पूर्ण गतिविधियों को मैनेज करने का कार्य किया जाता हैं जिससे वह उद्योग अपने लक्ष्य को कुशलतापूर्वक और व्यवस्थित ढंग से प्राप्त कर सकें
औद्योगिक प्रबंधन के मुख्य रूप से कई कार्य हो सकते हैं जिसमे लक्ष्य निर्धारित करना, लक्ष्य की प्राप्ति के लिए योजना बनाना, व्यवसाय पर नियंत्रण बनाये रखना, कर्मचारियों पर नजर, भर्ती, विकास, कर्मचारियों को प्रेरणा ( मार्गदर्शन करना ), आदि हो सकते हैं
यह औद्योगिक प्रबंधन, इंजीनियरिंग की वह शाखा है जिसमे जटिल प्रक्रिया और सिस्टम को आसान बनाने के लिए अनुकूलन ( Optimize ) करना पड़ता है क्योकि अगर किसी उद्योग में सभी रिसोर्सेज ( संसाधन ) का मैनेजमेंट अच्छा होगा
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तो ऐसी स्थिति में हमारे समय, पैसा, सामग्री की बरबादी, मानव घंटे, मशीन समय, ऊर्जा कम हो जाती है
किसी भी संगठन या उद्यम ( Enterprise ) में पूर्वानुमान, योजना, आयोजन, निर्देशन, प्रेरणा, समन्वय, संचार, नियंत्रण, नेतृत्व, निर्णय आदि के लिए औद्योगिक प्रबंधन की मुख्य रूप से जरुरत होती है
- संसाधनों का प्रभावी उपयोग करना
- कार्य स्थल पर सामंजस्य स्थापित करना
- कर्मचारी को व्यक्तिगत लक्ष्य प्राप्त करने में सहायता मिलना
- समाज और राष्ट्र का विकास होगा
औद्योगिक प्रबंधन का क्षेत्र ( Scope Of Industrial Management )
Expertise Help ( विशेषज्ञता सहायता ) – संस्था या उद्योग में उत्पन्न किसी भी समस्या के समाधान और निर्णय लेने, उत्पादन प्रणाली के डिजाइन में सहायता और नई प्रौद्योगिकी के डिजाइन, चयन और कार्यान्वयन में सहायता औद्योगिक प्रबंधन करता हैं
Advice and Consultancy ( सलाह और परामर्श ) – डेटा और सूचना की व्याख्या, डेटा और सूचना की समीक्षा, उत्पादकता माप और सुधार औद्योगिक प्रबंधन करता हैं
System Analysis ( प्रणाली विश्लेषण ) – उत्पादन प्रणाली में दोष की पहचान और प्रणाली का कार्य विश्लेषण औद्योगिक प्रबंधन करता हैं
Training and Motivation ( प्रशिक्षण और प्रेरणा ) – कर्मचारी की प्रेरणा अभ्यास, कार्य और गति अध्ययन, गति अध्ययन में श्रमिकों का प्रशिक्षण, नई तकनीक का अनुप्रयोग पर बातचीत, औद्योगिक प्रबंधन करता हैं
Decision Making ( निर्णय लेना ) – प्रबंधन में परिचालन अनुसंधान का अनुप्रयोग, निर्णय उपकरणों का विकास और उपयोग औद्योगिक प्रबंधन करता हैं
Worker’s Participation ( श्रमिक भागीदारी )
प्रबंधन में श्रमिकों की सहभागिता ( भागीदारी ) की विचारधारा मुख्यत: मानवीय सम्बन्ध विचारधारा से सम्बंधित हैं क्योकि इसके अनुसार, श्रमिक एक मानव ( मनुष्य ) हैं
