Case Study in Hindi: – जब हम केस का नाम सुनते हैं तब भारत में अधिकांश स्टूडेंट को सीआईडी ( CID ) की याद आ जाती हैं आमतौर पर, हमारे दैनिक जीवन में केस शब्द विभिन्न अर्थों में प्रयोग किया जाता है
सामान्य जीवन में वकील अपने क्लाइंट के लिए केस शब्द का उपयोग अधिक करते हैं, इसी तरह एक डॉक्टर अपने रोगियों के केस शब्द का उपयोग करते हैं ऐसी अनेक परिस्थितियाँ होती हैं
परन्तु इन सभी परिस्थितियों में व्यक्ति के बारे में जानकारी एकत्रित की जाती हैं ताकि उसको समस्यात्मक स्थिति से निकालने में उसकी सहायता की जा सकें मनोविज्ञान के अध्ययन के लिए कई विधियों का उपयोग किया जाता है
जिसमे से केस स्टडी मेथड भी प्रमुख विधि हैं जब स्टूडेंट्स मनोविज्ञान में केस शब्द को पढ़ते हैं तब किसी व्यक्ति के बारे में जानकारी एकत्रित करके उसको समस्यात्मक स्थिति से निकालने में उसकी सहायता की जाती हैं
चलिए अब हम यह समझ लेते हैं कि केस स्टडी क्या हैं? ( Case Study Kya Hai ).
केस स्टडी का अर्थ और परिभाषा? ( Case Study in Hindi ) – Case Study Meaning in Hindi? – केस स्टडी की परिभाषा
केस अध्ययन विधि एक ऐसी विधि है जिसमे मनोवैज्ञानिक किसी व्यक्ति के व्यवहार को समझने के लिए उससे सम्बंधित एक विस्तृत इतिहास ( डिटेल हिस्ट्री ) तैयार करते हैं
ऐसे अध्ययन को जिसमे किसी व्यक्ति का बीता इतिहास, वर्तमान परिस्थिति तथा भविष्य की संभावनाएं व्यक्त होती है उसको व्यक्तिगत अध्ययन या केस स्टडी विधि कहा जाता है
व्यक्तिगत अध्ययन, व्यवहार अध्ययन की वह विधि है जिसमे व्यक्ति विशेष का समग्र रूप में उसी के परिवेश में अध्ययन किया जाता हैं ताकि उसके व्यवहार और व्यक्तिगत के सभी पक्षों की जानकारी प्राप्त की जा सकें
इस विधि को मनोवैज्ञानिकों ने चिकित्साशास्त्र ( Medicine ) से ग्रहण किया है और इस विधि का उपयोग नैदानिक मनोवैज्ञानिकों ( Clinical Method ) के द्वारा मानसिक रोगियों के लक्षणों की पहचान करने तथा उसके कारणों का पता लगाने में किया जाता हैं
इसीलिए इस विधि को नैदानिक विधि ( Clinical Method ) भी कहा जाता हैं इस विधि के जन्मदाता फ्रेडरिक लीप्ले थे क्योकि इस विधि का सर्वप्रथम उपयोग वर्ष 1929 में फ्रेडरिक प्ले के द्वारा सामाजिक विज्ञान में किया गया था
वही वर्ष 1967 में बारने ग्लेजर ( Barney Glaser ) एंव एन्सेल्म स्ट्रॉस ( Anselm Strauss ) जैसे समाजशास्त्रियों ने पुन: इसको सामाजिक विज्ञान में नवीन सिद्धांत के रूप में प्रयुक्त किया वर्तमान में केस स्टडी का सार्वाधिक प्रयोग
शिक्षा जगत में किया जा रहा हैं केस अध्ययन विधि के द्वारा व्यक्ति, परिवार, जाति, घटना और संस्था आदि का अध्ययन किया जाता हैं
व्यक्तिगत अध्ययन में व्यक्ति के बारे में किन जानकारियों को एकत्रित किया जाये
- परिचयात्मक विवरण ( Identifying Data )
- जन्म सम्बन्धी जानकारी ( Birth Information )
- स्वास्थ्य सम्बन्धी जानकारी ( Health Record )
- परिवार सम्बन्धी जानकारी ( Family Data )
- सामाजिक-आर्थिक स्थिति ( Socio-Economic Status )
- बुद्धि का स्तर ( Level Of Intelligence )
- शिक्षात्मक जानकारी ( Educational Records )
- पाठ्य सहगामी क्रियाएं ( Co-Curricular Activities )
- समायोजन ( Adjustment )
- कक्षा-कक्ष में व्यवहार ( Behaviour in The Classroom )
