रूस का संविधान क्या है PDF, विशेषताएँ, अधिकार-कर्तव्य, सोवियत संघ क्या है 2025 Best Guide

Soviyat Sangh Kya Hai: – रूस का संविधान क्या है PDF, वर्तमान समय में भारत और रूस के बीच संबंध को गहराई से देखने पर यह कहा जा सकता है कि भारत-रूस एक हैं

क्योकि भारत रूस संबंध का इतिहास शुरुआत से मित्रता के प्रेम से भरा रहा है कई क्षेत्रों में रूस-भारत एक साथ मिलकर कार्य करतें हैं, रूस को जरुरत पड़ने पर भारत एंव भारत को जरुरत पड़ने पर रूस हमेशा साथ खडें मिलते है

ऐसी स्थिति में रूस का संविधान समझना हमारे लिए एक दिलजस्प बात हो सकती हैं यह सच्चाई है कि भारत में मौलिक अधिकारों को रूस के संविधान से लिया गया है वर्तमान समय में दुनिया का सबसे बड़ा क्षेत्रफल वाला देश रूस हैं

रूस का संविधान क्या है PDF, विशेषताएँ, अधिकार-कर्तव्य, सोवियत संघ क्या है 2025 Best Guide

एग्जाम में तुलनात्मक राजनीति में रूस संविधान का निर्माण पढ़ना महत्वपूर्ण हैं अक्सर एग्जाम में कुछ इस तरह के प्रश्नों को पूछ लिया जाता हैं कि

  • रुसी संविधान की मुख्य विशेषताओं का विश्लेषण कीजिए? 
  • रूस के अधिकार और कर्तव्य का अर्थ एवं महत्व स्पष्ट कीजिए

परन्तु ऐसी स्थिति में हमें रूस के इतिहास को थोडा बेहतर ढंग से समझने के लिए हमारा सोवियत संघ किसे कहतें है? ( Soviyat Sangh Ka Vighatan Kyon Hua ) को समझना अत्यंत महत्वपूर्ण हैं

सोवियत संघ क्या है? सोवियत संघ का विघटन कब हुआ था? सोवियत संघ की स्थापना कब हुई? ( Soviet Union Meaning in Hindi ) ऐतिहासिक पृष्ठभूमि – रूस

वर्ष 1917 में अक्टूबर क्रान्ति के बाद USSR का जन्म माना जाता हैं क्योकि अक्टूबर क्रान्ति के दौरान मज़दूरों और किसानों के लिए पहला राज्य सोवियत संघ बना तथा रूस में लगभग 300 वर्ष पुरानी रोमानोव वंश की राजशाही का अंत हुआ

सोवियत संघ क्या है? सोवियत संघ का विघटन कब हुआ था? सोवियत संघ की स्थापना कब हुई? ( Soviet Union Meaning in Hindi ) ऐतिहासिक पृष्ठभूमि - रूस

परन्तु वर्ष 1922 तक चले रूसी गृह युद्ध के बाद सोवियत संघ के लिए नई सरकार का आधिकारिक गठन किया गया उस समय सोवियत संघ लगभग 12 देशों के साथ सीमाएं साझा करने वाला क्षेत्रफल के अनुसार, दुनिया का सबसे बड़ा देश था

सोवियत संघ क्या है? सोवियत संघ का विघटन कब हुआ था? सोवियत संघ की स्थापना कब हुई? ( Soviet Union Meaning in Hindi ) ऐतिहासिक पृष्ठभूमि - रूस

उस समय सोवियत संघ चार गणराज्य ( रूसी, बेलारूसी, यूक्रेनी, ट्रांसकॉकेशियन ) से मिलकर बना था व्लादिमीर लेनिन के नेतृत्व में सोवियत संघ को 15 गणराज्यों का संघ बनाया गया

दुसरे वर्ल्ड वॉर के बाद, सोवियत संघ दुनिया की सुपरपॉवर के रूप में उभरने लगता है यह एक ऐसा समय था जब संयुक्त राज्य अमेरिका के साथ सोवियत संघ का कोल्ड वॉर भी शुरू हो जाता हैं

रूस का संविधान क्या है PDF, विशेषताएँ, अधिकार-कर्तव्य, सोवियत संघ क्या है 2025 Best Guide

लगभग 5 दशकों तक सुपरपॉवर रहने के बाद, सोवियत संघ में सुपरपॉवर की स्थिति से पीछे हटने के लक्ष्ण दिखाई देना शुरू हो गए इसका वजह सोवियत संघ के कुछ आंतरिक कारण एंव बाह्य कारण रहें

आंतरिक कारण – कुछ आंतरिक कमजोरियाँ इस प्रकार हैं –

  • एक अधिनायकवादी राज्य सोवियत संघ था जहाँ किसी भी प्रकार की नागरिक सुविधा लोगो के पास नहीं थी
  • यहाँ सिर्फ एक पार्टी प्रणाली थी जिसका नाम कम्युनिस्ट पार्टी था वह लोगो के प्रति कोई जवाबदेही नहीं थी
  • यहाँ रूस का प्रभुत्व था यह कहा जा सकता है कि सोवियत संघ में रूस अलावा अन्य गणराज्यों के रीती-रिवाजों एंव हितों को अनदेखा किया जाता था

उदहारण के लिए, आधिकारिक भाषा में सिर्फ रसियन ( Russian ) का होना यहाँ अन्य गणराज्यों की भाषाओं को स्वीकार नहीं किया गया था

समस्त कारणों की वजह से अन्य गणराज्यों के नागरिकों में असंतोष एंव राष्ट्रवाद की भावना बढ़ती जा रही थी वह किसी भी तरह ऐसी स्थिति से बाहर निकलना चाहते थे इसके अलावा अमेरिका के साथ कोल्ड वॉर के दौरान,

सोवियत संघ ने रक्षा एवं अंतरिक्ष पर जरुरत से अधिक खर्चा करना शुरू कर दिया जिसके कारण सोवियत संघ को प्रौद्योगिकी एंव बुनियादी संरचना में कमी आई, उस दौरान सोवियत संघ की आर्थिक स्थिति ख़राब होने लगती है

