कानून क्या है ( 2025 ) कानून के प्रकार, स्त्रोत, लक्षण, गुण Law in Hindi Best Guide

कानून क्या है? कानून के प्रकार, स्त्रोत, लक्षण, गुण ( Law in Hindi ) 2024

Law Meaning in Hindi: – कानून क्या है? जब किसी राज्य या देश में, किसी भी नियम का निर्माण करके उसको पुरे देश के नागरिकों के लिए लागू कर दिया जाता हैं उसको कानून कहा जाता हैं

परन्तु, कुछ लोगो के मन में कानून से सम्बंधित यह सवाल रहता है कि कानून क्यों जरुरी होता हैं? ( Kanoon Kyon Jaruri Hai ). किसी भी राज्य या देश में, नागरिकों की सुरक्षा के लिए कानून व्यवस्था का होना बहुत महत्त्व पूर्ण होता हैं

जब हम बीए की परीक्षा के दौरान राजनीतिक विज्ञान ( Political Science ) को पढ़ते हैं तब ऐसी स्थिति में हमे कानून विषय को पढ़ना होता हैं क्योकि उससे सम्बंधित प्रश्न कई बार एग्जाम में पूछ लिया जाता हैं

कानून क्या है? कानून के प्रकार, स्त्रोत, लक्षण, गुण ( Law in Hindi ) 2024

चलिए अब हम यह समझ लेते हैं कि कानून क्या है? ( Kanoon Kya Hai ) 

कानून क्या है? – Meaning Of Law in Hindi? ( कानून का अर्थ एवं परिभाषा ) – कानून से आप क्या समझते हैं?

किसी भी देश या राज्य द्वारा निर्मित और लागू किए जाने वाले नियमों को ही कानून कहते हैं मतलब, राज्य ( देश ) में कानून होता हैं जिसका पालन करना प्रत्येक नागरिक का कर्तव्य होता हैं, जिसको राज्य में, सरकार द्वारा लागू किया जाता हैं

किसी राज्य को नियमित ढंग एंव सुचारू रूप से चलाने के लिए, कई प्रकार के नियम और विधियों का निर्माण किया जाता हैं जिसका पालन हर, उस राज्य ( देश ) का नागरिक होने के कारण, हर मनुष्य को करना होता हैं

अगर इन नियमों का पालन कोई नागरिक नहीं करता हैं या इन नियमों का उलंघन करता हैं तब ऐसी स्थिति में उस नागरिक को दोषी ( अपराधी ) मानकर कठोर दंड भी दिया जा सकता हैं और राज्य के प्रत्येक नागरिक के लिए कानून बराबर होता है

कानून शब्द आंग्ल भाषा के Law शब्द का हिंदी रूपांतरण होता हैं, जिसकी उत्पत्ति वास्तव में ( Lag ) शब्द से हुई हैं जिसका अर्थ “ऐसी वास्तु जो सदा स्थिर स्थायी और निश्चित” तथा “सभी परिस्थितियों में समान रूप रहे” होता हैं

हॉलैण्ड – के अनुसार आचरण के उन सामान्य नियमों को कानून कहते है जो मनुष्य के बाहरी आचरण से सम्बंधित रहते हैं और जिन्हें एक निश्चित सत्ता लागू करती हैं यह निश्चित सत्ता राजनीतिक क्षेत्र की मानवीय सत्ताओं में सर्वोच्च होती हैं 

ग्रीन – के अनुसार अधिकारों और कर्तव्यों की उस पद्धति को कानून कहा जा सकता हैं जिसे सरकार लागू करती हैं 

आस्टिन – के अनुसार कानून किसी स्वतंत्र राजनीतिक समाज के शासक या शासन वेग द्वारा स्थापित आदेश होता हैं 

वुडरो विल्सन – के अनुसार कानून स्थापित विचार या आदत का वह भाग हैं, जो शासन की शक्ति द्वारा समर्थित होता है और सामान्य नियम के रूप में स्पष्ट तथा विधिवत मान्यता प्राप्त होता हैं |

मैकआइवर तथा पेज – के अनुसार कानून नियमों की वह व्यवस्था है जो राज्य के न्यायालयों द्वारा मान्यता प्राप्त होती हैं इसकी  विवेचना होती हैं और इसको लागू किया जाता हैं 

डिग्विट – के अनुसार कानून समाज की आवश्यकता मात्र की अभिव्यक्ति हैं 

सालमांड – के अनुसार कानून नियमों का वह समूह हैं जिसे राज्य मान्यता देता है और न्याय के प्रशासन में लागू करता हैं 

रूसो – के अनुसार कानून सामान्य इच्छा का एक कार्य है, यह समस्त लोगो का प्रस्ताव हैं 

