राजनीतिक दल किसे कहते हैं? प्रकार, कार्य, विशेषताएं ( Party Systems ) 2024

राजनीतिक दल किसे कहते हैं? प्रकार, कार्य, विशेषताएं ( Party Systems ) 2024

Political Parties in Hindi: – राजनीतिक दल किसे कहते हैं? वर्तमान समय में विश्व के हर देश में दल पायें जातें हैं परन्तु यह कहना गलत होगा कि हर देश में सभी तरह की दलीय व्यवस्था पाई जाती हैं

क्योकि हर देश में दलीय व्यवस्था अलग-अलग होती हैं किसी देश में एक- दलीय व्यवस्था होगी, किसी देश में बहु-दलीय व्यवस्था होगी और किसी देश में द्वि-दलीय व्यवस्था होगी

पुराने यूनान समय के दौरान ऐथिंस में प्लेटो, अरस्तु के समय में अधिक जनसंख्या नहीं होती थी और न ही लोकतंत्र और वोट करने का सिस्टम था उस समय लोग मिलकर ( आपस में चर्चा करके ) कानून को बना देते थे

ऐसा करके वहां के लोग खुद अपना शासन चला लिया करते थे परन्तु वर्तमान समय में अधिक जनसंख्या होने के कारण अप्रत्यक्ष लोकतंत्र सिस्टम के अनुसार देश के लोग अपने नेता को वोट देते हैं

राजनीतिक दल किसे कहते हैं? प्रकार, कार्य, विशेषताएं ( Party Systems ) 2024

इस दौरान जब लोग राजनीतिक दल का नाम सुनतें हैं तो ऐसे में उनके मन में यह सवाल उत्तपन होता हैं कि राजनीतिक दल का क्या अर्थ है? जिसके बाद राजनीतिक दल की परिभाषा दें? यह सवाल गूगल में सर्च किया जाता हैं

भारत में पॉलिटिकल पार्टी का इतिहास बहुत पुराना हैं शुरू में भारत में केवल एक कांग्रेस पार्टी थी परन्तु, वर्तमान समय में भारत में बहु-दलीय व्यवस्था हैं जहाँ अनेक राजनीतिक दल मिलते हैं

अब हम राजनीतिक दल का अर्थ मतलब यह जान लेतें है कि राजनीतिक दल का क्या अर्थ होता है? 

नोट – बीए स्टूडेंट्स जिनके पास राजनीतिक विज्ञान हैं उनके लिए यह एक महत्वपूर्ण टॉपिक हैं इसको अच्छे से तैयार करें क्योकि इसके प्रशन एग्जाम में उत्तर लिखने के लिए पूछे जातें है उदहारण के लिए, राजनीतिक दल से आप क्या समझते हैं?

राजनीतिक दल किसे कहते हैं? राजनीतिक दल क्या है? ( राजनीतिक दल की परिभाषा ) – Rajnitik Dal Kise Kahate Hain.

वह राजनीतिक दल जो कुछ व्यक्तियों का सगठित समुदाय ( समूह ) होता हैं जिसमे शामिल हर मनुष्य की विचारधारा एक होती हैं इन सभी लोगो का मुख्य उद्देश्य देश के संविधान का पालन करते हुए चुनाव के द्वारा इलेक्शन जीतकर सत्ता को प्राप्त करना होता हैं

जिससे वह समूह सत्ता में बना रहें ऐसा करके यह समूह देश में अपनी सरकार को बनाने का काम करता हैं राज्य में कानून का निर्माण राजनीतिक दल के द्वारा किया जाता हैं इसीलिए यह लोकतंत्र का एक महत्वपूर्ण भाग होता हैं

बिना राजनीतिक दल के लोकतंत्र सफल लोकतंत्र नहीं बन सकता हैं और ऐसी स्थिति में कोई देश चल नहीं सकता है इसीलिए किसी राज्य ( देश ) में कानून बनाने के लिए एक लोगो का समूह जिसको हम राजनीतिक दल कहतें हैं

देश में जनता चुनाव के द्वारा अपनी पसंदीदा राजनीतिक दल को वोट देती हैं जिसके बाद उस राजनीतिक दल के नेता जनता की मर्जी से देश में काम करेंगे

मतलब जो नेता देश में शासन करता हैं वह जनता का प्रतिनिधि होता हैं इसीलिए वह नेता जो कानून बनाता है उसको जनता की सहमति से बना कानून माना जाता हैं