जिसकी वजह से लोगो को रोजाना जरूरतों के लिए परेशान होना पड़ता है

बाह्य कारण – कुछ बाह्य कमजोरियाँ इस प्रकार हैं –

  • अन्य लोकतान्त्रिक देशों ( फ़्रांस, जर्मनी ) की प्रगति को देखकर गणराज्यों को यह एहसास होने लगता है कि वे पिछड़ रहे हैं
  • संयुक्त राज्य अमेरिका के साथ सोवियत संघ के कोल्ड वॉर के दौरान अमेरिकी दुष्प्रचार इसमें अहम् भूमिका निभाता है क्योकि एक-एक करके अमेरिकी दुष्प्रचार के कारण, गणराज्य सोवियत संघ के प्रभाव से बाहर आने लग गए

वर्ष 1991 में हुई कुछ घटनाएं के कारण सोवियत संघ का विघटन हो जाता हैं ऐसा माना जाता है कि सोवियत संघ का विघटन, मिखाइल गोर्वाचेव के सत्ता में आने के बाद होता हैं

रूस का संविधान क्या है PDF, विशेषताएँ, अधिकार-कर्तव्य, सोवियत संघ क्या है 2025 Best Guide

वर्ष 1985, मार्च में मिखाइल गोर्वाचेव कम्युनिस्ट पार्टी के नेता बन जाते हैं जिसके बाद उन्होंने कुछ ऐसी नीतियों ( ग्लासनोस्त और पेरेस्त्रोइका ) को लागू किया जिसके कारण सोवियत संघ की स्थिति में तेजी के साथ बदलाव शुरू हो जाता है

रूस का संविधान क्या है PDF, विशेषताएँ, अधिकार-कर्तव्य, सोवियत संघ क्या है 2025 Best Guide

इन नीतियों के अनुसार सोवियत संघ के नागरिकों को नयी स्वतंत्रताएँ मिलती हैं, अन्य राजनीतिक दलों को भी चुनाव लड़ने की अनुमति मिलती हैं सोवियत संघ की आर्थिक स्थिति को दुबारा बेहतर बनाने के लिए,

गोर्वाचेव ने पेरेस्त्रोइका नीति के अनुसार विदेशी निवेश एंव निजीकरण को प्रोत्साहित किया उनका मानना था कि निजी संस्थान, नवप्रवर्तन का नेतृत्व करेंगे 

इसीलिए सोवियत संघ में पहली बार निजी संस्थानों को व्यापार को चलाने की अनुमति दी गई, मजदूरों को बेहतर स्थिति के लिए प्रदर्शन करने का अधिकार मिलता है उस दौरान गोर्वाचेव के विचार सोवियत संघ की प्रगति को लेकर बहुत अच्छे थें

परन्तु, उनके द्वारा किये गए कार्यों का असर एकदम नहीं दिखाई दिया जिसके कारण नई बाजार अर्थव्यवस्था के बढ़ने से पहले ही पुरानी अर्थव्यवस्था ध्वस्त हो गई सोवियत संघ में नई आर्थिक नीतियों के परिणामस्वरूप वस्तुओं एंव राशन की कमी होने लगी

तथा लोगो में सरकार के प्रति असंतोष की भावना बढ़ने लगी गोर्वाचेव का मानना था कि सोवियत संघ के बेहतर आर्थिक विकास के लिए विश्व में अन्य देशों मुख्य रूप से अमेरिका के साथ बेहतर सम्बन्ध महत्वपूर्ण हैं 

सोवियत संघ क्या है? सोवियत संघ का विघटन कब हुआ था? सोवियत संघ की स्थापना कब हुई? ( Soviet Union Meaning in Hindi ) ऐतिहासिक पृष्ठभूमि - रूस

उसके बाद गोर्वाचेव ने अफगानिस्तान से सोवियत सैनिकों को वापस बुलाने की घोषणा कर दी जहाँ सोवियत सैनिकों वर्ष 1979 से तैनात थें उसके साथ साथ वारसाँ संधि के पूर्वी यूरोप देशों से भी सोवियत सैन्य बल को कम कर दिया गया

रूस का संविधान क्या है PDF, विशेषताएँ, अधिकार-कर्तव्य, सोवियत संघ क्या है 2025 Best Guide

जिसके बाद वर्ष 1989 में सर्वप्रथम क्रांति पोलैंड में गैर-कम्युनिस्ट ट्रेड यूनियनवादियों के द्वारा, कम्युनिस्ट सरकार से स्वतंत्र चुनावों की मांग की गई फिर सरकार के द्वारा एकजुटता आन्दोलन के नेताओं की माँग को स्वीकार किया गया

जिसके कारण सम्पूर्ण पूर्वी यूरोप में शांतिपूर्ण क्रांतियाँ शुरू हो गई उसके बाद वर्ष 1989 में 9 नवम्बर के दिन गैर-साम्यवादी एंव साम्यवादी जर्मनी का एकीकरण बर्लिंन की दीवार गिरने के बाद हो जाता है

उसीसमय चेकोस्लोवाकिया में वेलवेट क्रान्ति के माध्यम से साम्यवादी सरकार को उखाड़ फेंका जाता हैं कुछ इस तरह वर्ष 1989 में जून-दिसम्बर के बीच में हंगरी, चेकोस्लोवाकिया, रोमानिया, पोलैंडपूर्वी जर्मनी, बुल्गारिया में साम्यवादी सरकारें समाप्त हो जाती हैं

इस स्थिति के बाद यह कहना गलत नहीं था कि अब सोवियत संघ का पतन होने वाला था 

बहुत जल्द पूर्वी यूरोपीय में होने वाली क्रान्ति से प्रेरित होकर, सोवियत संघ में ख़राब आर्थिक स्थिति के कारण गणराज्य को परेशानी तथा गोर्वाचेव के हाथ पर हाथ रखकर बैठने वाली नीति के कारण स्वतंत्रता आन्दोलन समस्त गणराज्यो में शुरू होने लगा

रूस का संविधान क्या है PDF, विशेषताएँ, अधिकार-कर्तव्य, सोवियत संघ क्या है 2025 Best Guide » NS NEWS BLOG

उसके बाद बाल्टिक देशों ( बाल्टिक सागर के किनारे स्थित देश ) लिथुआनिया, एस्टोनिया तथा लातविया, मास्को से अपनी स्वतंत्रता को घोषित करते हैं उस दौरान सोवियत संघ के सैनिक इसको रोकने में असमर्थ रहते हैं

