Legitimacy Meaning in Hindi: – शक्ति किसे कहते हैं? कुछ स्टूडेंट का यह मानना होता है कि जब हम बल का उपयोग करते हैं तो वह शक्ति कहलाती हैं परन्तु, शक्ति यह नहीं होती हैं
हाँ ग्रेजुएशन के दौरान एग्जाम में यह सवाल हो सकता हैं कि शक्ति को परिभाषित कीजिए? या शक्ति क्या हैं? ( Shakti Kya Hai ), अधिकार से आप क्या समझते हैं?, वैधता किसे कहते हैं?, अधिकार का अर्थ एवं परिभाषा
क्योकि शक्ति किसी दुसरे मनुष्य के व्यवहार को अपनी तरफ करने और उसको नियंत्रित करने की क्षमता हैं मतलब जब हमारे पास बल का उपयोग करने की क्षमता होती हैं लेकिन हम अपना काम बिना किसी बल का उपयोग किये करा लेतें हैं
तो वह शक्ति होती हैं और किसी व्यक्ति को आदेश देने का हक़ मिलना, अथॉरिटी मिलना कहलाता हैं यह किसी विशेष स्थान पर नियुक्त मनुष्य को सरकार के द्वारा मिलती हैं जिसके बाद,
वह मनुष्य अपने एरिया के लोगो को क़ानूनी रूप से आदेश देने का हक़ रखता हैं उदहारण के लिए, कोई सरकारी ऑफिसर,
परन्तु बिना वैधता के यह सही नहीं होता हैं मतलब वैधता के मिलने के बाद यह अधिकार सही हो जाता हैं क्योकि वैधता का अर्थ जनता की सहमति से होता हैं हम यह कह सकतें है कि शक्ति, प्राधिकरण और वैधता तीनो एक दुसरे से जुड़े होतें हैं
हम अलग अलग इनको नहीं समझ सकतें हैं इसीलिए यहाँ हम शक्ति, अथॉरिटी ( सत्ता ) और वैधता के बारे में समझेंगे
शक्ति, प्राधिकरण और वैधता ने संबंध
Legitimacy + Power = Authority
शक्ति किसे कहते हैं? शक्ति की परिभाषा? शक्ति से आप क्या समझते हैं? ( Shakti Kise Kahate Hain )
किसी काम को करने के लिए हमारे पास क्षमता होना शक्ति कहलाती है मतलब बल का प्रयोग किये बिना अपना काम करवा लेना शक्ति कहलाती हैं परन्तु आपके पास बल का प्रयोग करने की क्षमता होनी चाहिए शक्ति किसी के पास भी हो सकती हैं
शक्ति को दो तरह से समझा जा सकता हैं –
- राजनीतिक
- क़ानूनी
राजनीतिक – शक्ति का अर्थ लोगो के विचारों और सोचने के तरीके को दबाना होता हैं यहाँ शक्ति एक मनोवैज्ञानिक घटना होती हैं क्योकि जो मनुष्य शक्ति का उपयोग कर रहा होता हैं और जिन लोगो के ऊपर शक्ति का उपयोग किया जा रहा हैं
उन दोनों के बीच एक मनोवैज्ञानिक संबंध होता हैं शक्ति का अर्थ लोगो की इच्छा के विरुद्ध, उनसे काम करवाना शक्ति है
RM Maciver – का कहना है कि शक्ति का अर्थ है लोगों के व्यवहार को नियंत्रित और निर्देशित करने के लिए एक बल की उपस्थिति होना
Bertrand Russell – का कहना है कि शक्ति का अर्थ दूसरों के कार्यों को प्रभावित करने की क्षमता है
क़ानूनी – यह राज्य ( देश ) में एक अधिकारों के समूह के रूप में होता है जिसमें मनुष्य को क़ानूनी रूप से अधिकारों के नाम पर कुछ शक्ति प्रोवाइड होती हैं उदहारण के लिए, किसी मनुष्य को वसीयत लिखने का अधिकार,
मनुष्य को सम्पति हस्तांतरित करने का अधिकार, सरकारी अधिकारीयों को काम करने के लिए कुछ विशेष अधिकार |