अत: उसके साथ मानवता का व्यवहार किया जाना चाहिए यह विचारधारा औद्योगिक प्रजातंत्र की स्थापना कर श्रम और प्रबंधन के बीच मधुर सम्बन्ध स्थापित करने का प्रयास करती है
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जी. एस. वालपोल – के अनुसार श्रमिकों को प्रबंधन में भाग देने का विचार श्रमिकों द्वारा शिकायत करने या सुझाव देने या परामर्श देने या श्रमिकों को रियायत देने तक ही सीमित नहीं हैं
बल्कि उपक्रम के कार्यकर्त्ता होने के नाते ऐसा करने के अधिकार को मान्यता प्रदान करना है जिससे श्रमिक उस उपक्रम में जिसमे उनका धन तो नहीं परंतु, जीवन दाव पर लगा हैं, स्वयं को संयुक्त साझेदार महसूस कर सकें
पीटर एफ डूकर – के अनुसार प्रबंधन में श्रमिकों की सहभागिता एक प्रबंधकीय प्रवृत्ति हैं, जो परंपरागत प्रबंधन दर्शन की इस मौलिक मान्यता को चुनौती देती हैं कि सही निर्णय केवल प्रबंधक ही ले सकते हैं और श्रमिकों का कार्य आदेशों की अनुपालना मात्र हैं
प्रबंधन में श्रमिक भागीदारी का उद्देश्य
- जब श्रमिकों को यह अनुभव होने लगता है कि उसके परिश्रम का फल उसको उचित मात्रा में मिलेगा, जिससे उसकी आर्थिक स्थिति में सुधार होगा तब वह अधिक लगन एंव परिश्रम से कार्य करेगा,
जिसके परिणामस्वरूप उत्पादन बढेगा और श्रमिक को अधिक पैसा मिलेगा मतलब उसकी आय में वृद्धि होती है
- श्रमिक एक सामाजिक प्राणी हैं प्रत्येक व्यक्ति ( मनुष्य ) की सामाजिक व्यवस्था में अपनी स्थिति एंव प्रतिष्ठा होती हैं मतलब हर श्रमिक को प्रबंधन में भागीदारी देने पर ही आत्मसम्मान प्राप्त होता है
- जिस उद्योग में श्रमिक कार्य करता हैं यदि वहां उसकी आर्थिक स्थिति में सुधार तथा सामाजिक प्रतिष्ठा भी बनी रहती हैं परन्तु, उसको मानसिक संतोष प्राप्त नहीं होता हैं ऐसी स्थिति का उसकी कार्यक्षमता पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ता हैं
ऐसी स्थिति को ख़तम करने के लिए तथा श्रमिक को मानसिक संतोष प्राप्त करने के लिए कार्य के प्रति गर्व की भावना का विकास करने के लिए प्रबंधन में निश्चित रूप से हिस्सा मिलता हैं जिससे श्रमिक को मानसिक संतोष प्राप्त होता है
- यह औद्योगिक प्रजातंत्र को प्रोत्साहन देता है क्योकि ऐसा करने से श्रमिकों के बीच प्रति आस्था मजबूत होती है, और प्रबंधक में भाग लेने की सन्तुष्टि प्राप्त होती हैं
- श्रमिकों और प्रबंधक के बीच सहयोग से दोनों एक दुसरे की स्थिति और समस्या से अच्छी तरह अवगत होते है जिससे वह उसके समाधान के लिए सही दिशा में कार्य करते हैं ऐसा करने से उद्योग में उपन्न संघर्ष की संभावना पर रोकथाम लगती हैं
- श्रमिक के लिए उसका विकास बहुत महत्वपूर्ण होता है जब श्रमिक प्रबंध में अपनी भागीदारी के कारण, उद्योग से सम्बंधित विचारों का आदान प्रदान करता हैं तो ऐसी स्थिति में उसके विचारों एंव सुझाव के कारण उद्योग को फायदा मिलता हैं