जिसके बाद धीरे-धीरे सोवियत संघ के अन्य गणराज्यों में भी स्वतंत्रता के लिए घोषणा शुरू होने लगती हैं इस स्थिति में गोर्वाचेव ने अपना फैसला लिया कि समस्त गणराज्यों के साथ मिलकर एक विकेंद्रीकृत संघ का गठन करने के लिए,

एक संधि पर हस्ताक्षर किए जाए जिसके अंतर्गत समस्त गणराज्यों को अधिक स्वायत्तता दी जाए क्योकि ऐसा करने से गणराज्यों की डिमांड को पूरा किया जाएगा तथा सोवियत संघ भी बना रहेगा वर्ष 1991 में 20 अगस्त के दिन इस संधि पर हस्ताक्षर किया जाना था

परन्तु कम्युनिस्ट पार्टी के कुछ सदस्यों ( उपराष्ट्रपति गेनाडी यानायेव सहित ) ऐसी किसी भी संधि के विरुद्ध थें इसीलिए गोर्वाचेव के खिलाफ उपराष्ट्रपति गेनाडी यानायेव के द्वारा तख्तापलट की योजना को बनाया गया

सोवियत संघ क्या है? सोवियत संघ का विघटन कब हुआ था? सोवियत संघ की स्थापना कब हुई? ( Soviet Union Meaning in Hindi ) ऐतिहासिक पृष्ठभूमि - रूस

इसीलिए वर्ष 1991 में 18 अगस्त के दिन गोर्वाचेव ( वर्तमान सोवियत संघ राष्ट्रपति ) को घर से गिरफ्तार किया गया क्योकि उनका मानना था कि गोर्वाचेव के कारण सोवियत संघ कमजोर हो रहा है

क्योकि उपराष्ट्रपति गेनाडी यानायेव किसी भी तरह सोवियत संघ में कम्युनिटी पार्टी का दबदबा बनाये रखना चाहते थें परन्तु गिरफ्तार के लिए एक अधिकारिक हैल्थ कारण बताया जाता हैं

सोवियत संघ क्या है? सोवियत संघ का विघटन कब हुआ था? सोवियत संघ की स्थापना कब हुई? ( Soviet Union Meaning in Hindi ) ऐतिहासिक पृष्ठभूमि - रूस

तथा आपातकाल की घोषणा तख्तापलट करने वाले नेताओं के द्वारा की गई जिसके बाद सैनिक मास्को में पहुँचने लग जाती हैं लेकिन वहाँ पर उनको नागरिकों की उस मानव श्रृंखला का सामना करना पड़ता हैं जिसको संसद की रक्षा के लिए बनाया गया था

सोवियत संघ क्या है? सोवियत संघ का विघटन कब हुआ था? सोवियत संघ की स्थापना कब हुई? ( Soviet Union Meaning in Hindi ) ऐतिहासिक पृष्ठभूमि - रूस

उस समय रुसी संसद का नेतृत्व बोरिस येलस्टिन के द्वारा किया जा रहा है वह सैनकों के एक टैंक पर खडें होकर, भीड़ का समर्थन करने के लिए रैली करने लगते हैं इनके समस्त प्रयासों के कारण तख्तापलट मात्र तीन दिनों में विफल हो जाता हैं

उसके बाद 21 अगस्त के दिन तख्तापलट करने वाले नेता अपनी हार को स्वीकार करते है जिसके बाद उनको गिरफ्तार करके, गोर्वाचेव को रिहा किया जाता है जिसके बाद गोर्वाचेव वापस मोस्को लौटते हैं

लेकिन सोवियत संघ में अब स्थिति को पहले जैसा नहीं किया जा सकता था क्योकि इस दौरान सोवियत संघ में कम्युनिस्ट पार्टी का नाम सम्पूर्ण रूप से ख़राब होने लगता हैं गोर्वाचेव को यह लगता है कि अब पार्टी में सुधार करना मुश्किल हैं

ऐसी स्थिति में गोर्वाचेव के द्वारा जल्द पार्टी से इस्तीफा दे दिया जाता है उसके बाद बोरिस येलस्टिन लोगो के बीच हीरो बनने लगते हैं तथा वह रुसी संघवाद को एक अलग राष्ट्र की तरह नेतृत्व करने लगते हैं

सोवियत संघ क्या है? सोवियत संघ का विघटन कब हुआ था? सोवियत संघ की स्थापना कब हुई? ( Soviet Union Meaning in Hindi ) ऐतिहासिक पृष्ठभूमि - रूस

उसके बाद जब 1991 में 1 दिसम्बर के दिन सोवियत संघ में रूस के बाद सबसे बड़ा गणराज्य, युक्रेन अपनी स्वतंत्रता की घोषणा कर देता है उस स्थिति में यह साफ़ हो जाता है कि अब पुराना सोवियत संघ टूट चुका है

वर्ष 1991 में 8 दिसम्बर के दिन युक्रेन एंव बेलोरूस के राष्ट्रपति के साथ मिलकर, बोरिस येलस्टिन एक संधि पर हस्ताक्षर करके, जिसके अनुसार गणराज्यो का एक नया संगठन ( स्वतंत्र राष्ट्रों का राष्ट्रमंडल – CIS ) बनाया जाता है

सोवियत संघ क्या है? सोवियत संघ का विघटन कब हुआ था? सोवियत संघ की स्थापना कब हुई? ( Soviet Union Meaning in Hindi ) ऐतिहासिक पृष्ठभूमि - रूस

उसके बाद इस संगठन को एक हफ्तें में लगभग 8 नए गणराज्य शामिल हो जाते हैं ऐसी स्थिति में यह समस्त गणराज्य सम्पूर्ण रूप से स्वतंत्र थें परन्तु उन्होंने रक्षा और आर्थिक मुद्दों पर एक साथ कार्य करने का फैसला लिया

सोवियत संघ क्या है? सोवियत संघ का विघटन कब हुआ था? सोवियत संघ की स्थापना कब हुई? ( Soviet Union Meaning in Hindi ) ऐतिहासिक पृष्ठभूमि - रूस

इसी तरह सोवियत संघ को औपचारिक रूप से भंग कर दिया गया तथा वर्ष 1991 में 25 दिसम्बर के दिन गोर्वाचेव अपना इस्तीफा देते हैं तथा सोवियत संघ का सम्पूर्ण रूप से विघटन समाप्त हो जाता है

रूस का संविधान क्या है PDF संविधान कब लागू हुआ ( Samvidhan Kab Lagu Hua ) Russia in Hindi – USSR Full Form in Hindi.