Dias – का कहना है कि शक्ति का अर्थ मनुष्य के पास, उसके या किसी अन्य मनुष्य के जीवन में चल रही क़ानूनी स्थिति को बदलने की क्षमता होती हैं उसका उद्देश्य स्थिति को बेहतर या ख़राब बनाना हो सकता हैं
शक्ति के कुछ रूप होते हैं जिनके माध्यम से शक्ति को एक्सप्रेस किया जाता हैं
बल ( Force ) – बल के रूप में शारीरिक शक्ति का उपयोग करना जिसमें धमकी, सैन्य बल, जबरजस्ती और आंतक बल शामिल हैं
प्रभाव ( Influence ) – स्थिति, धन, सम्पर्क का उपयोग करके अनुकूल व्यवहार पाना प्रभाव कहलाता हैं यह शक्ति का एक स्वार्थी रूप होता हैं
अधिकार ( Authority ) – शक्ति का उपयोग क़ानूनी दायरे के अंदर रहकर करना अधिकार कहलाता हैं जिसमें अधिकतर राज्यों ( देशो ) के द्वारा राज्य की जनता पर अधिकार का उपयोग होता है जिसका उपयोग राज्य क़ानूनी दायरे के अंदर रहकर करता हैं और राज्य को यह अधिकार जनता के द्वारा मिलता हैं
नियंत्रण ( Control ) – नियम, कानून, और अधिनियमों का उपयोग करके क़ानूनी दायरे में रहकर शक्ति का उपयोग किया जाता हैं क्योकि यह नियंत्रण के रूप में लोगो के व्यवहार, घटनाओ को निर्देशित करने की शक्ति हैं
शक्ति के प्रकार
शक्ति तीन प्रकार से समझी जा सकती हैं
- औपचारिक ( Formal )
- अनौपचारिक ( Informal )
- औपचारिक अर्थ ( Semi Formal )
औपचारिक शक्ति अपना प्रभाव फैलाने के लिए कठोर शक्ति का उपयोग करती हैं जिसमे सैन्य प्रभुत्व, आतंकवादी गतिविधियों का प्रयोग शामिल होता हैं इसीलिए यह नेचर में पारंपरिक होती हैं जिसमे अपनी शारीरिक शक्ति का उपयोग करके
दुसरो से कोई बात मनवाते हैं परन्तु अनौपचारिक और औपचारिक अर्थ शक्ति यह आधुनिक शक्ति के रूप हैं जिसमे अपनी बात को मनवाने के लिए सॉफ्ट पॉवर ( शक्ति ) और नागरिक तरीको का उपयोग किया जाता हैं
इसीलिए, शक्ति केवल दो प्रकार की हैं
नम्र शक्ति ( Soft Power ) – नम्र शक्ति का उपयोग इंटरनेशनल लेवल पर नम्र तरीके से किया जाता हैं क्योकि इसमें कल्चर ( संस्कृति ), सरकार और राजनीतिक और ग्लोबल मूल्य का उपयोग करता हैं नम्र पॉवर अपील और आकर्षण के माध्यम से, दुसरे लोगो की प्राथमिकताओं को आकार देने की क्षमता हैं जो गैर जबरजस्ती वाली होती हैं
कठोर शक्ति ( Hard Power ) – कठोर शक्ति का उपयोग नेशनल और इंटरनेशनल केवल पर किया जाता है क्योकि इसमें सैन्य बल, आर्थिक प्रतिबन्ध और भुगतान जैसी रणनीति के लिए उपयोग किया जाता हैं यह आक्रामक होती हैं जिसका प्रभाव तुरंत देखा जा सकता है
नोट – कठोर शक्ति और नम्र शक्ति दोनों के उद्देश्य एक होतें हैं परन्तु सॉफ्ट पॉवर गैर जबरजस्ती होती हैं और हार्ड पॉवर आक्रामक होती है
अधिकार किसे कहते हैं? अधिकार का अर्थ और अधिकार की परिभाषा ( Adhikar Kya Hai? ) अथॉरिटी किसे कहते हैं? ( Authority )
किसी मनुष्य के पास दुसरे लोगो को आदेश देने का हक़ अथॉरिटी हैं मतलब किसी काम को करने का हक़ अधिकार ( अथॉरिटी ) कहलाता हैं और किसी राज्य ( देश ) में अथॉरिटी हमेशा ऐसे मनुष्य के पास होती है जो सरकार के द्वारा नियुक्त किया गया है