- खेल के मैदान में व्यवहार ( Behaviour in The Playground )
- व्यक्तित्व के गुण ( Personality Traits )
- शैक्षिक तथा व्यावसायिक योजना ( Educational and Vocational Plan )
- विश्लेषण ( Analysis )
कुछ अन्य नाम – व्यक्ति इतिहास विधि, जीवन वृत्त विधि, वैयक्तिक अध्ययन विधि, नैदानिक विधि, व्यक्तिगत अध्ययन
गुडे और हैट – ने कहा कि वैयक्तिक अध्ययन विधि वह विधि हैं जिसके द्वारा किसी सामाजिक इकाई के सम्पूर्ण स्वरूप का अध्ययन किया जाता हैं
बिसैंज और बिसैंज – ने कहा कि वैयक्तिक अध्ययन विधि एक प्रकार की गुणात्मक व्याख्या हैं जिसमे एक व्यक्ति एक परिस्थिति या एक संस्था का अति सावधानी से और पूर्ण अध्ययन किया जाता है
पी. वी यंग – ने कहा कि वैयक्तिक अध्ययन वह विधि है जिसके द्वारा सामाजिक इकाई के जीवन की खोज और विवेचना की जाती हैं यह इकाई एक व्यक्ति, एक परिवार, एक संस्था, एक सामाजिक वर्ग या समुदाय कुछ भी हो सकता हैं
क्रो एंव क्रो – ने कहा कि केस अध्ययन विधि का मुख्य उद्देश्य किसी समस्या का निदान करना हैं
केस अध्ययन विधि में केस का विवरण ( डिटेल ) तैयार करते समय मनोवैज्ञानिक निम्न तथ्यों ( फैक्ट्स ) पर ध्यान देते हैं
- प्रारंभिक सूचनाएं ( Preliminary Information ) – व्यक्ति का नाम, आयु, यौन, शिक्षा, व्यवसाय, सामाजिक स्तर, परिवार में सदस्यों की संख्या आदि |
- गत इतिहास ( Past History ) – गर्भधारण से अब तक का इतिहास
- वर्तमान अवस्था ( Present Condition ) – व्यक्ति की वर्तमान अवस्था का लेखा जोखा मतलब बुद्धि का स्तर, शैक्षिक उपलब्धि, रुचियाँ, संवेगात्मक स्तर, अभिक्षमता आदि
केस अध्ययन विधि में सूचनाओं के स्त्रोत ( केस स्टडी मेथड )
प्राथमिक स्त्रोत ( Primary Source Or Field Source ) – अध्ययन क्षेत्र ( फील्ड ) में जाकर सूचनाएं एकत्र करना मतलब व्यक्ति, उसके परिवार, रिश्तेदार, पास-पड़ोस, मित्रों से सूचनाएं प्राप्त करना |
प्राथमिक स्त्रोत से सूचनाएं प्राप्त करने के लिए निरिक्षण, साक्षात्कार, अनुसूची, प्रश्नावली, मुक्त साहचर्य, मनोवैज्ञानिक परीक्षण आदि विधियों का प्रयोग किया जाता हैं
द्वितीयक स्त्रोत ( Secondary Or Documentary Source ) – व्यक्ति की बीमारियों और दुर्घटनाओं का विवरण, शैक्षिक पृष्ठभूमि, स्कूल रिकॉर्ड, प्रमाण पत्र, पुरस्कार, फोटो एल्बम, वंशावली, डायरियों, पत्र, जीवन गाथा (बायोग्राफी ) |
Case Study Data Sheet – इसमें अलग अलग तरह के प्रश्न होते है जिसको आप प्रश्नावली समझ सकते है क्योकि इसमें व्यक्ति की समस्या से सम्बंधित विभिन्न प्रश्न होते हैं जिनके उत्तर उसे देने होते हैं
केस स्टडी के चरण ( स्टेप बाई स्टेप ) – केस स्टडी की प्रक्रिया
- केस को समझना ( Understanding The Case )
- समस्या का चयन करना ( Selecting The Problem )
- समस्या के कारणों का पता लगाना ( Finding Out The Causes Of The Problem )
- संभव समाधानों के बारे में सोचना ( Thinking Of Possible Solutions )
- बेहतरीन समाधान का चुनाव करना ( Selecting The Best Solution )
- मूल्यांकन करना ( To Evaluate )
केस अध्ययन विधि के गुण ( व्यक्तिगत अध्ययन के विशेषताएँ )
- इस विधि में अध्ययन इकाई का सूक्ष्म और गहन अध्ययन होता हैं मतलब उसके बारे में काफी डीप स्टडी की जाती हैं