रूस का संविधान वर्ष 1993 में 12 दिसम्बर के दिन बोरिस निकोलयविच येल्तसिन ( रूस के प्रथम राष्ट्रपति ) के द्वारा स्वीकार किया एंव राष्ट्रीय जनमत संग्रह के द्वारा अपनाया गया जिसके बाद यह वर्ष 1993 में 25 दिसम्बर के दिन अधिनियमित किया गया था

रूस के संविधान का ड्राफ्ट संवैधानिक सम्मेलन ( 800 प्रतिभागियों से अधिक सम्मलित ) के द्वारा वर्ष 1993 में तैयार हो गया था जिसने रूस में सोवियत शासन व्यवस्था को समाप्त किया यह संविधान लोकतान्त्रिक संघीय राज्य के रूप रूस का वर्णन करता है 

रूस का संविधान क्या है PDF संविधान कब लागू हुआ ( Samvidhan Kab Lagu Hua ) Russia in Hindi - USSR Full Form in Hindi.

यह सचाई कि रूस के संविधान के इतिहास में यह सबसे अधिक लम्बे समय तक चलने वाला संविधान रहा है जब USSR का विघटन हुआ था उसके लगभग 2 वर्ष बाद, रूस का संविधान आया था

यही कारण है कि रुसी संघ के द्वारा, संविधान को अपनाने का दिन 12 दिसम्बर 1993 को माना जाता हैं

आधिकारिक नाम –  रूसी संघ ( Russian Federation ), USSR ( सोवियत संघ ) – सोवियत समाजवादी गणराज्य संघ ( Union of Soviet Socialist Republics )
रूस की राजधानी  – मॉस्को ( Moscow )
क्षेत्रफल – 17 मिलियन वर्ग किलोमीटर (6,601,665 वर्ग मील) तुलना – भारत 3.2 मिलियन वर्ग किमी ) यह विश्व के कुल भू-भाग का 11 वां हिस्सा हैं
धर्म – ईसाई धर्म ( लगभग 64.4 प्रतिशत, जिसमें 61.8 प्रतिशत रूढ़िवादी रुसी ), इस्लाम धर्म ( लगभग 9.5 प्रतिशत ), गैर-धार्मिक नागरिक ( लगभग 21.2 प्रतिशत ) तथा अन्य धर्म ( लगभग 1.4 प्रतिशत ).
अर्थव्यवस्था – 
  • जीडीपी 7.130 ट्रिलियन अमेरिकी डॉलर – विश्व में 4वीं सबसे बड़ी जीडीपी ( तुलना – भारत लगभग 2.72 ट्रिलियन अमेरिकी डॉलर )
  • जीडीपी/व्यक्ति लगभग 48,957 अमेरिकी डॉलर – 43वां सबसे अमीर देश ( तुलना – भारत 2000 अमेरिकी डॉलर )
  • निर्यात ( Export ) लगभग 424.2 बिलियन अमेरिकी डॉलर ( 12वां सबसे बड़ा निर्यात देश ) एंव आयत ( Import ) 303.3 बिलियन अमेरिकी डॉलर ( वर्ष 2024 का डाटा )
भूगोल – यह उत्तरी एशिया एंव पूर्वी यूरोप में स्थित एक बहुत बड़ा देश हैं
रूस में शामिल – 21 गणराज्य, 46 क्षेत्र ( Oblasts ), 4 स्वायत्त जिले, 1 स्वायत्त क्षेत्र, 9 क्षेत्र ( Krais ), 2 संघीय शहर
रूस द्वीप समूह – साखालिन द्वीप, कुरील द्वीपसमूह, आर्कटिक द्वीपसमूह इत्यादि
पापुलेशन या रूस की जनसंख्या – लगभग 144 मिलियन ( तुलना – भारत जनसंख्या लगभग 1300 मिलियन )
राजनीतिक प्रणाली ( व्यवस्था ) – अर्द्ध-अध्यक्षीय प्रणाली, संवैधानिक गणतंत्र, संघीय गणतंत्र
अंतर्राष्ट्रीय संगठन का हिस्सा – संयुक्त राष्ट्र ( एक स्थायी सदस्य ), SCO ( शंघाई सहयोग संगठन ), APEC ( एशिया-प्रशांत आर्थिक सहयोग ), WTO ( विश्व व्यापार संगठन ), G20 ( ग्रुप ऑफ ट्वेंटी ), BRICS ( ब्राजील, रूस, भारत, चीन और दक्षिण अफ्रीका ), OSCE ( यूरोप में सुरक्षा और सहयोग संगठन ), CIS ( स्वतंत्र राष्ट्रों का राष्ट्रमंडल ), EAEU ( यूरेशियन आर्थिक संघ ), CSTO ( साम्यवादी सुरक्षा संधि संगठन ) इत्यादि.
रूस की मुद्रा ( पैसा ) – रूबल (RUB)

 

रूस के संविधान की विशेषताएं? Main Features – Meaning of Constitution in Hindi – Samvidhan in Hindi.

रूस के संविधान के सम्बन्ध में, उसकी विशेषताओं को समझकर, उसके महत्त्व को समझा जा सकता हैं कुछ विशेषताओं को नीचे बताया गया है – 

रुसी सरकार – रूस में सरकार राष्ट्रपति एंव मंत्रिमंडल ( कैबिनेट ) से मिलकर बनती हैं यहाँ राज्य ड्यूमा ( निचला सदन ) के कहने पर राष्ट्रपति, रूसी संघ की सरकार के अध्यक्ष को नियुक्त करता हैं

अगर राज्य ड्यूमा किसी कैंडिडेट को तीन बार अस्वीकार ( Rejects ) करता हैं ऐसी स्थिति में रूस के राष्ट्रपति के पास यह शक्ति होती है कि वह रूसी संघ की सरकार के अध्यक्ष को नामित कर सकता है,

राज्य ड्यूमा को भंग कर सकता हैं तथा नए चुनावों की घोषणा कर सकता हैं

संविधान का लिखित होना – भारत की तरह, रूस का संविधान एक लिखित संविधान हैं जिसमें लगभग 137 आर्टिकल्स हैं रूस का संविधान वर्ष 1993 में 12 दिसम्बर के दिन राष्ट्रीय जनमत संग्रह के द्वारा अपनाया एंव,