ऐसी स्थिति में प्रबंधक श्रमिकों के विकास के लिए अच्छे अवसर प्रदान करने पर विचार करता है
प्रबंधन में कर्मचारियों की भागीदारी से लाभ
- प्रबंधन में कर्मचारियों की भागीदारी होने के कारण कर्मचारी खुद को ख़ास मानते हैं जिसके कारण वह उस कंपनी के उत्पादन को अधिक बढाने पर विचार करते हैं ऐसी स्थिति में उद्योग में अधिक उत्पादकता को प्राप्त किया जा सकता है
- जब कर्मचारी ( श्रमिक ) प्रबंधन के निर्णय में भागीदारी लेते हैं तो ऐसी स्थिति में, उद्योग ( संस्था ) में उनकी ख़ास छवि के कारण उनको कार्य सन्तुष्टि मिलती है
- जब कर्मचारी ( श्रमिक ) प्रबंधन की क्रिया में अपना योगदान देता हैं ऐसी स्थिति में उनके विचारम सुझाव के कारण, प्रबंधक उद्योग के लिए गलत निर्णय लेने से बच जाता हैं मतलब वह सही फैसला लेता है ऐसी स्थिति में औद्योगिक सम्बन्ध बेहतर होते है
परन्तु अगर कर्मचारियों की भागीदारी प्रबंधन की क्रिया में न हो, तो ऐसी स्थिति में तालाबंदी हड़ताल जैसी समस्या उत्पन्न हो जाती है
- उद्योग में एक अच्छा अनुशासन बनाने के लिए श्रमिकों ( कर्मचारियों ) को प्रबधन की क्रिया में शामिल करना सही होता हैं
- प्रबंध में श्रमिकों की भागीदारी से औद्योगिक प्रजातंत्र ( लोकतंत्र ) स्थापित करने में मदद मिलती है क्योकि ऐसा करने से सभी श्रमिकों को अपनी राय रखने का अधिकार मिल जाता हैं जिससे उनको लगता है कि उद्योग में उनकी भागीदारी ख़ास हैं
- प्रबंध में श्रमिकों की भागीदारी से अपनेपन की भावना का विकास होता हैं
प्रबंधन में श्रमिक भागीदारी की प्रकृति ( भागीदारी का स्वरूप या स्तर )
सुचना या सहयोगी भागीदारी – इसमें श्रमिक, प्रबंध के फैसले में अपने विचारों ( राय ) को प्रबंधक के सामने रखते हैं यहाँ ऐसी मुद्दों ( समस्या ) पर विचार किया जाता हैं जो उद्योग से जुड़े होते है
परामर्शदारी भागीदारी – इसमें उन समस्याओं पर विचार किया जाता है जो सामान्य हित के होते हैं जो हमारे प्रबंध या कर्मचारी के हितों के लिए होते हैं उदहारण, किसी उद्योग में नयी मशीन लानी है या नहीं?
प्रशासनिक भागीदारी – इसमें प्रबंधक किसी ख़ास फैसले लागू करने के लिए, कर्मचारियों के साथ साझा करते है जिससे भविष्य में उस फैसले से सम्बंधित कोई समस्या ( हड़ताल ) के उत्पन्न होने के कारण प्रबंधक और श्रमिकों के बीच कोई मनमुटाव उत्पन्न न हो
निर्णयात्मक भागीदारी – इसमें फैसला उच्च स्तर का होता है और यह फैसला श्रमिक और प्रबंधक के साथ लिया जाता हैं उदहारण, कर्मचारियों की भलाई का फैसला, उत्पादन फैसला |