- इस विधि में अध्ययन इकाई के सम्पूर्ण स्वरूप का अध्ययन किया जाता हैं मतलब उसके गर्भधारण से लेकर अब तक की सभी सूचनाएं इकट्ठी की जाती है जिसके कारण यह एक तरह से डिटेल स्टडी हो जाती है
- इस विधि में तथ्यों का व्यवस्थित संकलन किया जाता हैं क्योकि कई सारे स्त्रोत से सूचनाएं इकट्ठा की जाती है तो उनका व्यवस्थित तरीके से रिकॉर्ड किया जाता हैं
- मानसिक रोगियों, बाल अपराधियों और समस्यात्मक बालकों के अध्ययन के लिया यह बहुत उपयोगी विधि हैं
- यह एक लचीली विधि हैं इसमें आवश्यकतानुसार अन्य अध्ययन विधियों और यंत्रों का प्रयोग होता हैं मतलब जरुरत के हिसाब से इसमें अन्य विधियों का भी उपयोग किया जाता हैं
- इसमें किसी व्यक्ति का अध्ययन करके उसके बारे में जानकारी एकत्र की जाती है
- शिक्षा, व्यापार, कानून, मेडिकल इत्यादि क्षेत्रों में यह अध्ययन की जाती हैं
- यह एक व्यक्ति को केंद्र में रखकर किया जाता हैं उदहारण के लिए, एक स्टूडेंट एक ही कक्षा में लगातार फेल हो रहा है तो उसका व्यक्तिगत अध्ययन किया जा सकता हैं
इसमें विस्तृत जाँच पड़ताल करके, आँकड़ें को एकत्रित करके, उसका विश्लेषण कर यह जानने की कोशिश होती है कि स्टूडेंट बार बार क्यों फेल हो रहा हैं
- यह विधि निदानात्मक एंव उपचारात्मक शिक्षण की उपयोगी विधि है
- इस विधि के आधार पर बौद्धिक अक्षम बालकों के उपचारात्मक शिक्षण की व्यवस्था की जा सकती हैं
- यह विधि निर्देशन तथा परामर्श की द्रष्टि से श्रेष्ठतम विधि हैं
- मनोविश्लेषण एंव अन्य विषयों के साथ प्रयोग किये जाने पर इस विधि से प्राप्त परिणाम सार्थक होते है
केस अध्ययन विधि के दोष
- एक समय में एकल इकाई ( Single Unit ) का अध्ययन किया जाता हैं क्योकि इसमें काफी डिटेल में स्टडी होती है जिसके कारण एक साथ कई इकाई का अध्ययन करना संभव नहीं होता हैं
- इस विधि से अध्ययन करते समय बहुत सारे व्यर्थ की सूचनाओं और तथ्यों इकट्ठे हो जाता हैं क्योकि इसमें व्यक्ति की समस्या का काफी सूक्ष्म ( डीप ) स्टडी होता है जिसमे उससे सम्बंधित जो भी सूचना होती है उसको प्राप्त किया जाता हैं
- इस विधि से प्राप्त सूचनाओं की विश्वसनीयता की कोई गारंटी नहीं होती हैं क्योकि कई बार अगर रिश्तेदार उस व्यक्ति के लिए अच्छी भावना रखते है तब उसके अच्छे को बड़ा चडाकर बताते हैं और उसके दोष छुपा लेते हैं
परन्तु, इसके विपरीत अगर रिश्तेदार उस व्यक्ति को पसंद नहीं करते हैं तब ऐसी स्थिति में उसके गुण को छुपाकर दोषों को बड़ा चड़ाकर बताने का कार्य करते है
- इस विधि के लिए बहुत कुशल, प्रशिक्षित और अनुभवी मनोवैज्ञानिकों की आवश्यकता होती हैं जिनकी बहुत कमी हैं
- इस विधि में अध्ययन इकाई का मात्रात्मक अध्ययन न होकर गुणात्मक अध्ययन होता हैं
- इस विधि में अध्ययन दीर्धकालिक होता हैं जिसके लिए धैर्य की आवश्यकता होती हैं क्योकि इसमें डिटेल अध्ययन किया जाता हैं
- यह विधि अन्य विधियों अपेक्षा अधिक खर्चीली विधि होती हैं क्योकि इसमें कई स्त्रोत से इनफार्मेशन लेनी होती है
व्यक्तिगत अध्ययन के उद्देश्य ( केस स्टडी इन साइकोलॉजी )
- व्यक्ति की व्यवहार सम्बन्धी समस्याओं का निदान और उपचार करना
- मनुष्य को बेहतर मार्गदर्शन एंव परामर्श प्रदान करना
व्यक्तिगत अध्ययन के लाभ
- इसमें एक बालक ( मनुष्य ) के व्यवहार से जुडी हुई सभी बातों का उसके परिवेश में अध्ययन किया जाता हैं
- इस अध्ययन से बालक ( मनुष्य ) के व्यवहार और उसके कारणों के बारे में ज्ञान संभव हो पाता हैं