वर्ष 1993 में 25 दिसम्बर के दिन अधिनियमित किया गया था रूस के संविधान का ड्राफ्ट संवैधानिक सम्मेलन ( 800 प्रतिभागियों से अधिक सम्मलित ) के द्वारा वर्ष 1993 में तैयार हो गया जिसने रूस में सोवियत शासन व्यवस्था को समाप्त किया

रूस के लिखित संविधान के प्राथमिक सह-लेखकों में सर्गेई शखरे, अनातोली सोबचक एंव सर्गेई एलेक्सेयेव का नाम शामिल है

जनता के पास सत्ता ( संप्रभुत्ता ) होना – रूस के संविधान में अनुच्छेद 3, रूस के नागरिकों को संप्रभुता प्रदान करता है यही कारण है कि कहा जाता है कि रूस में सत्ता जनता के हाथों में होती हैं

सीधे, राज्य सत्ता एंव स्थानीय स्वशासन के अंगों के माध्यम से रूस के नागरिक, रूस के संविधान से प्राप्त संप्रभुता ( शक्ति ) का उपयोग करते हैं

संविधान का कठोर होना – रूस के संविधान के कठोर होने से मतलब उसमें आसानी से संशोधन न होने से होता है इसीलिए रूस के संविधान में कम संशोधन किये जाते है रूस में संविधान संशोधन के लिए सदनों में प्रस्ताव लाना होता है

जिसके बाद संघीय संवैधानिक कानून के समान प्रक्रिया के माध्यम से, संसद के द्वारा पारित करने के बाद, उसके राज्यों के विधायी निकायों के द्वारा अनुमोदित/स्वीकृत होने पर, उस पर रूस के राष्ट्रपति के द्वारा हस्ताक्षर किए जाते है

उसके बाद जनमत संग्रह का आयोजन करके उस संशोधन को पारित कर दिया जाता हैं यह बहुत कठिन प्रक्रिया है परन्तु रूस के संविधान के कुछ मौलिक सिद्धांत हैं

उदहारण के लिए, व्यक्तिगत अधिकारों की सुरक्षा एंव रुसी संघ की अखंडता में संशोधन नहीं किया जा सकता है

संविधान में सर्वोच्चता का गुण – रूस के इतिहास में USSR के विघटन से पहले, वहाँ कम्युनिस्ट पार्टी सर्वोच्च थी परन्तु वर्ष 1993 में संविधान को रूस में सर्वोच्चता का स्थान दिया गया इसीलिए वर्तमान में रूस में संविधान/कानून सबसे ऊपर ( सर्वोच्च ) हैं

यही कारण है कि सरकार के समस्त अंगों ( कार्यपालिका, न्यायपालिका, विधायिका ), रुसी नागरिकों एंव स्थानीय स्वशासन के समस्त अधिकारियों के द्वारा किया गया कार्य, रूस के संविधान के अनुसार होना आवश्यक हैं

यहाँ रूस के संविधान का उल्लंघन, विधानमंडल के द्वारा बनाया गया कोई भी कानून नहीं कर सकता है

नागरिकों को मौलिक अधिकार मिलना – रूस के संविधान में लिखित मौलिक अधिकारों का उपयोग, भारत के संविधान में भी किया गया है रूस के संविधान में अध्याय 2 के अंतर्गत, नागरिकों को मौलिक अधिकार एंव स्वतंत्रताएँ दी गई हैं

तथा संविधान में अनुच्छेद 17 से 64 तक रूस के नागरिकों के लिए स्वतंत्रताएँ एंव मूल अधिकारों को निर्धारित किया गया है जिसमें विशेष रूप से कुछ अधिकार इस प्रकार है –

  • स्वतंत्रता का अधिकार 
  • समानता का अधिकार 
  • जीवन का अधिकार 
  • अभिव्यक्ति का अधिकार 
  • धर्म का अधिकार 
  • सुरक्षा का अधिकार 

स्वतंत्र न्यायपालिका – रूस में न्यायपालिका के लिए स्वतंत्रता का प्रावधान, रूस के संविधान में किया गया है यह सच्चाई है कि रूस के संविधान का अनुच्छेद 10 कार्यकारी, विधायी एंव न्यायिक शक्तियों के निकाय को स्वतंत्र रहने का प्रावधान देता है

एक पदानुक्रमित प्रणाली रूस का संविधान न्यायालयों के लिए स्थापित करती है जिसके अंतर्गत संवैधानिक मामलों के लिए, संवैधानिक न्यायालय सर्वोच्च न्यायालय होता हैं रूस में विवादों को सुलझाने,

संविधान एंव अन्य कानूनों की व्याख्या करने तथा व्यक्तिगत अधिकारों की रक्षा करने के लिए न्यायपालिका जिम्मेदार हैं

संघवाद का होना – यह सच्चाई है क्योकि रूस के संविधान का अनुच्छेद 65, रूस को 21 गणराज्यों, 46 क्षेत्र ( Oblasts ), 4 स्वायत्त जिले, 1 स्वायत्त क्षेत्र, 9 क्षेत्र ( Krais ), 2 संघीय शहरों को संघ के रूप में दर्शाता हैं

रूस में हर संघ के पास अपनी सरकार हैं परन्तु रूस में केंद्र सरकार का नियंत्रण सबसे प्रमुख होता है क्योकि केंद्र सरकार के पास अत्यधिक शक्तियाँ होती है

द्वि-सदनीय विधायिका होना – रूस के संविधान के अंतर्गत द्वि-सदनीय विधायिका हैं जहाँ दो सदन हैं –

  1. पहला – संघीय परिषद् ( ऊपरी सदन )
  2. दूसरा – राज्य ड्यूमा ( निचला सदन )

संघीय परिषद् ( ऊपरी सदन ) में दो प्रतिनिधि एंव राज्य ड्यूमा (  निचला सदन ) में 450 प्रतिनिधि हैं राज्य ड्यूमा के प्रतिनिधियों को 4 वर्ष के लिए, रूस की जनता के द्वारा चुना जाता है राज्य ड्यूमा, संघीय परिषद् से अत्यधिक शक्तिशाली होता है