उपर्युक्त परिभाषाओं के आधार पर कहा जा सकता हैं कि कानून वे नियम हैं जिन्हें राज्य के द्वारा निर्मित या स्वीकृत किया जाता हैं और जिनका पालन न करने वाले को दंडित किया जाता हैं |

कानून के स्त्रोत

  1. रीति-रिवाज या प्रथाएं 
  2. व्यवस्थापिकाएं 
  3. धर्म 
  4. न्यायालय के निर्णय 

रीति-रिवाज या प्रथाएं

समाज के प्रारंभिक अवस्था में रीति-रिवाज ही कानून होते थे क्योकि रीति-रिवाज जब लम्बे समय तक प्राचलित रहते है तो कालांतर में उनको कानून का रूप प्रदान कर दिया जाता हैं मतलब प्राचीन समाज में अलग अलग धर्मों के रीति-रिवाज और प्रथाएं थी

जिनका पालन प्रत्येक मनुष्य को करना होता था, कोई मनुष्य उसके खिलाफ नहीं जा सकता था

व्यवस्थापिकाएं

प्राचीन काल में व्यवस्थापन का कार्य राजा अथवा कुछ गिने चुने लोगो के द्वारा किया जाता था लेकिन आधुनिक समय में व्यवस्थापन का कार्य व्यवस्थापिका के द्वारा किया जाता है जोकि कानून निर्माण का स्त्रोत हैं इसके द्वारा भी कानून का निर्माण किया जाता हैं

धर्म

धर्म कानून का एक महत्वपूर्ण स्त्रोत हैं और प्रारंभ में सभी धर्म जीवन प्रणली के नियमों पर आधारित थे जिनका सीधा सम्बन्ध उच्च आदर्शों से युक्त कर्तव्य होता था हम सब जानते हैं कि प्रत्येक धर्म में अलग अलग कानून होते हैं

उदहारण के लिए, हिन्दुओं में पूजा करने के लिए मंदिर में लोग जाते हैं और मुस्लिम मज्जिद में जाते है, सिख गुरुद्वारा जाते हैं |

न्यायालय के निर्णय

न्यायालय के भी अलग अलग निर्णय होते हैं उनके भी फैसले होते हैं जिस पर कानून बनाकर लागू किया जाता हैं जिसका पालन करना प्रत्येक नागरिक का कर्तव्य होता है हर राज्य में न्यायालय होता हैं

इसीलिए कभी कभी न्यायालयों द्वारा दिए गए निर्णय, अन्य न्यायालयों में भी प्रस्तुत किये जाते हैं और धीरे धीरे यह अन्य न्यायालयों द्वारा स्वीकार किये जाने पर नियम और कानून का रूप धारण कर लेते हैं

कानून के लक्षण

  • कानून वह सामान्य नियम हैं जो सम्पूर्ण समाज पर सामान्य रूप से लागू होते हैं और सम्पूर्ण समाज के हित के लिए होते हैं
  • कानून राज्य के द्वारा निर्मित होते है और राज्य की शक्ति के द्वारा लागू होते है
  • कानून को राज्य की शक्ति प्राप्त होती है इसीलिए, राज्य के सभी नागरिक इसका पालन करते हैं
  • कानून मनुष्य के बाध्य व्यवहारों को नियमित और नियंत्रित करता हैं मतलब कानून मनुष्य के बाहय व्यवहारों से सम्बंधित है आंतरिक व्यवहारों से नहीं |
  • कानून का पालन करना सभी नागरिकों के लिए अनिवार्य होता हैं क्योकि इसके पीछे राज्य की शक्ति होती है और इसका उलंधन करने वाले मनुष्य ( नागरिक ) को दंड का भय होता है
  • कानून सार्वजानिक हितों को ध्यान में रखकर बनाये जाते है
  • कानून नागरिक समाज में लागू होता हैं, नागरिक समाज में अभिप्राय राजनैतिक समाज या राज्य से है और कानून राजनैतिक समाज की एक महत्वपूर्ण उपलब्धि हैं

कानून के प्रकार ( वर्गीकरण )

  • व्यक्तिगत कानून ( Private Laws )
  • सवैधानिक कानून ( Constitutional Laws )
  • सार्वजानिक कानून ( Public Laws )
  • प्रशासकीय कानून ( Administrative Laws )

व्यक्तिगत कानून ( Private Laws )

यह कानून व्यक्तियों के पारस्पारिक संबंधों को निश्चित करते हैं मतलब व्यक्तियों के व्यक्तिगत संबंधों को निर्धारित करने वाले नियम व्यक्तिगत कानून कहलाते है उदहारण के लिए, ऋण सम्बन्धी कानून, जायदाद खरीदने व बेचने के कानून |

सवैधानिक कानून ( Constitutional Laws )