प्रो. मुनरो ( Pro. Monroe ) – का कहना है कि लोकतंत्रीय शासन, दलीय शासन का दुसरा नाम होता हैं दलीय व्यवस्था के बिना लोकतंत्रीय शासन को सही तरीके से चलाना असंभव होता हैं यह राजनीतिक प्रक्रिया को जोड़ने, सरल और सुगम बनाने का जरिया हैं

गेटेल ( Gatchel ) – का कहना है कि राजनीतिक दल पूर्ण या अपूर्ण रूप से संगठित उन नागरिको का एक समूह हैं जो एक राजनीतिक संस्था की तरह कार्य करतें हैं और जिनका उद्देश्य अपने मताधिकार का प्रयोग कर सरकार का नियंत्रण रखना एंव अपनी सामान्य नीति का संपादन करना हैं

मैकाइवर ( Mclver ) – का कहना है कि राजनीतिक दल वह समुदाय हैं जो किसी विशेष सिद्धांत या नीति के समर्थन के लिए संगठित किया गया हो और जो संवैधानिक उपायों से उन सिद्धांत या नीति को शासन का आधार बनाने का प्रयत्न करता हैं

गिल क्राइस्ट ( Gill Christ ) – का कहना है कि राजनीतिक दल नागरिको के उस संगठित समुदाय को कहते हैं जिसके सदस्य समान राजनीतिक विचार रखते हैं और जो एक राजनीतिक इकाई के रूप में कार्य करते हुए शासन को अपने हाथ में रखने की चेष्टा करते हैं

एडमंड बर्क ( Edmund Burke ) – का कहना है कि मनुष्यों का एक संगठित समुदाय हैं जो कुछ विशेष सिद्धांतों के आधार पर राष्ट्रहित को बढ़ावा देने का प्रयत्न करता है

एलेन वॉल – ने कहा कि हम दलीय व्यवस्था को दो से अधिक प्रकारों के रूप में देख सकतें हैं

अस्पष्ट द्विदलीय व्यवस्था – जहाँ राजनीतिक दलों की नीतियाँ स्पष्ट नहीं होती हैं परन्तु दो राजनीतिक दल होते हैं

स्पष्ट द्विदलीय व्यवस्था – जहाँ राजनीतिक दलों की नीतियाँ स्पष्ट होती हैं और दो राजनीतिक दल होते हैं

कामचलाऊ बहुदलीय व्यवस्था – जहाँ अधिक राजनीतिक दल होतें हैं परन्तु सब कामचलाऊ होतें हैं ऐसे में कभी बहुमत सरकार नही बन पाती हैं

प्रभुत्व्सम्पन्न दलीय व्यवस्था – जहाँ राजनीतिक दल बहुत पॉवरफुल होता है वह चाहे तो देश को तोड़ सकता हैं

एक-दलीय व्यवस्था – जिस व्यवस्था में केवल एक राजनीतिक दल होता हैं उदहारण के लिए, चीन, कोरिया

निरंकुश. दलीय व्यवस्था – जो राजनीतिक दल तनाहशाही वाले होते हैं

अस्थिर बहुदलीय व्यवस्था – जहाँ सरकार स्थिर नहीं होती हैं परन्तु अधिक राजनीतिक दल होते हैं

राजनीतिक दल की विशेषताएं ( राजनीतिक दल की विशेषताएँ )

  1. राजनीतिक दल में सभी मनुष्य सबसे पहले लीगल रूप उसके सदस्य बनते हैं उसके बाद वह मनुष्य उस एक विचारधारा वाले राजनीतिक दल ( संगठन ) का हिस्सा बनते हैं
  2. इन सभी दलों को अपनी नीतियाँ नागरिकों के बीच में स्पष्ठ करनी होती हैं मतलब सत्ता में आने के बाद वह राजनीतिक दल किन नीतियों पर काम करेंगे यह बताना होता है
  3. राजनीतिक दल के सदस्य उसके सभी नियम, सिद्धांतों और कार्यक्रम से सहमत होते हैं
  4. राजनीतिक दल का मुख्य उद्देश्य सही तरह से स्वतंत्र रूप से चुनाव जीतकर सत्ता को प्राप्त करना होता हैं
  5. राजनीतिक दलों का काम सभी बड़े और सरकारी क्षेत्र के मुद्दों पर ध्यान देना होता हैं, जिससे वह उसको जनता के बीच में उठा सकें
  6. राजनीतिक दल के सभी सदस्य देश के राजनीतिक और आर्थिल मामलों में एकसमान राय रखते हैं