संघीय परिषद् ( ऊपरी सदन ), रूस के क्षेत्रों एंव राज्य ड्यूमा ( निचला सदन ), रूस के लोगो का प्रतिनिधित्व करती हैं संघीय परिषद् ( ऊपरी सदन ) के सदस्यों को क्षेत्रीय अधिकारियों के द्वारा नियुक्त किया जाता है

गणतंत्रात्मक संविधान का होना – रूस के संविधान में अनुच्छेद 1 के द्वारा रूस को गणराज्य घोषित किया गया है तथा अनुच्छेद 80 में रूस के राष्ट्रपति को राज्य का मुखिया बताते हुए राष्ट्रपति पद का प्रावधान किया गया है

संविधान में रूस के राष्ट्रपति के लिए, अनुच्छेद 81 के मुताबिक राष्ट्रपति के कार्यकाल की सीमा ( अवधि ) 6 वर्ष को निर्धारित करते हुए, रुसी संघ के राष्ट्रपति को नागरिकों के गुप्त मतदान के द्वारा सामान्य समान एंव प्रत्यक्ष वोटो के आधार चुना जाएगा

तथा अधिकतम 2 बार लगातार, रूस का राष्ट्रपति, राष्ट्रपति पद पर कार्य कर सकता है

राष्ट्रपति एंव संसदीय शासन व्यवस्था का होना – रूस के संविधान अनुसार, वहां राष्ट्रपति एंव संसदीय शासन व्यवस्था हैं यही कारण है कि यह एक मिश्रित राष्ट्रपति संसदीय मॉडल पर कार्य करता है

यहाँ प्रधानमंत्री एंव राष्ट्रपति दोनों पद हैं परन्तु अत्यधिक शक्तिशाली पद/व्यक्ति रूस में राष्ट्रपति होता हैं यह रक्षा, विदेश नीति तथा राष्ट्रीय सुरक्षा के मामलों में अहम् भूमिका निभाता है तथा यह राज्य का प्रमुख हैं

रूस में सरकार के लिए संसदीय शासन व्यवस्था हैं जिसमें कुछ संघीय मंत्री ( मंत्रिमंडल ), एक अध्यक्ष एंव कुछ उप-अध्यक्ष होते है रूस में राष्ट्रपति को तभी हटाया जा सकता है जब उसका स्वास्थ्य ख़राब हो, या उसने घोटाला किया हो

शक्ति पृथक्करण – रूस का संविधान, रुसी सरकार के समस्त अंगों कार्यपालिका, विधायिका एंव न्यायपालिका के बीच शक्तियों के पृथक्करण को मान्यता प्रदान करता है तथा वह एक-दुसरे से स्वतंत्र होकर कार्य कर सकतें हैं

प्रधानमंत्री एंव मंत्रिमंडल – रूस में प्रधानमंत्री को रूस के राष्ट्रपति के द्वारा नियुक्त किया जाता है तथा दैनिक प्रशासन एंव नीति-निर्माण का कार्य मंत्रिमंडल एंव प्रधानमंत्री के द्वारा रूस में होता है क्योकि एक प्रधानमंत्री सरकार का प्रमुख ( मुखिया ) होता है

दलीय प्रणाली – रूस में अनेक राजनीतिक दल उपस्थित हैं परन्तु यहाँ एकल पार्टी ( यूनाइटेड रशिया ) का प्रभुत्व, राजनीति में अत्यधिक देखने को मिलता है यह पार्टी संसद एंव सरकार में अत्यधिक बहुमत प्राप्त होती है

रूस के मौलिक अधिकार और कर्तव्य ( Maulik Kartavya Kya Hai ) Fundamental Rights and Duties in Hindi.

यह सच हैं कि अधिकार और कर्तव्य एक दूसरे के पूरक है क्योकि जब कोई देश अपने नागरिकों को कुछ मौलिक अधिकार देता हैं तब वह अपने नागरिकों से कुछ कर्तव्य लेता हैं नागरिकों के मौलिक अधिकार एंव कर्तव्य, रूस के संविधान का हिस्सा है

रूस के मौलिक अधिकार और कर्तव्य ( Maulik Kartavya Kya Hai ) Fundamental Rights and Duties in Hindi.

नागरिकों को प्राप्त मौलिक अधिकारों को, राज्य ( देश ) के न्यायालयों के द्वारा लागू किया जा सकता हैं परन्तु राज्य ( देश ) के कल्याण एंव प्रगति में योगदान के उद्देश्य से, देश के प्रत्येक नागरिक को कुछ मौलिक कर्तव्य दिए जाते हैं

रूस के मौलिक अधिकार ( Fundamental Rights in Hindi )

रूस का संविधान, नागरिकों को कुछ विशेष एंव महत्वपूर्ण मौलिक अधिकार देता हैं जिनको रूस के प्रत्येक नागरिक के लिए एकसमान रूप से लागू किया जाता है यह इस प्रकार है – 

सार्वजानिक मामलों में भाग अधिकार – रूस का संविधान ( अनुच्छेद 55 ) सार्वजनिक मामलों में भाग लेने का अधिकार, रूस के नागरिकों को दिया जाता हैं जिसके अनुसार अपने प्रतिनिधियों के द्वारा रूस के नागरिकों को,

राज्य के मामलों के प्रबंधन में भाग लेने का अधिकार हैं यह अधिकार विशेष रूप से जनमत संग्रह, स्थानीय स्व-सरकारी तथा राज्य निकायों के लिए निर्वाचित होने एंव चुनाव करने, अन्य सार्वजनिक मामलों में भाग लेने का अधिकार देता है 

जीवन अधिकार ( व्यक्तिगत सम्मान ) – रूस का संविधान, अपने नागरिकों को उनके जीवन का अधिकार उनको देता है मतलब यह कहा जा सकता है कि वह हर मनुष्य, जो रूस का नागरिक हैं

जीवन का अधिकार रखता हैं इसीलिए बिना किसी उचित क़ानूनी कार्यवाही के कष्टदायक, अपमानजनक, अमानवीय एंव अन्य क्रूर व्यवहार तथा उपचार से वंचित नहीं किया जा सकता है

सूचना अधिकार – रूस का संविधान, रूस के हर मनुष्य को जानकारी तक पहुंचने का स्वतंत्र अधिकार देता है परन्तु यह अधिकार कुछ प्रतिबंधों के अधीन होता हैं उदहारण के लिए, राज्य रहस्यों की रक्षा के संबंध में