संयुक्त भागीदारी – इसमें सभी के द्वारा मिलकर संयुक्त रूप से विषयों पर बात की जाती है और निर्णय लिया जाता हैं आखिरी निर्णय प्रबंधन का होता है
The Management Structure-Line and Staff Organization
इसको अच्छे से समझने के लिए हमे सर्वप्रथम लाइन संगठन को अच्छे से समझना होगा लाइन संगठन में किसी उद्योग में कार्य करने वाले मनुष्यों के कार्यों का क्रम उनके पद ( उच्च – निम्न ) के अनुसार व्यवस्थित होता है
उदहारण के लिए, किसी कंपनी में कोई एक मनुष्य टॉप अथॉरिटी ( A ) पर है जिसका कार्य अपने से नीचे पद पर स्थित मनुष्य ( B ) को कार्य करने के निर्देश देता है,
अब नीचे पद पर बैठा मनुष्य ( B ) उससे नीचे वाले पद पर बैठे मनुष्य ( C ) को कार्य करने के निर्देश देता हैं इस उदहारण में किसी कंपनी ( उद्योग ) में कार्य करने के लिए एक लाइन बनकर आ जाती है ऐसे संगठन को हम लाइन संगठन कहते हैं
लाइन और स्टाफ़ संगठन ( लाइन और कर्मचारी संगठन )
उदहारण के लिए, किसी कंपनी में लाइन संगठन के माध्यम से काम लिया जाता हैं परन्तु, कंपनी ( उद्योग ) में, विचार – विमर्श ( परामर्श ) लेने के लिए बाहर से किसी अन्य मनुष्य ( D ) को बुलाया जाता है
क्योकि वर्तमान में संगठन में कार्य करने वाले सदस्यों के पास इतनी इनफार्मेशन नहीं हैं कि वह हर चीज में विचार – विमर्श ( परामर्श ) कर सकें परन्तु ऐसी स्थिति में कंपनी ( उद्योग ) के द्वारा D मनुष्य को हायर ( काम पर रखा ) किया जाता है
उस कंपनी ( उद्योग ) में D मनुष्य का कार्य उद्योग में उत्पन्न समस्याओं के लिए परामर्श ( सलाह, सुझाव ) देना है यह D मनुष्य एक विशेषज्ञ है यहाँ D मनुष्य एक स्टाफ मेम्बर है
इस उदहारण के माध्यम से यह समझा जा सकता है कि स्टाफ मेम्बर का कार्य लाइन मेम्बर ( मैनेजर ) के द्वारा उद्योग में अपने लक्ष्य को प्राप्त करने में मदद करना होता हैं
क्योकि लाइन मेम्बर ( मैनेजर ) पर उस उद्योग को अच्छे से मैनेज करने का अधिकार और ज़िम्मेदारी होती हैं स्टाफ मेम्बर का कार्य लाइन मेम्बर को केवल सुझाव ( सलाह ) देना होता है लाइन मेम्बर उस सलाह का उपयोग करने या न करने के लिए पूर्ण रूप से स्वतंत्र रहता हैं
इस संगठन में टॉप अथॉरिटी के द्वारा उद्योग में उत्पादन के लिए एक लक्ष्य निर्धारित किया जाता हैं और स्टाफ सदस्य, टॉप अथॉरिटी के द्वारा उद्योग में उत्पादन के लिए दिए लक्ष्य को पूरा करने के लिए, डायरेक्शन ( दिशा ) या सलाह सुझाव देने का कार्य करते है
स्टाफ के प्रकार ( Types Of Staff )
Personal Staff ( पर्सनल स्टाफ ) – लाइन मेनेजर के द्वारा बोला गया हर कार्य पर्सनल स्टाफ के द्वारा किया जाता है ऐसे स्टाफ का कार्य लाइन मैनेजर को मदद और सलाह देना होता हैं