सवैधानिक कानून उस कानून को कहा जाता हैं जिसके द्वारा सरकार का ढांचा निश्चित किया जाता हैं और जिसके द्वारा राज्य के प्रति नागरिकों के अधिकारों तथा कर्तव्यों का विश्लेषण भी किया जाता हैं

भारत में राष्टपति का निर्वाचन तथा राज्यपाल की नियुक्ति से सम्बंधित कानून संवैधानिक कानून के ही उदहारण के हैं

सार्वजानिक कानून ( Public Laws )

इन कानूनों के द्वारा व्यक्ति का सरकार या राज्य के साथ सीधा सम्बन्ध निश्चित किया जाता हैं मतलब राज्य तथा व्यक्तियों के संबंधों को निर्धारित करने वाले नियम सार्वजानिक कानून कहलाते है

उदहारण के लिए, कर लगाना, चौरी करना, ह्त्या करने वालों को दंड देने के लिए बनाये गए कानून |

प्रशासकीय कानून ( Administrative Laws )

किसी – किसी देश में साधारण नागरिकों से प्रथक सरकारी कर्मचारियों के लिए अलग कानून हैं इन कानूनों को प्रशासकीय कानून कहा जाता है और यह वे नियम हैं जो राज्य के सभी के अधिकारों तथा कर्तव्यों को निश्चित करते हैं

उदहारण के लिए, फ्रांस प्रशासकीय कानून का सर्वोत्तम उदहारण हैं

अच्छे कानून के गुण

  • किसी राज्य ( देश ) के संचालन में अच्छे कानूनों का होना बहुत जरुरी ( आवश्यक ) होता है क्योकि इसका बहुत अधिक महत्त्व हैं विभिन्न विद्वानों ने अच्छे कानून के लिए कुछ विशेष गुणों का होना आवश्यक माना हैं
  • अच्छे कानून के लिए यह जरुरी है कि इसकी भाषा सरल ( सरलता का गुण ) हो क्योकि जिस कानून को नागरिक सरलता के साथ समझ न सकें उसको अच्छा कानून नहीं कहा जा सकता हैं
  • अच्छे कानून में स्पष्टता का गुण होना चाहिए यदि कानून जटिल हो यस उसके कई अर्थ निकलते है तो उसको अच्छा कानून नहीं कहा जा सकता हैं
  • स्थायित्व का गुण अच्छे कानून में होना चाहिए क्योकि कानून के रोज रोज बदलने से नागरिकों को कठिनाई होती हैं जिसके कारण, उचित न्याय मिलना मुश्किल हो जाता है
  • कानून को व्यापकता का गुण अच्छा बनाता हैं मतलब कानून में मुख्य बातों का विस्तार से उल्लेख होना चाहिए ऐसा न होने पर कानून के सम्बन्ध में अनेक प्रकार के विवाद और मतभेद उत्पन्न हो जायेंगी
  • व्यवहारिकता कानून का एक ऐसा गुण हैं जिससे व्यवहार का आसानी से पालन किया जा सकता हैं क्योकि अव्यवहारिक कानून केवल दंड के भय से प्रयोग में लाया जा सकता हैं

लेकिन व्यवहारिक कानून का लोगो द्वारा आसानी से पालन किया जा सकता हैं

  • कानून में निष्पक्षता होनी चाहिए मतलब कानून किसी वर्ग-विशेष के साथ पक्षपात ( भेदभाव ) नहीं करना चाहिए कानून सभी मनुष्यों के लिए समान होना चाहिए
  • कानून का यह महत्वपूर्ण उद्देश्य होता है कि कानून से नागरिक अधिकारों की रक्षा हो सकें क्योकि अगर कानून ऐसा नहीं कर पाता है तो वह कानून व्यर्थ हैं
  • कानून का यह भी उद्देश्य होता है कि वह मानव कल्याण ( सामाजिक कल्याण ) में सहायक हो क्योकि लोक हितकारी राज्यों में इसको अपना उद्देश्य माना जाता है

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निष्कर्ष

यह लेख मुख्य रूप से कानून का अर्थ, परिभाषा, मुख्य प्रकार, कानून के स्त्रोत, गुण और लक्षण को बताने के लिए शेयर किया गया हैं जब हम ग्रेजुएशन के दौरान राजनीतिक विज्ञान में कानून के टॉपिक को पढ़ते है तब हमारे लिए यह महत्त्वपूर्ण होता है

मैं यह उम्मीद करता हूँ कि कंटेंट में दी गई इनफार्मेशन आपको पसंद आई होगी अपनी प्रतिक्रिया को कमेंट का उपयोग करके शेयर करने में संकोच ना करें अपने फ्रिड्स को यह लेख अधिक से अधिक शेयर करें

लेखक – नितिन सोनी 

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