विशेष रूप से रूस के नागरिक द्वारा क़ानूनी प्रक्रिया में सूचना मांगने और प्राप्त करने का अधिकार देता है तथा यह विशेष रूप से जानकारी को संचारित करने, प्रसारित करने, खोजने, उत्पादन करने, प्राप्त करने के लिए स्वतंत्रता प्रदान करता है

स्वतंत्रता अधिकार – रूस का संविधान, रूस के प्रत्येक नागरिक को रहने का स्थान चयन ( सेलेक्ट ) करने, अपनी संपत्ति एंव जीवन पर नियंत्रण रखने तथा रूस के हर नागरिक को स्वतंत्र रूप से यात्रा करने का पूरा अधिकार हैं

उद्यमशीलता गतिविधि में संलग्न होने एंव संपत्ति का अधिकार – रूस का संविधान ( अनुच्छेद 34 व 35 ) रूस के हर नागरिक को अपनी संपत्ति एंव क्षमताओं का प्रयोग स्वतंत्र रूप से उद्यमशीलता एंव अन्य आर्थिक गतिविधियों के लिए करने का अधिकार हैं

परन्तु वह आर्थिक गतिविधियाँ, रूस के कानून द्वारा निषिद्ध नहीं होनी चाहिए

अभिव्यक्ति एंव विचार स्वतंत्रता – रूस का संविधान, रूस के सम्पूर्ण नागरिकों को अपने विचारो/विश्वास को व्यक्त करने, राय को व्यक्त करने एंव अपनाने का पूर्ण रूप से स्वतंत्र अधिकार दिया जाता है

इसीलिए रूस का प्रत्येक व्यक्ति प्रेस, भाषण तथा सभा में अपनी राज्य तथा विचारों को व्यक्त कर सकता हैं

संपत्ति अधिकार – रूस का संविधान, अगर कोई संपत्ति कानून के द्वारा प्रतिबंधित नहीं हैं तब सरकार को मनुष्य की संपत्ति को जबरन ( जबरदस्ती ) अधिग्रहण करने का अधिकार नहीं देता हैं क्योकि हर मनुष्य के पास स्वयं की संपत्ति का पूर्ण अधिकार होता है

धर्म स्वतंत्रता – रूस के संविधान के अनुसार रूस के हर नागरिक को किसी भी धर्म को न मानने तथा अपनी धार्मिक मान्यताओं को अपनाने, मानने तथा उनका अभ्यास करने का पूर्ण रूप से स्वतंत्र अधिकार है

निजी जीवन अधिकार – रूस का संविधान अनुच्छेद 23 व 24, हर रूस के मनुष्य को अपनी गोपनीयता ( प्राइवेसी ) तथा निजी जीवन की सुरक्षा का स्वतंत्र अधिकार देता हैं मतलब यह कहा जा सकता है कि रूस के प्रत्येक नागरिक व्यक्तिगत,

पारिवारिक तथा स्वयं के निजी जीवन में गोपनीयता को सुरक्षित रखने का अधिकार संविधान से मिलता है

संवैधानिक उपचारों अधिकार – रूस का संविधान रूस के समस्त नागरिकों को संवैधानिक उपचारों का अधिकार देता है जिसके माध्यम से हर नागरिक यह देख सकता है कि उचित रूप से न्याय के लिए उसके अधिकारों को ठीक किया जाए

सरल शब्दों में यह कहा जा सकता है कि रूस में प्रत्येक नागरिक को, उसके मौलिक अधिकारों के उल्लंघन के खिलाफ, क़ानूनी मदद ( उपचार ) लेने का अधिकार देकर रूस के नागरिकों के मौलिक अधिकारों को सुरक्षित करता है

परिवार अधिकार – रूस का संविधान, रूस के हर नागरिक को अपनी इच्छा से परिवार बनाने तथा विवाह ( शादी ) करने का स्वतंत्र अधिकार देता हैं क्योकि रूस में समाज की बुनियादी इकाई परिवार को माना जाता है

शिक्षा अधिकार – रूस के संविधान के अनुसार, रूस के हर नागरिक को शिक्षा प्राप्त करने का पूरा अधिकार हैं तथा सरकार को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि रूस के हर बच्चे तक बुनियादी शिक्षा जरुर एंव मुफ्त पहुँचनी चाहिए

रूस में समस्त नागरिकों ( बच्चों ) के लिए लगभग 11 वर्ष तक शिक्षा को, रूस के समस्त सरकारी स्कूल में अनिवार्य कर दिया है रूस में हर राज्य के द्वारा शिक्षा प्रणाली को संचालित किया जाता है

सांस्कृतिक संसाधनों तक पहुंच एंव सांस्कृतिक जीवन में भाग अधिकार – रूस का संविधान के अनुसार, रूस के हर मनुष्य को सांस्कृतिक जीवन में स्वतंत्र रूप से भाग लेने तथा सांस्कृतिक संसाधनों तक पहुँचने का अधिकार होता हैं

मतलब रूस का हर मनुष्य इच्छानुसार या अपनी संस्कृति को विकसित करने, जानने, उपयोग करने का अधिकार रखता हैं अंतर्राष्ट्रीय मानवाधिकार संधि ( ICESCR ) पर रूस ने सामाजिक, सांस्कृतिक एंव आर्थिक अधिकारों

तथा अंतर्राष्ट्रीय मानवाधिकार संधि ( ICCPR ) पर रूस ने राजनीतिक एंव नागरिक अधिकारों पर हस्ताक्षर किये हैं

स्वास्थ्य अधिकार – रूस का संविधान, रूस में हर मनुष्य को स्वास्थ्य के लिए स्वतंत्र अधिकार देता है मतलब यह कहा जा सकता है कि रूस के हर नागरिक को स्वास्थ्य सेवाओं एंव चिकित्सा देखभाल लेने का अधिकार हैं

रूस में स्वास्थ्य अधिकार के लिए स्वास्थ्य मंत्रालय के द्वारा, रूस के हर नागरिक के लिए मुफ्त स्वास्थ्य उपचार प्रदान करने के लिए कार्य किया जाता है

निष्पक्ष सुनवाई एंव कानूनी संरक्षण अधिकार – रूस का संविधान ( अनुच्छेद 47 ), रूस के नागरिकों को निष्पक्ष सुनवाई एंव कानूनी संरक्षण का अधिकार देता है