राजनीतिक दलों के कार्य लिखिए? ( राजनीतिक दलों के दो प्रमुख कार्य बताइए? )

  1. यह लोगो को देश की समस्याओं के बारे में शिक्षा देने का काम करतें हैं और लोगो के मतों को शामिल करके इसके समाधान के लिए काम करती हैं
  2. राजनीतिक दलों का काम यह होता हैं कि वह देश में संविधान का पालन करते हुए चुनाव में भाग ले और उसका उद्देश्य यह होता है कि मेरे अधिक से अधिक कैंडिडेट्स को जीत प्राप्त हो
  3. देश के लोगो को राजनीतिक ज्ञान “राजनीतिक दलों” से मिलता हैं
  4. देश के लोगो और सरकार के बीच में संबंध स्थापित करके काम करने का काम राजनीतिक दल का होता हैं
  5. राज्यसभा, लोकसभा और कार्यपालिका के सभी लोग ( सदस्य ) आपस में एक संबंध स्थापित करके देश के लिए काम करते हैं

राजनीतिक दल के प्रकार बताएं?

राजनीतिक दल को मुख्य रूप से तीन प्रकार में रखा गया हैं

राजनीतिक दल किसे कहते हैं? प्रकार, कार्य, विशेषताएं ( Party Systems ) 2024

एक-दलीय व्यवस्था – जिस देश में केवल एक राजनीतिक दल को सरकार के माध्यम से शासन करने की अनुमति होती हैं वहां एकदलीय व्यवस्था होती हैं अगर उस देश में अन्य राजनीतिक दल होतें भी हैं

तो वह केवल नाममात्र होतें है उनका कोई फायदा नहीं होता हैं उदहारण के लिए, चीन, क्यूबा

फायदें ( लाभ )

  • ऐसी व्यवस्था देश में अन्य राजनीतिक दलों की तुलना में स्थायी होती हैं
  • लॉन्ग टर्म में कानून बनाने और लागू करने में ऐसी सरकार को बहुत आसानी होती हैं
  • ऐसी व्यवस्था में देश के अंदर यूनिटी और अनुशासन बहुत अच्छी होती हैं

नुकसान ( हानि )

  • ऐसी व्यवस्था के कारण देश में लोकतंत्र को तनाहशाही से ख़तरा होता हैं
  • इस तरह की व्यवस्था में स्वतंत्रता नहीं होती है

द्वि-दलीय व्यवस्था – जिस देश में केवल दो राजनीतिक दल को सरकार के माध्यम से शासन करने की अनुमति होती हैं ऐसे देश में अन्य राजनीतिक दल होने पर भी वह अपनी सरकार नहीं बना सकतें हैं उदहारण के लिए, ब्रिटेन, अमेरिका, इंग्लैंड

फायदें ( लाभ )

  • ऐसी व्यवस्था में देश के अंदर सरकार काफी हद तक स्थायी होती हैं
  • इस व्यवस्था में सरकार बनाना बहुत आसान होता हैं और सरकार का सरकार का प्रत्यक्ष चुनाव होता हैं

नुकसान ( हानि )

  • नागरिको के पास वोट करने के लिए लिमिटेड आप्शन हैं क्योकि केवल दो राजनीतिक दल हैं
  • ऐसी व्यवस्था में मंत्रिमंडल की तानाशाही होती है और ऐसी व्यवस्था देश को दो भागो में बाट देती हैं जिसके एक भाग में पहले राजनीतिक दल को पसंद करने वाले लोग होतें हैं और दुसरे भाग में दुसरे राजनीतिक दल को पसंद करने वाले लोग होतें हैं

बहु-दलीय व्यवस्था – जिस देश में दो से अधिक राजनीतिक दल होते हैं और देश में केवल एक राजनीतिक दल या अधिक राजनीतिक दल गठबंधन करके अपनी सरकार बना लेतें हैं उस व्यवस्था को हम बहु-दलीय व्यवस्था कहते हैं

उदहारण के लिए, भारत, फ़्रांस

फायदें ( लाभ )