उदहारण के लिए, हवाई टिकट बुक करना, मीटिंग के लिए Appointment बुक करना, टूर के लिए होटल बुक करना,
पर्सनल स्टाफ के तौर पर कार्य करने वाली पोस्ट का नाम पर्सनल सेक्रेटरी, पर्सनल असिस्टेंट, पर्सनल सलाहकार होता हैं
Specialized Staff ( विशेष स्टाफ ) – यह ऐसे लोग होते हैं जिनको अपने क्षेत्र में विशेषज्ञता प्राप्त होती हैं मतलब अपने विषय पर ऐसे लोगो को बहुत नॉलेज होती हैं जिसके कारण यह उस क्षेत्र के एक्सपर्ट होते है
पर्सनल स्टाफ की तुलना में, इनका अधिक महत्त्व होता हैं पर्सनल स्टाफ के तौर पर कार्य करने वाली पोस्ट का नाम चार्टर्ड एकाउंटेंट्स, पब्लिक रिलेशन ऑफिसर्स, लॉयर, इंजिनियर होता हैं
General Staff ( जनरल स्टाफ ) – जब किसी कंपनी में टॉप अथॉरिटी में बैठे मनुष्य को किसी समस्या के लिए राय ( सलाह, सुझाव ) की जरुरत होती हैं तो ऐसी स्थिति में वह अपने अनुसार जनरल स्टाफ को नियुक्त करते हैं और उनकी सलाह, सुझाव के कारण उस समस्या का समाधान किया जाता है
लाइन और कर्मचारी संगठन का लाभ
- लाइन और स्टाफ़ संगठन में बेहतर ( अच्छी ) निर्णय को लिया जाता हैं
- लाइन और स्टाफ़ संगठन होने के कारण यहाँ सभी लोगो में कार्य विभाजित होता है जिससे प्रत्येक श्रमिक पर कार्य का कम बोझ रहता है
- इसमें सभी संसाधनों का पूर्ण उपयोग किया जाता है और अनुशासन को बनाए रखा जाता है
- इस उपयोग करने से उद्योग में विशेषज्ञता बढ़ती है क्योकि उद्योग में स्टाफ़ विशेषज्ञों की विशेषज्ञता का उपयोग किया जा सकता हैं
- इसके उपयोग से नियंत्रण की सीमा बढ़ाई जा सकती है क्योकि ऐसी स्थिति में एक लाइन मैनेजर अधिक लोगो को कण्ट्रोल कर सकता हैं
- लाइन अधिकारियों को नियमित और विशेष निर्णयों से मुक्ति मिलती है क्योकि बेहतर निर्णयों के लिए विशेषज्ञ की सहायता मिलती हैं
लाइन और कर्मचारी संगठन की हानि
- लाइन और स्टाफ़ संगठन एक महंगी प्रणाली हैं क्योकि स्टाफ चाहिए होता हैं
- कई बार लाइन और स्टाफ सदस्यों के बीच समस्याएँ पैदा होने की संभावना भी होती है मतलब लाइन और स्टाफ के बीच टकराव ( मतभेद ) अभी भी हो सकता है
- स्टाफ अधिकारी अपने अधिकार की कमी से नाराज हो सकते हैं क्योकि स्टाफ मेम्बर को यह लग सकता है कि हमारे पास अथॉरिटी नहीं हैं हम केवल सलाह दे सकते हैं जिसके कारण लाइन और स्टाफ के बीच समन्वय मुश्किल हो सकता है
हम सब यह बात अच्छे से जानते हैं कि हर कंपनी ( उद्योग ) में अलग अलग कार्यों को अलग अलग कर्मचारी के माध्यम से किये जाते है इसीलिए उनके कार्य के अनुसार उनको अलग अलग Collar दिया गया है
यह अलग अलग तरह के Collar तय करते हैं कि कंपनी ( उद्योग ) में किस तरह का कार्य कर रहे हैं? मतलब क्या उनकी जॉब मैनुअल हैं या प्रोफेशनल?