- समस्यात्मक और असमायोजित बालकों ( मनुष्य ) के व्यवहार का अध्ययन कर उनके समायोजन में उचित सहायता प्रदान करने में यह विधि उपयोगी हैं
- इस विधि में अध्ययन के परिणाम परिश्रम से तैयार होने के कारण अधिक विश्वसनीय हो सकते है
केस अध्ययन विधि की आधारभूत मान्यताएं
१. मानवता व्यवहार की समानता – केस अध्ययन विधि की प्रमुख मान्यता यह है कि मानव व्यवहार में मौलिक एकता पायी जाती है समान परिस्थितियों में सभी मनुष्यों के व्यवहार में समानता पायी जाती हैं,
क्योकि उनकी मूल प्रकृति, प्रेरक एंव प्रवृत्तियों में भी समानता पायी जाती हैं
२. समय तत्व का प्रभाव – मानवीय व्यवहार एंव किसी घटना पर समय तत्व का भी प्रभाव पड़ता हैं आज घटने वाली प्रत्येक घटना भूतकाल की अनेक घटनाओं एंव प्रभावों का प्रतिफल है
अत: किसी भी घटना को समझने के लिए उसका भूतकाल जानना अति आवश्यक हैं इस अध्ययन पद्धति में घटना को कालक्रम में कार्य कारण संबंधों के आधार पर देखा जाता है
३. सामाजिक घटनाओं की जटिलता – सामजिक घटनाओं की जटिलता के कारण उन्हें आसानी से समझा नहीं जा सकता है मानव व्यवहार अमूर्त होता है जिसके कारण उसे ज्ञात करना कठिन होता हैं मानव व्यवहार की जटिलता का अध्ययन इसी विधि द्वारा संभव हैं
४. सम्पूर्ण अध्ययन – केस अध्ययन पद्धति में सभी पक्षों का अध्ययन किया जाता हैं न कि किसी एक पक्ष का | इसमें समय अवश्य अधिक लगता हैं, किन्तु जीवन की सम्पूर्णता में ही वास्तविक अध्ययन संभव हैं
५. परिस्थितियों की पुनरावृत्ति – मानव व्यवहार पर परिस्थितियों का प्रभाव पड़ता हैं मनुष्य एक ही परिस्थिति में किस प्रकार का व्यवहार करता है, यह एक इकाई के सम्पूर्ण अध्ययन के द्वारा ज्ञात किया जा सकता है
केस स्टडी के प्रकार ( Types Of Case Study ) – Case Studies in Hindi
- व्यक्ति का अध्ययन
- समुदाय का वैयक्तिक अध्ययन
व्यक्ति का अध्ययन – इसके अंतर्गत किसी व्यक्ति के सम्पूर्ण जीवन अथवा जीवन की किसी विशेष घटना का अध्ययन किया जाता है व्यक्ति के परिवार के सदस्यों एंव उससे सम्बंधित व्यक्तियों से संपर्क करके उसके विषय में आवश्यक सूचनाएँ संकलित की जाती है
इस विधि में व्यक्ति के परिवार में उसके सदस्यों, पड़ोस, मित्र-मण्डली, पात्र-डायरी, आत्मकथा लेख, संस्मरण एंव जीवन इतिहास आदि स्त्रोत से जानकारी प्राप्त की जाती है
समुदाय का वैयक्तिक अध्ययन – इसके अंतर्गत किसी समूह, संस्था, जाति अथवा समुदाय का अध्ययन किया जाता है
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निष्कर्ष
यह लेख मनोविज्ञान के केस अध्ययन विधि को अच्छे से समझाने के लिए लिखा गया हैं क्योकि ग्रेजुएशन करने वाले स्टूडेंट के लिए यह लेख अत्यंत महत्वपूर्ण हैं
मैं यह उम्मीद करता हूँ कि कंटेंट में दी गई इनफार्मेशन आपको पसंद आई होगी अपनी प्रतिक्रिया को कमेंट का उपयोग करके शेयर करने में संकोच ना करें अपने फ्रिड्स को यह लेख अधिक से अधिक शेयर करें
लेखक – नितिन सोनी
नमस्ते! मैं एनएस न्यूज़ ब्लॉग पर एक राइटर के रूप में शुरू से काम कर रहा हूँ वर्तमान समय में मुझे पॉलिटिक्स, मनोविज्ञान, न्यूज़ आर्टिकल, एजुकेशन, रिलेशनशिप, एंटरटेनमेंट जैसे अनेक विषयों की अच्छी जानकारी हैं जिसको मैं यहाँ स्वतंत्र रूप से शेयर करता रहता हूं मेरा लेख पढने के लिए धन्यवाद! प्रिय दुबारा जरुर आयें