क्योकि उसके पास क़ानूनी पॉवर होती है जिससे वह लोगो को आदेश देने का हक़ क़ानूनी रूप से रखता हैं
उदहारण के लिए, IAS अधिकारी,
राजनीतिक परिभाषा – जब किसी राज्य में किसी मनुष्य के पास शक्ति और वैधता ( जनता की सहमति ) होती हैं तब उस मनुष्य के पास अथॉरिटी ( सत्ता ) होती हैं राज्य में शक्ति और प्रभाव को बनाये रखने के लिए यह एक महत्वपूर्ण तत्व है
क्योकि किसी राज्य में अनुशासन, नीति और निर्माण या सभी राजनीतिक कार्य सत्ता ( अथॉरिटी ) के आधार पर संभव हैं राजनीतिक विज्ञान में सत्ता ( अथॉरिटी ) को राज्य की व्यवस्था बनाये रखने के लिए शरीर की आत्मा कहते हैं इसीलिए सत्ता हमेशा क़ानूनी होती हैं क्योकि उसके पीछे वैधता ( जनता की सहमति ) होती हैं
Henry Fayol ( हेनरी फेयोल ) – का कहना है कि सत्ता आदेश देने का अधिकार और आदेश का पालन करवाने की शक्ति हैं
Bierstedt – सत्ता शक्ति के प्रयोग का संस्थात्मक अधिकार हैं, वह स्वम शक्ति नबी हैं ——
मैक्स वेबर – मैक्स वेबर एक जर्मन समाजशास्त्री, दार्शनिक और राजनीतिक अर्थशास्त्री थे उन्होंने अपने सिद्धांत के अनुसार, अथॉरिटी के तीन प्रकार का वर्णन किया हैं
- Traditional Authority ( पारंपरिक प्राधिकरण )
- Charismatic Authority ( करिश्माई प्राधिकरण )
- Rational- Legal Authority ( तर्कसंगत- कानूनी प्राधिकरण )
Traditional Authority ( पारंपरिक प्राधिकरण ) – परम्परा या रिति रिवाज के कारण किसी मनुष्य के पास लोगो की अथॉरिटी होना पारंपरिक प्राधिकरण है
Charismatic Authority ( करिश्माई प्राधिकरण ) – जब किसी प्रतिभाशाली व्यक्ति को हम पसंद करतें हैं तो वह मनुष्य करिश्माई मनुष्य हैं उसकी बात को मानना हमे अच्छा लगता हैं तो उस मनुष्य को हमारी अथॉरिटी मिल गई
अब उस अथॉरिटी का अच्छे से उपयोग होना करिश्माई प्राधिकरण ( अथॉरिटी ) हैं उदहारण के लिए,भारत में स्वतंत्रता के लिए महात्मा गांधी का करिश्मा
Rational- Legal Authority ( तर्कसंगत- कानूनी प्राधिकरण ) – यह अथॉरिटी का आधुनिक रूप हैं जिसको कमाया जाता हैं और यह कानून के द्वारा दी जाती हैं
उदहारण के लिए, IAS ऑफिसर, MLA, MP
वैधता का अर्थ क्या है और वैधता की विशेषताएं ( Legitimacy Meaning in Hindi – Meaning Of Legitimacy in Hindi )
किसी काम को करने के लिए हमारे पास जनता की सहमति होना वैधता कहलाती है वैधता एक ऐसा गुण है जो शक्ति को सही अधिकार में बदल देता है मतलब किसी राज्य में सरकार का गठन राज्य में नियम और प्रक्रियाओं का पालन करते हुए होता है
इसीलिए राज्य के द्वारा किये गए सभी काम लोगो की भलाई के लिए किये जातें हैं और राज्य के सभी लोगो के द्वारा इसका पालन करना राज्य के लिए वैधता कहलाती हैं वैधता को औचित्यपूर्णता भी कहा जाता हैं
अरस्तु – ने कहा कि कोई प्रणाली तभी वैध है जब तक वह किसी शासक को नहीं, पुरे समाज के लाभ के लिए संचालित हो रही हो
रूसो – वह सरकार जो सामान्य इच्छा को व्यक्त करती हैं वह वैधता है