व्हाइट कॉलर जॉब क्या है? सफेद कॉलर श्रमिक किसे कहते हैं? – White collar Workers
इस टर्म का निर्माण सर्वप्रथम 1930 में किया गया था यह कर्मचारी किसी कंपनी ( उद्योग ) में पेशेवर ( प्रोफेशनल ) रूप से कार्य करते हैं जिसके लिए इनको एक तय सैलरी दिया जाता हैं यह कंपनी के लिए ऑफिस में बैठकर प्रबंधक के रूप में कार्य करते हैं
यह कर्मचारी अपने कार्यक्षेत्र में अधिक शिक्षित होते हैं जिसके कारण, यह किसी कंपनी ( उद्योग ) के ऑफिस में, मिले अपने केबिन में बैठकर सूट और टाई पहनकर कार्य को करते है ब्लू कॉलर वर्कर की तुलना में वाइट कॉलर वर्कर अधिक पैसे कमाते है
साधारण शब्दों में यह कहा जा सकता हैं कि वाइट कॉलर वर्कर किसी कंपनी में ब्लू कॉलर वर्कर से ऊपर कार्य करते हैं उदहारण के लिए, कंप्यूटर प्रोग्रामर, रेस्टुरेंट प्रबंधक, वित्तीय प्रबंधक, प्रमाणित सार्वजनिक लेखाकार, डॉक्टर आदि |
ब्लू कॉलर वर्कर क्या है? ब्लू कॉलर जॉब क्या है? ( Blue Collar Workers ) – नीला कॉलर श्रमिक
इस टर्म का निर्माण सर्वप्रथम 1924 में किया गया था यह कर्मचारी किसी कंपनी ( उद्योग ) में मजदूरी ( Labour ) का कार्य करते हैं या यह ऐसे कर्मचारी होते हैं जो किसी फैक्ट्री में उत्पाद को बनाने का कार्य करते हैं उनको ब्लू कॉलर वर्कर कहा जाता हैं
ऐसे कर्मचारियों की वर्दी ( Uniform ) ब्लू कलर की होती हैं क्योकि ऐसे कार्मचारियों का कार्य कठिन और मैनुअल होता हैं ऐसी स्थिति में ब्लू कलर की वर्दी ( Uniform ) जल्दी गंदी नहीं होती है
यह मुख्य रूप से विनिर्माण, कृषि, निर्माण, खनन या रखरखाव विभाग में काम करने वाले किसी कंपनी के कर्मचारी होते हैं वाइट कॉलर वर्कर की तुलना में ब्लू कॉलर वर्कर कम शिक्षित होते हैं इसी कारण उन्हें मजदूरी भी कम मिलती है
ऐसे कर्मचारियों को मजदूरी प्रति घंटे के अनुसार मिलती हैं या इनके द्वारा प्रति उत्पादित वस्तु के लिए भुगतान ( मजदूरी ) इनको दिया जाता है
विशेषज्ञ किसे कहते हैं? ( Specialist )
स्पेशलिस्ट का मतलब विशेषज्ञ होता हैं यानी ऐसा कोई व्यक्ति जो किसी विषय क्षेत्र का विशेष जानकार होता हैं उसे उस विषय क्षेत्र का स्पेशलिस्ट ( विशेषज्ञ ) कहा जाता है उदहारण, स्पेशलिस्ट डॉक्टर, स्पेशलिस्ट, स्पेशलिस्ट CA, स्पेशलिस्ट ब्लॉगर आदि |
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निष्कर्ष
यह लेख मुख्य रूप से औद्योगिक प्रबंधन का अर्थ, क्षेत्र, श्रमिक भागीदारी का उद्देश्य, लाभ, नेचर, लाइन-स्टाफ संगठन के लाभ, हानि, ब्लू कॉलर वर्कर, वाइट कॉलर वर्कर और विशेषज्ञ के विषय पर सम्पूर्ण इनफार्मेशन दिया है
मैं यह उम्मीद करता हूँ कि कंटेंट में दी गई इनफार्मेशन आपको पसंद आई होगी अपनी प्रतिक्रिया को कमेंट का उपयोग करके शेयर करने में संकोच ना करें अपने फ्रिड्स को यह लेख अधिक से अधिक शेयर करें
लेखक – नितिन सोनी
नमस्ते! मैं एनएस न्यूज़ ब्लॉग पर एक राइटर के रूप में शुरू से काम कर रहा हूँ वर्तमान समय में मुझे पॉलिटिक्स, मनोविज्ञान, न्यूज़ आर्टिकल, एजुकेशन, रिलेशनशिप, एंटरटेनमेंट जैसे अनेक विषयों की अच्छी जानकारी हैं जिसको मैं यहाँ स्वतंत्र रूप से शेयर करता रहता हूं मेरा लेख पढने के लिए धन्यवाद! प्रिय दुबारा जरुर आयें