जिसके अनुसार न्याय के लिए रूस के प्रत्येक नागरिक को अदालत तक पहुंच प्राप्त होनी चाहिए जिसके बाद निष्पक्ष एंव स्वतंत्र सुनवाई होनी चाहिए तथा वकील की सहायता प्राप्त करने का अधिकार हर उस मनुष्य को होता है जो आरोपी हैं 

सामाजिक सुरक्षा अधिकार – रूस का संविधान, रूस के प्रत्येक नागरिक को सामाजिक सुरक्षा अधिकार प्रदान करता हैं जिसके अंतर्गत बीमार, आय की हानि, बुढ़ापे, विकलांगता एंव बच्चों के पालन-पोषण के लिए सरकार के द्वारा सुरक्षा प्रदान की जाती हैं

रूस में यह सुरक्षा रूस के नागरिकों को वृद्धावस्था पेंशन, विकलांगता लाभ, अनिवार्य सामाजिक बीमा, बेरोजगारी भत्ते तथा सामाजिक लाभों के द्वारा दिया जाता हैं

निर्णयों के विरुद्ध अपील करना अधिकार – रूस का संविधान ( अनुच्छेद 46 ), रूस के हर नागरिक को सार्वजनिक प्राधिकारियों के द्वारा लिए गए निर्णयों के विरुद्ध अपील करने का अधिकार देता हैं इन सार्वजनिक प्राधिकारियों में सार्वजनिक संगठनों,

स्थानीय प्राधिकारियों, राज्य एंव अन्य अधिकारियों के कार्य एंव निर्णय शामिल है

रूस के मौलिक कर्तव्य ( Mul Kartavya Kitne Hain ) Fundamental Duties in Hindi.

रूस के संविधान के द्वारा, रूस के नागरिकों के लिए कुछ कर्तव्यों को सेट किया गया हैं यह इस प्रकार है 

न्याय प्रशासन में भाग लेना – रूस के संविधान अनुसार, रूस के प्रत्येक नागरिक के लिए न्याय प्रशासन में संघीय कानून के द्वारा निर्धारित प्रक्रिया का पालन करते हुए भाग लेने का अधिकार होता हैं

मातृभूमि की रक्षा करना – रूस के संविधान के अनुसार, रूस के हर नागरिक के लिए अपनी मातृभूमि ( रूस ) की रक्षा करना उसका एक महत्वपूर्ण कर्तव्य होता है वह मातृभूमि की रक्षा करने के लिए भविष्य में जरुरत पड़ने पर सेना में शामिल हो सकता है

जिससे जरुरत पड़ने पर देश को बाहरी दुश्मनों से बचाया जा सकें तथा राष्ट्रीय सेवा में देश ( रूस ) को जरुरत पड़ने पर, रूस के समस्त नागरिकों के द्वारा भाग लिया जा सकता है

अधिकार सम्मान – रूस के संविधान के मुताबिक, रूस के हर नागरिक को दूसरे नागरिक के अधिकारों एंव स्वतंत्रता का सम्मान करना चाहिए तथा उसकी रक्षा करनी चाहिए

कर भुगतान करना – रूस का संविधान, प्रत्येक रूस के नागरिक के लिए उन शुल्कों एंव करों का भुगतान करना कर्तव्य होता है जिन करों को कानूनी रूप से स्थापित किया गया है कर का भुगतान करना इसीलिए आवश्यक होता हैं

क्योकि देश में कर के माध्यम बुनियादी ढांचे एंव सरकारी सेवाओं का वित्तपोषण किया जाता है

कानून पालन – रूस के संविधान के अनुसार, रूस के हर नागरिक के लिए संविधान के समस्त विनियमों एंव नियमों का पालन करना उसका कर्तव्य होता है तथा रूस में सरकार के समस्त अंगो, स्थानीय स्व-शासन के अंगों,

नागरिकों के संघों, राज्य सत्ता तथा अधिकारियों के लिए कानून एंव संविधान का पालन करना अत्यंत महत्वपूर्ण होता है

पर्यावरण रक्षा करना – रूस के संविधान के अनुसार, रूस के हर नागरिक के लिए पर्यावरण एंव प्रकृति ( नेचर ) की रक्षा करना उसका कर्तव्य होता हैं रूस में रहने वाले समस्त नागरिकों की यह प्राकृतिक संसाधनों के प्रति,

यह जिम्मेदारी बनती हैं कि वह उनका ध्यानपूर्वक उपयोग करें एंव उनका ध्यान रखें

इसीलिए रूस के नागरिकों का यह फर्ज बनता है कि वह रूस की समस्त नदियों, वनों, झीलों तथा वन्य जीवों के साथ साथ रूस के पर्यावरण को सुरक्षित रखें और दया का भाव समस्त जीवित प्राणियों के प्रति रखा करें

संविधान सम्मान करना – रूस के संविधान ( भाग 1 – अनुच्छेद 2 ) के अनुसार, रूस के प्रत्येक नागरिक के द्वारा रूस के संविधान का सम्मान करना उसका कर्तव्य होता है क्योकि यह हर नागरिक के लिए उसकी स्वतंत्रता तथा अधिकारों का बुनियादी आधार हैं

Read More Articles: – 

निष्कर्ष

यह लेख विशेष रूप से सोवियत संघ के उदय एंव विघटन को बताते हुए रूस के संविधान को समझाया है यहाँ हमने उत्तराखंड कुमाऊँ यूनिवर्सिटी के राजनीतिक विज्ञान पाठ्यक्रम को ध्यान में रखते हुए रूस के मौलिक अधिकारों तथा कर्तव्यों को बताया हैं

क्योकि रूस के संविधान से भारत ने मौलिक अधिकारों को लिया है इसीलिए अपने लिए रूस के मौलिक अधिकार और कर्तव्य समझना आसान हो जाता है

मैं यह उम्मीद करता हूँ कि कंटेंट में दी गई इनफार्मेशन आपको पसंद आई होगी अपनी प्रतिक्रिया को कमेंट का उपयोग करके शेयर करने में संकोच ना करें अपने फ्रिड्स को यह लेख अधिक से अधिक शेयर करें

लेखक – नितिन सोनी 

Spread the love

Leave a Comment