David Easton – वैधता शासन के प्रति मजबूत आंतरिक विश्वास है
वैधता की जरुरत राज्य को इसीलिए पड़ती हैं जिससे वह अधिक समय तक लोगो के ऊपर राज कर सके क्योकि राज्य बिना वैधता के लोगो को अधिक समय तक दबा नहीं सकता हैं और राज्य की राजनीतिक स्थिरता को बनाये रखने के लिए वैधता जरुरी हैं
वैधता को कई तरीको से प्राप्त किया जा सकता हैं जिसमे राज्य के माध्यम से वैधता का निर्माण करें, कानून का शासन, समाज कल्याण, अधिकार, प्रचार करना, न्यायिक स्वतंत्रता शामिल हैं
जेरेमी बैंथम के अनुसार, वैधता के तीन Criteria होते हैं
- पहला – शक्ति हमेशा नियमो के हिसाब से होनी चाहिए
- दुसरा – नियमो का निर्माण सरकार और जनसंख्या के लोगो को ध्यान में रखकर बनाने चाहिए
- तीसरा – नियमों का पुरी तरह से पालन होना चाहिए
मैक्स वेबर – मैक्स वेबर एक जर्मन समाजशास्त्री, दार्शनिक और राजनीतिक अर्थशास्त्री थे उन्होंने अपने सिद्धांत के अनुसार, वैधता के प्रकार तीन हैं जिनका नीचे वर्णन किया हैं
- Traditional Legitimacy ( पारंपरिक वैधता )
- Charismatic Legitimacy ( करिश्माई वैधता )
- Rational- Legal Legitimacy ( तर्कसंगत-क़ानूनी वैधता )
Traditional Legitimacy ( पारंपरिक वैधता ) – परम्परा या रिति रिवाज के कारण वैधता का बिल्ड होना उदहारण के लिए, इंग्लैंड की रानी
Charismatic Legitimacy ( करिश्माई वैधता ) – प्रतिभाशाली व्यक्ति के कारण वैधता का बिल्ड होना उदहारण के लिए, भारत में स्वतंत्रता के लिए महात्मा गांधी का करिश्मा
Rational- Legal Legitimacy ( तर्कसंगत-क़ानूनी वैधता ) – यह आधुनिक समाज में कानून के द्वारा प्रदान होने वाली वैधता है जिसमें क़ानूनी तर्कसंगत अधिकार का उपयोग वैध रूप से किया जाता हैं
शक्ति – सत्ता ( अथॉरिटी ) में अंतर बताएं?
शक्ति ( Power ) | सत्ता या अथॉरिटी ( Authority ) |
शक्ति का रूप क़ानूनी होना जरुरी नहीं होता हैं | परन्तु सत्ता का रूप क़ानूनी होना महत्वपूर्ण होता हैं |
शक्ति समाज में एक प्रभाव हैं जिसका उपयोग कोई मनुष्य या संगठन समाज में कर सकता हैं | लेकिन सत्ता शक्ति का क़ानूनी रूप होती है क्योकि सत्ता में शक्ति का उपयोग क़ानूनी रूप से किया जाता हैं |
शक्ति का आधार केवल व्यक्तिगत शक्ति से होता हैं जिसमें व्यक्ति का आकर, हथियारों की संख्या, शरीर की ताकत शामिल हैं | परन्तु सत्ता का आधार अधिकार होता हैं क्योकि सत्ता के पास वैधता होने के कारण उसके पास शक्ति का उपयोग करने का अधिकार होता हैं जो राज्य के पास होता हैं क्योकि वह अधिकार उसे सविधान और जनता से मिले हैं |
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निष्कर्ष
यहाँ हमने शक्ति, अधिकार और वैधता के विषय को अच्छे से सभी स्टूडेंट्स को समझाया हैं एग्जाम के उद्देश्य से यह एक महत्वपूर्ण विषय हैं यूजर को यह लेख ध्यान से पढ़कर अपने एग्जाम के लिए इस विषय को तैयार कर लेना चाहिए
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