  • नागरिकों के पास राजनीतिक दल अधिक होने के कारण बहुत सारे आप्शन चुनने के लिए होतें हैं
  • ऐसी व्यवस्था में मंत्रीमंडल के द्वारा तनाहशाही की संभावना न के बराबर होती हैं क्योकि
  • इस व्यवस्था में देश की संसद मंत्रीमंडल के हाथ की कठपुतली नहीं होती हैं

नुकसान ( हानि )

  • लॉन्ग टर्म प्लानिंग नहीं हो सकती हैं क्योकि ऐसी व्यवस्था में सरकार अस्थायी होती हैं
  • ऐसी व्यवस्था में नीतियों की अनिश्चितता होती हैं मतलब एक निश्चित समय नहीं होता हैं
  • इस व्यवस्था में प्रशासनिक दक्षता का अभाव होता हैं

राजनीतिक दल विचारधारा पर आधारित?

हर राजनीतिक दल अपनी विचारधारा पर आधारित होता हैं जिसके अनुसार यह कानून बनाने का काम करती हैं इसीलिए हर राजनीतिक दल जनता के बीच में अपनी अलग पहेचान बना लेती हैं कुछ प्रकार को नीचे बताया गया हैं

Liberalism ( उदारवादी ) : – स्वतंत्रता और अधिकार को ध्यान में रखकर काम करने वाले लोग उदारवादी हैं

Socialism ( समाजवादी ) : – समाज को ध्यान में रखकर काम करने वाले लोग समाजवादी हैं

Conservatism ( रूढ़िवादी ) : – पुरानी परम्परा और सोच को ध्यान में रखकर काम करने वाले लोग रूढ़िवादी हैं

विपक्ष दल किसे कहते हैं? ( विपक्षी दल किसे कहते हैं? )

जब कोई राजनीतिक दल किसी देश में संविधान का पालन करते हुए चुनाव के द्वारा इलेक्शन जीतकर सत्ता को प्राप्त करने का लक्ष्य बनाता हैं परन्तु कम वोट मिलने के कारण वह हार जाता हैं

तो ऐसी स्थिति में यह राजनीतिक दल चुनाव को जीतने वाले दल का विपक्ष दल कहलाता हैं परन्तु, लोकतंत्र में जीतने वाले राजनीतिक दल के साथ साथ, हारने वाले राजनीतिक दल ( विपक्ष दल ) का महत्व भी अधिक होता हैं

क्योकि यह विपक्ष दल जीतने वाली सरकार और उसकी नीतियों की आलोचना करके कमी के बारे में बताती हैं जिसके कारण देश तानाहशाही से बच जाता हैं

राष्ट्रीय राजनीतिक दल किसे कहते हैं?

जिस राजनीतिक दल को कम से कम चार राज्यों में 6% वोट मिल जायेगा तो उसको नेशनल ( राष्ट्रीय ) राजनीतिक दल कहा जाएगा हाँ हम कह सकतें हैं कि जो दल पुरे देश में होता हैं वह राष्ट्रीय दल होता है

यह लगभग पुरे देश में फैली होती हैं उदहारण के लिए, भारत में बीजेपी, कांग्रेस

क्षेत्रीय राजनीतिक दल किसे कहते हैं

जिस राजनीतिक दल को किसी एक राज्य में 4% वोट मिल जाता हैं तब उसको क्षेत्रीय राजनीतिक दल कहा जाता हैं या हम कह सकतें है कि जो दल हर राज्य के अंदर होता हैं वह क्षेत्रीय दल होता हैं

यह एक या दो राज्यों तक सीमित रहती हैं उदहारण के लिए, आम आदमी पार्टी,

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निष्कर्ष

राजनीतिक दल देश में जनता की सहमति से अपनी सरकार बनाता हैं हर राजनीतिक दल देश के संविधान का पालन करके स्वतंत्र रूप से चुनाव में भाग लेकर, जनता के द्वारा अधिक वोट प्राप्त करके अपनी सरकार बनातें हैं

मैं यह उम्मीद करता हूँ कि कंटेंट में दी गई इनफार्मेशन आपको पसंद आई होगी अपनी प्रतिक्रिया को कमेंट का उपयोग करके शेयर करने में संकोच ना करें अपने फ्रिड्स को यह लेख अधिक से अधिक शेयर करें

लेखक – नितिन सोनी 

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